UP सिपाही भर्ती परीक्षा कई दिनों से चर्चा में बनी हुई. चाहे वो पेपर लीक का मामला हो या अभ्यर्थी धर्मेंद्र कुमार के एडमिट कार्ड पर सनी लियोनी का नाम और फोटो का होना। दरअसल,यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा 17 और 18 फरवरी, 2024 को हुई थी. इसके लिए उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. 48 लाख अभ्यर्थियों ने यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा दी थी. इनमें 16 लाख महिला अभ्यर्थी भी शामिल हैं. यूपी पुलिस परीक्षा 60244 रिक्त पदों पर योग्य उम्मीदवारों की भर्ती के लिए आयोजित की गई थी.जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा सहित कई राज्यों के अभ्यर्थियों ने यह परीक्षा दी थी. UP सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक होने की खबरो के बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा ऐलान किया है.
सरकार ने शनिवार को राज्य के विभिन्न जिलों में हुई पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द कर दिया है. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की 11 फरवरी को आयोजित समीक्षा अधिकारी- सहायक समीक्षा अधिकारी प्रारंभिक परीक्षा 2023 से जुड़ी शिकायतों की भी जांच की जाएगी. मुख्यमंत्री योगी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”उप्र पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा-2023 को निरस्त करने और छह माह के भीतर दोबारा परीक्षा कराने के आदेश दिए गये हैं.” उन्होंने कहा कि ”परीक्षाओं की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता. युवाओं की मेहनत से खिलवाड़ करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे. ऐसे अराजक तत्वों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी तय है.” उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ की घोषणा के बाद लखनऊ के eco गार्डन में अभ्यर्थियों ने जश्न मनाया। और साथ ही मुख्यमंत्री योगी का धनयवाद भी किया।
UP सिपाही भर्ती परीक्षा के रद्द करने के अहम कारण
1. UP सिपाही भर्ती परीक्षा 17 व 18 फरवरी को दो-दो पालियों में आयोजित होनी थी। पहले दिन पहली पाली की परीक्षा के दौरान ही सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म में कुछ प्रश्न पत्र और आंसर की वायरल होने लगे। जो प्रश्न पत्र पहले दिन पहली पाली में वायरल हुआ वह दूसरी पाली के प्रश्न पत्र से काफी मिलता जुलता था। इसी तरह दूसरे दिन भी शाम की पाली का प्रश्न पत्र वायरल हुआ। जिसके चलते पूरी परीक्षा सवालों के घेरे में आ गई।
2. परीक्षा निरस्त होने की बड़ी वजह अभ्यर्थियों की एकजुटता भी रही। प्रदेश के कई हिस्सों में पेपर लीक के आरोप लगाते हुए अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिए। प्रदर्शन की आंच लखनऊ तक पहुंच गई। जिससे परीक्षा निरस्त करने का दबाव बढ़ने लगा।
3. सरकार को परीक्षा निरस्त करने का दबाव तब और भी बढ़ गया जब विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं ने सरकार को घेरना शुरू किया और नेता अभ्यर्थियों के प्रदर्शन में हिस्सा लेने लगे।
4. उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने परीक्षा के अगले दिन ही पेपर लीक समेत अन्य कमियों की जांच के लिए एक आंतरिक कमिटी का गठन किया था। साथ ही अभ्यर्थियों से पेपर लीक के संबंध में प्रत्यावेदन मांगे थे। बड़ी संख्या में प्रत्यावेदन व साक्ष्य बोर्ड को भेजे गए जिन्हें जांच में सही पाया गया।
5. पेपर शुरू होने से पहले वायरल हुए प्रश्न पत्रों का परीक्षा स्थल पर बांटे गए प्रश्न पत्रों से मिलान होना भी परीक्षा निरस्त होने की एक बड़ी वजह बना। परीक्षा में 48 लाख से अधिक परीक्षार्थी पंजीकृत थे। ऐसे में इनके आक्रोश का व्यापक असर दिखने लगा था।