कांग्रेस छोड़ने वाले नए-पुराने नेताओं को राहुल गांधी ने अडानी से जोड़ा, कहा- सच्चाई छुपाते हैं इसलिए…

0
162
Spread the love

Rahul Gandhi On Adani: अडानी की कथित बेनामी कंपनियों में 20 हजार करोड़ के निवेश के सवाल को लेकर एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला है.  

Rahul Gandhi On Adani: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अडानी की कथित बेनामी कंपनियों में 20 हजार करोड़ के निवेश के सवाल को लेकर एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर मोदी सरकार से पूछा है कि अडानी की कंपनियों में कथित बेनामी पैसे किसके हैं. इसके साथ ही उन्होंने अपने ट्वीट में कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं गुलाम नबी आजाद, सिंधिया, किरण रेड्डी, हिमंत बिस्वा सरमा और अनिल एंटनी पर भी निशाना साधा है.

अडानी के मुद्दे पर राहुल गांधी लगातार बीजेपी पर हमला कर रहे हैं. शनिवार (8 अप्रैल) को राहुल ने जो ट्वीट किया है उसमें उन नेताओं पर भी निशाना साधा है जो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं. राहुल ने अडानी के नाम की स्पेलिंग के साथ उन नेताओं का भी नाम जोड़ दिया है और कहा है कि “सच्चाई छुपाते हैं इसलिए रोज भटकाते हैं, सवाल वही है – अडानी की कंपनियों में ₹20,000 करोड़ बेनामी पैसे किसके हैं?”

इन नेताओं के नाम

राहुल गांधी के ट्वीटर पर एक तस्वीर शेयर की गई है. इसमें अडानी (ADANI) के ‘ए’ अक्षर के साथ गुलाम (नबी आजाद), बी अक्षर के साथ सिंधिया (ज्योतिरादित्य), ‘ए’ के साथ किरण (रेड्डी), ‘एन’ के साथ हिमंत (बिस्व सरमा) और ‘आई’ के साथ अनिल (एंटनी) लिखा गया है.

शरद पवार ने दिया था अलग बयान

राहुल गांधी का ताजा हमला ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले ही महाराष्ट्र में कांग्रेस की सहयोगी एनसीपी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने अडानी को लेकर अलग राय जाहिर की है. एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में शरद पवार ने कहा कि ऐसा लगता है उनको (अडानी) टारगेट किया जा रहा है.

एनसीपी नेता ने एक सवाल के जवाब में हिंडनबर्ग के बारे में कहा कि जब कोई विदेशी संस्था ऐसे बयान देती है तो ये देखा जाता है कि वह ऐसा क्यों कर रही है. उसके ऐसा करने के पीछे वजह क्या है. उसका बैकग्राउंड क्या है? ऐसे मुद्दों से देश में हंगामा होता है जिसकी कीमत अर्थव्यवस्था को उठानी पड़ती है.

जेपीसी पर कही थी ये बात

शरद पवार ने यह भी कहा कि वह जेपीसी मांग के पक्ष में नहीं हैं. हालांकि, बयान के सुर्खियों में आने के बाद शनिवार को पवार ने सफाई दी और बताया कि जेपीसी की जांच का समर्थन इसलिए नहीं किया क्योंकि जेपीसी के 21 सदस्यों में 15 सत्ताधारी पार्टी के होंगे. ऐसे में सच्चाई कहां सामने आ पाएगी.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here