Water Train : राजस्थान सरकार द्वारा अब Water Train की सहायता से एक जगह से पानी भरकर दूसरी जगह तक ले जाया जाएगा। और इस साल भी ये Water Train चलाई जाएगी जो कि जोधपुर से लेकर पाली तक का सफर तय करेगीं। बताया जा रहा है कि इस बार इन दोनों शहरों के बीच सबसे लम्बे समय तक यह Water Train चलाई जा सकती है। इस काम की सारी तैयारियां की जा चुकी है और यह ट्रेन जोधपुर से रवाना हो चुकी हैं। ये ट्रेनें दिन में दो बार चलेगी ।
आपने गर्मी के समय लोगों को अलग-अलग बर्तन में पानी ढोते हुए तो देखा ही होगा। भारत में मिलने वाले डिब्बे, गैलन ये सभी पानी ढोने का ट्रेडमार्क बन चुके हैं लेकिन सरकारों ने इससे एक कदम आगे जा कर इस काम के लिए ट्रेनों को लगा दिया हैं, राजस्थान में कुछ ऐसा ही होने जा रहा हैं वो भी पानी ढोने के लिए।
बढ़ती गर्मी के चलते इस साल देशभर में नींबू महंगा (lemon price) हो गया लोग सोशल मीडिया पर नींबू के बढ़ते कीमत को लेकर लतीफे बना रहे वह गर्मी आने के साथ भारत में जगह-जगह पानी की किल्लत हम सभी झेलते है और राजस्थान उन राज्यों में सबसे आगे हैं जहां लोग पानी की किल्लत को सबसे ज्यादा झेलते है ऐसे में सरकारों ने जल स्रोतों को बचाने की जगह एक नया रास्ता निकाल लिया है।
Water Train को जोधपुर के भगत की कोठी स्टेशन से रवाना हुई है जिसे राज्यसभा सांसद राजेन्द्र गहलोत और विधायक मनीषा पवार इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। रेल्वे तथा जलदाय विभाग सभी अपने कार्य में लगे हुए हैं।प्रशासन की पूरी तैयारी रहेगी की वह दिन मे दो बार पानी पानी पहुंच सकें। ट्रेनें एक बार पाली पहुंच कर वापस खालीआएगीं।
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अब इसे कुदरत की मार कहें या क्लाइमेट चेन्ज पर गर्मी के समय में हर साल राजस्थान में ट्रेनों की मदद से पानी की पूर्ति की जा रही हैं। और इस साल ये सबसे लम्बी दुरी तय करने जा रही है, चलिये जानते है ये काम ट्रेनों की मदद से कैसे किया जाता है इसमे कितना खर्चा आता हैं सब कुछ जानेगें विस्तार से आज के इस वीडियो में।
कितना पानी? कितना खर्चा? Water Train चलाने में –
वाटर ट्रेनों का कॉन्सेप्ट नया नहीं है ये राजस्थान में 2 दशकों से चलाई जा रही है पर इस बार ये सबसे अधिक समय तक अपनी सेवा प्रदान करेंगी। जिससे पाली के लोगो की पानी की समस्याएं हल होगीं।
मानसून के आने तक ये ट्रेनें एक बार में कुल 40 वेगन बोगी के साथ 20 लाख लीटर पानी एक बार में ढोकर जोधपुर से पाली ले जाएगी। अब खर्चे की बात करते है ट्रेन को एक बार पानी से पूरा भर जोधपुर से पाली तक ले जाने का खर्चा चार से साढ़े चार लाख तक का आएगा यानी दिन में जितने चक्कर उतना खर्चा।
ऐसा अनुमान है कि 1 मई से ये ट्रेनें दिन के चार चक्कर लगाएगी यानी प्रतिदिन 18 से 20 लाख और महीने के 5 करोड़ का खर्चा। अभी ट्रेनें जोधपुर नहीं पहुंची है इनकी धुलाई कोटा तथा रतलाम में हो रही है इसके बाद यह ट्रेनें पहुँचने के 3 दिन बाद जोधपुर से चलने को तैयार हो जाएगी।
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राजस्थान की पिंक सिटी भी है जल संकट में लोग सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे। महिलाओं ने भी इसमें हिस्सा लिया और मटके को फोड़ कर विरोध प्रदर्शन दिखाया। लोग बता रहे कि वे टैंकर माफिया से भी परेशान हैं।
उम्मीद है राजस्थान की सरकार पानी की समस्या से निपटने के लिए जल स्त्रोतों की देखभाल पर भी खर्च करेंगी। वृक्षारोपण, सोख्ता गड्ढा, वाटर हार्वेस्टिंग जैसे पानी को बचाने वाले उपायों पर भी लोगों और हमारे नेताओं का ध्यान जाएगा। बाकी आपको ये वीडियो कैसा लगा उसके बारे में कमेट जरूर करें,, अच्छी लगे तो वीडियो को शेयर भी करें।