रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने परमाणु युद्ध की तैयारी करते हुए, बेलारूस में तेहनात की परमाणु बम की मिसाइल्स , जिनका कंट्रोल रूस के पास ही होगा बता दे की ऐसा 32 साल बाद पहली बार हुआ है की रूस ने अपने परमाणु मिसाइल्स कही और तेहनात की हैं !
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पुतिन का परमाणु खेल !
रूस(Russia) और बेलारूस की दोस्ती का नया रंग दुनिया के सामने आ रहा हैं, हाल ही की तजा खबरों के मुताबिक रूस ने अपने कई टैक्टिक्स (Tactics) परमाणु मिसाइल्स बेलारूस में लगा दी हैं, जिनका मुँह यूक्रेन की तरफ कर दिया हैं, बता दे की 15 महीने पहले भी रूस (Russia) ने बेलारूस को ही रूस-यूक्रेन युद्ध में लॉन्च पैड की तरह इस्तेमाल किया था,क्युकी बेलारूस की सीमा रूस(Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के साथ की लगती हुई हैं ,ये खबर तब सामने आयी जब बेलारूस (Belarus) के राष्ट्रपति ने बेलारूस (Belarus) के सरकारी न्यूज़ चैनल से हुए इंटरव्यू में कहा की इन हथियारों को रखने के लिए सोवियत संघ के समय के छह परमाणु ठिकानों को ठीक किया गया हैं । लुकाशेंको ने ये भी कहा हैं कि वो रूस के परमाणु हथियारों को अपने बॉर्डर वाले इलाकों पर तैनात करेंगे। लुकाशेंको ने कहा, अगर जरूरत पड़ी तो हम इन हथियारों का इस्तेमाल करने से हिचकिचाएंगे नहीं। इसकी मंजूरी के लिए मुझे सिर्फ पुतिन (Putin) को फोन करने की जरूरत होगी ! पुतिन ने एक सम्हारो के वक़्त कहा की ‘यह उन सभी लोगों के खिलाफ एक निवारक उपाय है जो रूस और उसकी रणनीतिक हार के बारे में सोचते हैं ‘ !
32 साल बाद बेलारूस की धरती पर फिर परमाणु बम !
राष्ट्रपति पुतिन (Putin) के बयांन से इस बात पर मोहर मानी जा रही हैं, की बेलारूस कि धरती पर रूस (Russia) की परमाणु बम का ज़खीरा पहुंच गया हैं ,1991 के बाद पहली बार रूस (Russia) ने विदेशी धरती पर परमाणु हथियार तैनात किए हैं, लुकाशेंको (Lukashenko) की बात करें तो वह लगभग 30 साल (1994) से सत्ता में बने हुए हैं. 2020 में लुकाशेंको लगातार छठवीं बार बेलारूस के राष्ट्रपति चुने गए थे, हालांकि उनके इस चुनाव को लेकर बहुत विवाद हुआ और जनता में आक्रोश भी देखने को मिला था , साथ इस परमाणु मिसाइल्स को लेकर बेलारूस की Opposition की नेता स्वेतलना ने कहा की “रूस के लोगो ने एक पागल सनंकी को अपने देश की सत्ता दे दी हैं, जो दुनिया को मिटने की सनक रखता हैं” 1991 अलेक्जेंडर लुकाशेंको (Aleksandr Lukashenko) एक लोते ऐसे नेता थे जो सोवियत संघ (Soviet Union) से टूटने के विरोधी थे !
और कहा-कहा मौजूद हैं परमाणु मिसाइल्स ?
जब सोवियत संघ (Soviet Union) एक था, तो उसके परमाणु हथियार सदस्य देशों में तैनात थे. 1991 में सोवियत संघ (Soviet Union) के टूटने के बाद यूक्रेन, बेलारूस (Belarus) और कजाकिस्तान समेत बाकी सदस्यो ने अपने परमाणु हथियार वापस दे दिए थे, जिसके बाद रूस की सीमा से बाहार कभी भी अपने परमाणु बम नहीं भेजे थे ,परमाणु अप्रसार संधि पर सोवियत संघ ने भी दस्तखत किए थे. ये संधि कहती हैं कि कोई परमाणु संपन्न देश किसी गैर-परमाणु देश को न तो परमाणु हथियार दे सकता हैं और ना ही उसकी टेक्नोलॉजी दे सकता हैं, रूस (Russia) का इस पर कहना हैं की उसने किसी भी प्रकार की संधि का उलंधन नहीं किया हैं, उन मिसाइल्स को वहा प्लांट किया गया हैं जिसका रिमोर्ट सिर्फ और सिर्फ रूस के पास ही होगा ! वही अमेरिका ने भी यूरोप (Europe) के कई देश जैसे इटली, जर्मनी, तुर्की, बेल्जियम और नीदरलैंड्स में अपनी मिसाइल्स प्लांट की हैं, न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इन हथियारों का वजन 0.3 से लेकर 170 किलो टन तक हैं , वही बता दे की जो बम जापान में 1945 को डाला गया था , वह केवल 15 kg ton का था ! बता दे की ये सभी मिसाइल्स टेस्टिकल्स (Tactics) हैं !
cold war के बाद अमेरिका और रूस (Russia) , दोनों ने ही अपने परमाणु हथियारों की संख्या कम की थी, लेकिन अब भी दुनिया में सबसे ज्यादा हथियार इन्हीं दोनों देशों के पास है , फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट का अनुमान है कि रूस के पास 5,977 और अमेरिका के पास 5,428 परमाणु हथियार हैं !