12 रसेल वाइपर के मिलते ही वन विभाग को याद आए रामानुज
बेगूसराय। बिहार के बेगूसराय में सांपों का कुनबा अब घनी बस्तियों की ओर जा रहा है। इस दौरान सांप के घरों में प्रवेश करने से ग्रामीण परेशान हैं। बेगूसराय में बाढ़ के पानी में बहकर भारी संख्या में रसेल वाइपर और अन्य जहरीले सांप पहुंचे हैं। इन सांपों को रेस्क्यू कर वन विभाग को सौंपा जा रहा है। बेगूसराय में 6 रसेल वाइपर और एक दुर्लभ प्रजाति के गोल्डन कीट वाइपर सहित 15 सांपों को अलग-अलग जगहों से पकड़कर उन्हें वन विभाग को सौंप दिया गया।
वन विभाग की ओर से सांपों को जंगल में छोड़ दिया गया। जिले के बलिया प्रखंड के शिवनगर निवासी रामानुज पासवान अब तक पांच हजार सांपों का रेस्क्यू कर चुके हैं। रामानुज लगातार सांपों को बचाने का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि पर्यावरण के लिए सांपों का रहना आवश्यक है। वे सांपों को पकड़ कर वन विभाग को सौंपते हैं।
हाल के दिनों में रामानुज ने बाढ़ के बाद गांव तक आने वाले दर्जनों सांप को पकड़ा है। उन्होंने एक महीने के अंदर 25 सांप का रेस्क्यू किया है। रामानुज अपने साथ एक बोरा, डब्बा और एक छड़ी रखते हैं। सांप को रेस्क्यू करने के बाद उसे डिब्बे में बंद करते हैं। प्लास्टिक की बोरी में उन्हें कैद करते हैं। उसके बाद उन्हें वन विभाग को दिया जाता है। वन विभाग की ओर से सांप को जंगलों में छोड़ दिया जाता है। पिछले एक महीने में रामानुज को सांप के रेस्क्यू कॉल सबसे ज्यादा आ रहे हैं।
उधर, वन विभाग के सूत्रों की मानें, तो बेगूसराय में जैसे ही बाढ़ का पानी घट गया है। इधर-उधर झाड़ियों में छुपे हुए सांप बाहर निकल रहे हैं। ये सांप लोगों के घरों की ओर जा रहे हैं। उनका घरों की ओर जाना काफी खतरनाक है। इसलिए वन विभाग लगातार उनका रेस्क्यू कराने के बाद उन्हें जंगलों में छोड़ रहा है।