रविवार को RTI tea stall एवं विभिन्न मानव अधिकार संगठनों के संयुक्त तत्वाधान में नए आपराधिक कानून के फायदे एवं नुकसान विषय पर एक ऑनलाइन वेबीनार आयोजित हुआ ।जिसमें देशभर से सामाजिक कार्यकर्ता, वकील, मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं विधि छात्र -छात्राएं शामिल रहे। वेबीनार में वरिष्ठ वक्ताओं के पैनल में सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील इंदिरा उनीनायर, जी बी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज, उत्तराखंड के सहायक प्रोफेसर वीरेंद्र कुमार ठक्कर, गुजरात लॉ कॉलेज के फॉर्मर प्रिंसिपल अश्वनी भाई कारिया, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता केएम भाई, जस्टिस फोरम के चेयरमैन भगवानजी रैयानी उपस्थित रहे। मीटिंग में वीरेंद्र ठक्कर जी ने तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम पर पीपीटी के माध्यम से तीनों कानून की बारीकियों को अच्छे से समझाया। इंदिरा जी ने कहा कि इस कानून में पुलिस को अधिक अधिकार दिए गए हैं जो कि दमन का रूप बन सकते हैं। इन कानूनों को लागू करने से पहले इस पर अच्छे से चर्चा होनी चाहिए।अश्विन भाई कारिया जी ने कहा कि अधिनियम की धाराओं की संख्या में हेर फेर किया गया है जिससे वकीलों, और संबंधित कर्मियों को काफी दिककते आएंगी । लाँ स्टूडेंट्स के लिए भी परेशानी का कारण बनेगा। पहले से ही कोर्ट में पेंडिंग केसों की भरमार है और अब इन बदलावों के कारण पेंडिंग केस और बढ़ जायेंगे। सामाजिक कार्यकर्ता केएम भाई ने कहा नए आपराधिक कानून लोकतंत्र के लिए खतरा साबित होंगे। भारतीयता की आड़ में दमनकारी नियमों को कानून में जोड़ा गया है जिस तरह पुलिस अत्यधिक छूट दी गई है वो आम जनता के लिए घातक साबित होगी। भ्रष्ट अधिकारी इसका दुरुपयोग करेंगे और पीड़ित को सताएंगे। देशद्रोह के नाम पर लोगों से उनका विरोध करने का अधिकार छीन लिया जाएगा। अब गूंगे बहरे होकर अपने अधिकारों का हनन होते देखते रहिए। अपराध करने वाले मजा करते रहेंगे। कार्यक्रम का संचालन कर रहे अशोक जी ने सभी का आभार व्यक्त करके वेबीनार का समापन किया।