Dark Mode Technology: समझिए अपने फोन के डार्कमोड (Dark Mode Technology) और डिस्प्ले का पूरा झोल। आपने आज कल हर मोबाइल में डार्कमोड (Dark Mode Technology) का फीचर देखा होगा, डार्कमोड (Dark Mode Technology) लगाते ही आपका फोन डार्क यानि काले रंग के थीम में बदल जाता है और स्क्रीन पर आने वाले सभी एफ डार्क कलर में दिखने लगते हैं, ये डार्क मोड हमारे फोन के उपयोग में अलग ही अनुभव देते हैं। डार्क मोड मुख्यतः हमारे मोबाइल के यू.आई.( user interface) यानि फोन और हमारे बीच के माध्यम को बदलता है।
पहली बार डार्कमोड साल 2019 में एंड्रॉयड तथा एप्पल जैसी मोबाइल विक्रेता कंपनियों ने अपने फोन में डार्कमोड (Dark Mode Technology) को अलग- अलग दावों के साथ बाजार मे ले आए। एप्पल ने इसे फोकस करने तथा आंखों की सुरक्षा के लिए अच्छा बताया जबकि गूगल का पूरा फोकस फोन की बैटरी बचाने में था। इसी दौड़ में आगे जाकर गूगल ने अपने फोन पिक्सल में “पिच डार्क मोड” भी लॉन्च कर दिया हैं। इसके साथ यह आउटडोर और डे-लाइट में फोन का यूज आसान बनाते हैं।
तो आखिर स्मार्टफोन कंपनियों द्वारा किये जा रहे इन दावों में कितनी सच्चाई हैं? डार्कमोड का सीधा मतलब हमारी स्क्रीन से होता है तो पहले हम अपने फोन की स्क्रीन को समझते हैं।
मुख्यतः हमारे मोबाइल स्क्रीन 3 कैटेगरी की होती है
- LCD यानि LCD Liquid Crystal Display
- OLED यानि Organic Light Emitting Diode
- AMOLED यानि Active-Matrix Organic Light-Emitting Diode
LCD यह सबसे पुरानी टेक्नालॉजी हैं इसका प्रयोग सस्ते स्मार्टफोन में किया जाता हैं। जिसमें IPS कैटेगरी के डिस्प्ले भी आते हैं वही OLED तथा AMOLED डिस्पले का प्रयोग सिर्फ महंगे स्मार्टफोन में उपयोग होता है जैसे कि one plus और Iphone.
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Dark Mode Technology का डिस्प्ले से संबंध –
LCD अपने डिस्प्ले के पिक्सलस को साइड से प्रकाशित करता है, वही OLED में हर पिक्सल का अपना स्वयं का प्रकाश होता है। इस आधार पर काले रंग को दिखाने के लिए OLED स्क्रीन के कुछ ही पिक्सल एक्टिव यानि प्रकाशित होंगे वही LCD स्क्रीन में हर पिक्सल प्रकाशित होगा चाहे वह प्रयोग आए या न आए यानी स्क्रीन के ब्लैक होने पर भी ये लगातार प्रकाशित होते रहते है कुल जमा बात LCD ज्यादा ऊर्जा का प्रयोग करता है और डार्कमोड रहने न रहने का इस पर ज्यादा फर्क नही पड़ता हैं।
ऐसा नहीं हैं कि सस्ते फोन पर AMOLED का प्रयोग नही होता रियल-मी तथा सैमसंग के कुछ बजट फोन्स में भी इस डिस्पले को ऑफर किया जाता है। मतलब आप इन फोन्स में भी डार्कमोड (Dark Mode Technology) का इस्तेमाल कर सकते है। और बैटरी को बचा सकते हैं वहीं IPhone X के बाद के सभी फोनों मे इसका प्रयोग किया गया है।
IPS और Amoled Display में फर्क –
अक्सर यह बहस चलती है कि IPS या AMOLED दोनों डिस्प्ले में से कौन सा डिस्प्ले ज्यादा बेहतर है इसकी सीधा जवाब तो AMOLED डिस्प्ले हैं लेकिन यह आपके इस्तेमाल पर भी निर्भर करता है जानें कैसे IPS डिस्प्ले को मुख्यतः साइड व्यु के लिए अच्छा माना जाता था क्योंकि LCD और TFT दोनों ही डिस्प्ले में साइड व्यू अच्छे नहीं होते थे तभी कई बार साइड से देखने पर यह स्क्रीन काली कलर की नजर आती थीं।
IPS आने के बाद अब हम आसानी से साइड से भी देखने पर भी पूरे कलर प्राप्त होते हैं वही AMOLED डिस्प्ले में साइड व्यू के साथ-साथ काफी भरे हुए कलर प्राप्त होते है बस यही बात दोनों ही डिस्प्ले में गेम चेंजर साबित होती है।
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ऐसा देखा गया है कि कई बार AMOLED डिस्प्ले के कलर बनावटी समझ आते है वही IPS डिस्प्ले के नही। अब ये बिल्कुल यूजर के उपयोग के ऊपर है कि वे किस डिस्प्ले के साथ जाना चाहते हैं। चलिए हम आपका काम आसान बना देतें है अगर आपको ज्यादा भड़कते हुए कलर का शौक है तो बेसक आप AMOLED डिस्प्ले के साथ जाए इसके अलावा अगर आपको ज्यादा नैचुरल कलर पसंद है तो आप IPS डिस्प्ले के साथ जा सकते हैं। इसके अलावा AMOLED डिस्प्ले में इन डिस्प्ले बायोमेट्रिक सेंसर जैसे फीजर मिलते हैं। (Dark Mode Technology)