रूस ने भेजी सेना, यूक्रेन बोला- हम डरने वाले नहीं

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रूस ने भेजी सेना
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UNSC में भारत का रुख, बातचीत से निकलेगा हल, रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते विवाद को देखते हुए भारत ने अपनी नागरिकों को यूक्रेन से निकालने की कवायद शुरू कर दी है 

द न्यूज 15 

नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का खतरा बढ़ गया है। भारत की तरफ से भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में इसे गंभीर चिंता का विषय बताया गया है। भारत ने कहा कि रूसी संघ के साथ लगी यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता तनाव और इन चीज़ों से क्षेत्र की शांति को अस्थिर करेगी। इसके अलावा भारत ने कहा है कि हमारी नजर यूक्रेन संबंधी घटनाक्रम और रूस की ओर से इस संबंध में की गई घोषणा पर बनी हुई है।
बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच तनाव अपने चरम पर आ चुका है। ऐसे में पश्चिमी देशों को अंदेशा है कि रूस किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है। इससे पहले पुतिन से यूक्रेन के अलगाववादी नेताओं ने अनुरोध किया था कि वे अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दें और रूस ने ऐसा कर भी दिया।
सेना भेजने का आदेश जारी: रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन के दो क्षेत्रों को अलग देश के तौर पर मान्यता देने के बाद उन इलाकों में रूसी सेना भेजने का आदेश जारी कर दिया है। ऐसे में अब रूसी सेना Donetsk और Lugansk क्षेत्र में जाएगी। जहां यूक्रेन विरोधी और रूसी समर्थक मौजूद हैं। वहीं रूस के आक्रामक रूख के बीच यूक्रेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में साफ कर दिया है कि वो अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमा नहीं बदलेगा।
UNSC की मीटिंग में यूक्रेन ने रूसी कदम को वायरस बताते हुए कहा कि रूस के कदम से यूएन तक असर पहुंचा है। यह वायरस क्रेमलिन ने फैलाया है। यूक्रेन ने कहा, ‘हमारे अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर अभी अपरिवर्तनीय हैं और ऐसे ही रहेंगे।’ दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए भारत ने अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए एयर इंडिया की स्पेशल फ्लाइट आज सुबह भारत से यूक्रेन के लिए रवाना कर दी है। बता दें कि यूक्रेन से स्पेशल फ्लाइट आज रात दिल्ली में लैंड करेगी। गौरतलब है कि ड्रीमलाइनर बी-787, 200 से अधिक सीटों की क्षमता वाले विमान को इस विशेष अभियान के लिए तैनात किया गया है।
भारत बोला- भारतीयों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता: संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने कहा कि रूस के साथ यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता तनाव गहरी चिंता का विषय है। इन घटनाक्रमों में क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों और सीमावर्ती क्षेत्रों में 20 हजार से ज्यादा भारतीय छात्र और नागरिक रहते और पढ़ते हैं। उनकी सलामती हमारी प्राथमिकता है।
उधर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन के राजदूत सर्गेई किस्लिट्स्या ने कहा है कि हम शांति चाहते हैं, हम एक राजनीतिक और राजनयिक समझौते के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम उकसावे के आगे नहीं झुकते हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस पर शांति वार्ता को बर्बाद करने का आरोप लगाया और मंगलवार की सुबह के शुरुआती घंटों में राष्ट्र के नाम एक संबोधन में किसी भी क्षेत्रीय रियायत को ख़ारिज कर दिया है।

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