ओला और ऊबर ड्राईवरों ने कहा कि हमारे सामने भारी समस्या है। कंपनी अपनी मार्जिन ले लेती है सरकार अपना टैक्स ले लेती है, हमारे पास कुछ ज्यादा बचता ही नहीं है लेकिन कोई ऑप्शन भी नहीं है।
सी.एस. राजपूत
नई दिल्ली। सीएनजी की कीमत पेट्रोल की कीमत के बराबर होने पर लोगों का गुस्सा बढ़ गया है। लोगों का कहना है कि यही हालत रही तो उनके सामने गाड़ी बेचने की नौबत आ सकती है। उनका कहना है कि अब तो साइकिल चलाने का दौर आना चाहिए। लोगों ने आरोप लगाया कि एक तरफ सरकार ग्रीन फ्यूल की बात करती है तो दूसरी ओर ग्रीन फ्यूल के रेट बढ़ाती जा रही है। इससे ऐसा लगता है कि सरकार लोगों को ठग रही है। सीएनजी की कीमतें बढ़ने से सबसे ज्यादा परेशानी टैक्सी वालों को हो रही है।
लखनऊ में सीएनजी के रेट बढ़ने पर आक्रोशित टैक्सी चालकों ने सरकार पर अपनी भड़ास निकाली। कहा कि सरकार ईंधन की कीमतें बढ़ाकर हमें अपनी जीविका के साधन को बंद करने के लिए विवश कर रही है। कहा कि ओला और ऊबर चालकों के सामने भारी समस्या है। कंपनी अपनी मार्जिन ले लेती है, सरकार अपना टैक्स ले लेती है। हमारे पास कुछ ज्यादा बचता ही नहीं है लेकिन कोई आप्शन भी नहीं है। लखनऊ के विभिन्न सीएनजी स्टेशनों पर टैक्सी और ओला ऊबर ड्राइवरों में गुस्सा साफ दिख रहा है। उनका कहना है कि ऐसे में हमारा पर्यावरण की रक्षा का संकल्प पूरा नहीं हो पाएगा।
इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी को अगले दो महीन में १०० इले्ट्रिरक वाहन चार्जिंग स्टेशन मिलेंगे। केजरीवाल ने ऐसे ११ चार्जिंग स्टेशन का उद्घाटन किया और कहा कि इन चार्जिंग स्टेशनों पर बैटरी बदलने की सुविधा भी उपलब्ध होगी। इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी को अगले दो महीने में १०० इले्ट्रिरक वाहन चार्जिंग स्टेशन मिलेंगे। केजरीवाल ने ऐसे ११ चार्जिंग स्टेशन का उद्घाटन किया और कहा कि इन चार्जिंग स्टेशनों पर बैटरी बदलने की सुविधा भी उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि इससे पहले बैटरी बदलने के केंद्र और चार्जिंग स्टेशन अलग-अलग होते थे लेकिन अब सुविधा एक ही जगह उपलब्ध होगी। इन ११ स्टेशनों पर चार्जिंग के ७३ प्वाइंट हैं। अगले दो महीने में दिल्ली को १०० चार्जिंग स्टेशन मिलेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इनमें से अधिकतर चार्जिंग स्टेशन मेट्रो स्टेशनों पर स्थापित किये रहे हैं ताकि लोग अपने वाहनें को चार्जिंग स्टेशनों पर छोड़कर मेट्रो से अपने गंतव्य तक जाएं और वापस आने पर फिर से पूरी तरह से चार्ज वाहन लेकर घर लौट सकें।