सुभाषचंद्र कुमार
समस्तीपुर पूसा। अब तेरे शहर में न आउंगा, अपनी दुनिया अलग बसाउंगा कहकर अपनी अलग दुनिया बसा चुके मौसिकी के मशहूर फनकार, गायकी के कुशल शिल्पी मरहूम उस्ताद मजीद खां मीम को ओईनी स्थित शारदा सावित्री अनिल संगीत महाविद्यालय के छात्रों ने समारोह पूर्वक श्रद्धांजली दी। इंस अवसर पर सबसे पहले महाविद्यालय के संस्थापक सचिव अरूण कुमार सिंह ने स्मृति शेष उस्ताद मजीद खां साहब के छाया चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पांजली अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजली दी और करतल ध्वनि एवं वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दीप प्रज्वलित कर इस अवसर पर आयोजित समर्पण संगीत संध्या का विधिवत उद्घाटन किया।
अपने उद्घाटन संबोधन में श्री सिंह ने कहा कि आवाज के कुशल शिल्पी थे उस्ताद मजीद खां साहब। एक एक स्वर को उसके महत्व के हिसाब से प्रस्तुत करने की खासियत उन्हें उनके समकालीन उस्तादों व गुरूजनों से अलग करती है।
बच्चों को बताने के क्रम में वे इन चीजों पर खास ध्यान देते थे। तदुपरांत महाविद्यालय के संस्थापक सह खां साहब के शिष्य डाॅ सुनील कुमार सिंह के मार्गदर्शन में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने गुरूवंदना के साथ समारोह को दिशा दी।
खां साहब की बंदिशों, यथा ख्याल, गीत, गजल, भजन आदि से ऐसा समां बांधा कि वक्त कब गुजरा ये अहसास भी नहीं हुआ। इस दौरान बच्चों ने पेंटिंग के माध्यम से भी खां साहब को अपनी श्रद्धांजली दी।
मौके पर मशहूर तबला वादक विष्णुदवे भंडारी, संतोष कुमार, नंद किशोर, प्रभात कुमार सिंह तुलसी, अनामिका, नेहा, शिवम, आशीष, चांदनी, राजन, प्रिया, श्याम, खुश्बू, राखी, मनीष, शिवानी, गौरव, सौरभ, हर्ष कश्यप, सोनू, अशीष आनन्द, गंगोत्री, तौकीर आलम उर्फ लड्डू जी आदि ने मनोहारी प्रस्तुति दी।