Unemployment in India : चरम पर पहुंची बेरोजगारी दर

0
228
Unemployment in India, Poor Condition of Villages, CMIE Statistics, Impact on Workers
Spread the love

Unemployment in India : जून के महीने में दर्ज की गई 7.8  प्रतिशत

Unemployment in India : देश में  एक बार फिर बेरोजगारी का दर बढ़कर हमारे सामने आ गई है। आर्थिक शोध संस्थान सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों के मुताबिक, बेरोजगारी दर जून में बढ़कर 7.8 प्रतिशत पर पहुंच गई है। Unemployment in India के आंकड़ों की मानें तो Poor Condition of Villages
वाली स्थिति है। जून महीने में ग्रामीण क्षेत्रों के रोजगार में कमी आने से बेरोजगारी दर बढ़कर 8.03 फीसदी तक पहुंची है। मई महीने में यह 7.3 प्रतिशत पर थी। हां अगर हम शहरी क्षेत्रों  के आंकड़ों पर नज़र डालें तो यहां स्थिति थोड़ी बेहतर दिखाई देती है। यहां बेरोजगारी दर जून महीने में 7.3 प्रतिशत दर्ज की गई थी, जबकि मई महीने में ये 7.12 प्रतिशत थी।

Unemployment in India, Poor Condition of Villages, CMIE Statistics, Impact on Workers

Also Read : घातक साबित हो रही राजनीतिक दलों से प्रभावित पत्रकारिता

दरअसल, पिछले महीने कृषि क्षेत्र में 1.3 करोड़ लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा था, जिस कारण बेरोजगारी दर और बढ़ गई है, क्योंकि गावों में कृषि क्षेत्र में गतिविधियां सुस्त हो गई हैं। जबकि जुलाई महीने में बुवाई शुरू होने से स्थिति में बदलाव देखा जा सकता है।

CMIE Statistics : CMIE के मुताबिक बिना किसी लॉकडाउन वाले महीनों के दौरान, रोजगार में यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। वहीं सीएमआई के निदेशक का यह भी कहना है कि जुलाई में इसके उलट होने की सबसे अधिक संभावना है, क्योंकि इस समय बुवाई शुरू की जाती है।  वहीं चिंताजनक बात यह है कि जून 2022 में वेतनभोगी कर्मचारियों के बीच 25 लाख नौकरियों में गिरावट देखी गई है। CMIE Statistics के अनुसार हरियाणा में बेरोजगारी सबसे उच्चतम, 30.6 फीसदी, राजस्थान में 29.8 फीसदी, असम और जम्मू-कश्मीर में 17.2 फीसदी और बिहार में 14 फीसदी रही है।
वहीं सीएमआईई के प्रबंध निदेशक महेश व्यास का कहना है कि अन्य कामगार श्रमिक बाजार से बाहर हुए हैं, जिसके चलते कार्यबल में एक करोड़ की कमी आई है। उन्होंने कहा कि यह कमी मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्रों में हुई है। साथ ही काफी हद तक यह श्रमिकों के पलायन का मामला है, न कि आर्थिक नरमी का।
Unemployment in India, Poor Condition of Villages, CMIE Statistics, Impact on Workers
व्यास ने कहा, ‘‘यह चिंताजनक है कि इतनी बड़ी संख्या में Impact on Workers हुआ है। उन्होंने कहा कि दूसरा चिंताजनक CMIE Statistics जून, 2022 में वेतनभोगी कर्मचारियों की 25 लाख नौकरियों के घटने का है। जून में वेतनभोगी नौकरियों में कमी को लेकर भी चिंता बढ़ी है। सरकार ने सशस्त्र बलों की मांग को कम कर दिया है और निजी  जून में वेतनभोगी नौकरियों में कमी को लेकर भी चिंता बढ़ी है।
सरकार ने सशस्त्र बलों की मांग को कम कर दिया और निजी इक्विटी-वित्त पोषित नौकरियों में अवसर भी कम होने लगे। केवल अच्छे मानसून से ये नौकरियां नहीं बच सकतीं। अर्थव्यवस्था को इस तरह की नौकरियों को बचाने और उत्पन्न करने के लिए निकट भविष्य में तेज गति से वृद्धि की जरूरत है। Unemployment in India आखिर कैसे तय होती है : दरअसल CMIE हर महीने 15 से अधिक उम्र के लोगों का घर-घर जाकर सर्वे करता है और उनसे रोजगार की स्थिति की जानकारी लेता है, फिर इसके बाद जो परिणाम मिलते हैं उनसे रिपोर्ट तैयार की जाती है।
-स्वाति तिवारी 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here