WORRY ABOUT COAL SHORTAGE IN INDIA :- बिजली संकट और कोयला के कमी के बीच राज्य सरकारें केंद्र से लगा रही गुहार

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सरकार कर रही दावें, कोयले की कमी नहींसरकार कर रही दावें, कोयले की कमी नहीं
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COAL SHORTAGE IN INDIA :- देश के कई राज्यों में बिजली काटौती (COAL SHORTAGE IN INDIA) की समस्या बढ़ गई हैं। बाते कुछ दिनों सें कई राज्यों में कई घंटों बिजली कटौती (COAL SHORTAGE IN INDIA) की जा रही है, जिसके कारण उघोगों और कृषि पर खास़ा असर पड़ रहा हैं। इसके अलावा दूसरी ओर पावर प्लांट्स में कोयले की कमी (COAL SHORTAGE IN INDIA) की खबरें सरगरमी पकड़ रही हैं। इसी बीच राज्य सरकारें केंद्र सरकार से बिजली संकट को लेकर गुहारे लगा रही हैं।

अब सवाल यह उठता हैं, कि आखिर बिजली कटौती और कोयला कमी क्यों हुई? तो आपको बता देते हैं, कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा हैं। दरअसल, हर साल गर्मी के मौसम में देश में बिजली की मांग बढ़ जाती है। जिससे बिजली की पूर्ति करने के लिए कई घंटो बिजली कटौती (COAL POWER CRISIS) की जाती है।

 

COAL SHORTAGE IN INDIA
भारत में कोयले की कमी आखिर क्यों ?

इस वर्ष गर्मी का मौसम मार्च के मध्य से ही शुरू हो गया था। जिससें बिजली की मांग एकदम से बढ़ी।  इसी बीच कोयले की कमी की किल्लत सें देश में  बिजली की कमी (COAL POWER CRISIS) हो गई हैं। अब बिजली की कमी के कारण 7 राज्यों में बिजली कटौती की समस्या उत्पन्न हो गई हैं। वें 7 राज्य पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और गोवा हैं। जिनमें कोयले की कमी के कारण बिजली कटौती की समस्या (COAL POWER CRISIS) चरम पर आ पहुंची हैं। इन राज्यें को बिजली कटौती के कारण कृषि और उघोंगों में भारी दिक्कत का सामना कर पड़ रहा हैं।

  राज्य कर रहें केंद्र से मांग

ऊर्जा मंत्री आर.के.सिंह ने रविवार को दिल्ली में सभी पदाधिकारियों की एक बैठक थी। जिसमें बिजली संकट और कोयले की कमी को निराधार ठहराया हैं। और कहा है, कि “दिल्ली में जितनी बिजली की आवश्यकता है, उतनी बिजली की आपूर्ति हो रही है और होती रहेगी।” उन्होंने कहा कि “संकट न तो कभी था और न आगे होगा।”

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ऊर्जा मंत्री ने यह भी कहा कि “ हमारे पास आज के दिन में कोयले का चार दिन से ज्याद़ा का औसतन स्टॉक है, हमारे पास प्रतिदिन स्टॉक आता है। कल जितनी खपत हुई, उतना कोयले का स्टॉक आया।” पहले की तरह कोयले का 17 दिन का स्टॉक नहीं हैं। लेकिन 4 दिन का स्टॉक हैं। कोयले की ये स्थिति इसलिए है क्योंकि हमारी मांग बढ़ी है और हमने आयात कम किया है। ऊर्जा मंत्री ने यह भी कहा कि “ हमें अभी कोयले की उत्पादन क्षमता बढ़ानी हैं हम इसके लिए कार्यवाही कर रहे हैं।”

COAL POWER/ COAL SHORTAGE IN INDIA
भारत में कोयले की कमी आखिर क्यों ?

 (COAL POWER CRISIS) भारत पर वैश्विक झड़प का असर!!!!!

देश में गर्मी के मौसम में बिजली की मांग बढ़ जाती हैं। और यह 1,88,576 मेगावाट बताई जा रही हैं। जिसमें 3,002 मेगावाट की ही कमी बताई जा रही हैं। कमी के कारण कई राज्य ऐसें हैं, जिन्हें कटौती की मार झेलनी पड़ रही हैं। इसी कारण अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री केंद्र सरकार से बिजली की मांग कर रहें हैं। एक तरफ बिजली की ज्यादा मांग और दूसरी ओर वैश्विक तनाव की वजह के कोयले का आयात न होना। दोनों ही कारणों से भारत के कई राज्यों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा हैं। कहीं न कहीं देखा जा सकता हैं कि यूक्रेन संकट के कारण भारत कोयले की कमी (COAL POWER CRISIS) को झेल रहा हैं।

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मुख्यमंत्रियों ने चिठ्ठी भेजकर मांगी गुहार  (COAL SHORTAGE IN INDIA)

भारत के कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बिजली संकट की आंशका के कारण केंद्र सरकार को पत्र लिखे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री हो या पंजाब के ,सभी ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर बिजली संकट पर चिंता जताई हैं।

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कोयले से बनने वाली बिजली कितनी जरूरी है?

हम बचपन से ही सुनते आ रहे हैं कि कोयला जलाने से प्रदूषण होता हैं।,इसके अलावा बिजली पानी, हवा, धूप से बनती हैं, यहां तक कि जम़ीन के अंदर से निकलने वाली भाप से भी बनती हैं। य़े सब बातें अपनी-अपनी जगह सही हैं। परन्तु 2022 में अब तक हमें ज्यादातर बिजली कोयले से हीं मिलती हैं। तथा हमें  मिलनें वाली दो तिहाई बिजली फिलहाल कोयले से ही मिलती हैं। इसका मतलब ये हैं कि कोयले से मिलने वाली बिजली हमारे लिए बहुत-बहुत जरूरी हैं।

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