डीएम के आदेश के महीने भर बाद भी आरोपी कनीय अभियंता के खिलाफ कार्रवाई नहीं

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राजगीर। डीएम द्वारा गठित निगरानी समिति (उड़नदस्ता – धावादल) द्वारा नगर परिषद, राजगीर के कनीय अभियंता कुमार आनन्द के खिलाफ लगाये गये आरोपों की पुष्टि जांचोपरांत की गयी है। डीएम द्वारा निगरानी समिति के संयुक्त जाँच प्रतिवेदन में अंकित बिन्दुओं के आलोक में कनीय अभियंता के विरूद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करने का आदेश कार्यपालक पदाधिकारी को दिया गया है। लेकिन डीएम के आदेश के एक महीने बाद भी नगर परिषद के आरोपित कनीय अभियंता के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई है। निगरानी समिति धावादल के जांच प्रतिवेदन के अनुसार नगर परिषद के पुरानी वार्ड संख्या एक पंडितपुर में विशेश्वर यादव से कमलाकांत पाण्डेय तक और नुन प्रसाद, माधो यादव, वरन यादव के घर तक पीसीसी ढ़लाई एवं ढक्कन सहित नाली निर्माण में बिना नाली निर्माण किये कनीय अभियंता द्वारा पूर्ण राशि संवेदक को भुगतान कर दिया गया है। इस फर्जीवाड़ा को लेकर नगर परिषद बोर्ड की तत्कालीन सशक्त स्थायी समिति द्वारा कनीय अभियंता कुमार आनन्द से स्पष्टीकरण की मांग की गयी थी, किन्तु उनके द्वारा कोई जवाब अबतक नहीं दिया गया है। पंडितपुर में ही विशेश्वर यादव से कमलाकांत पाण्डेय के घर से शकुन प्रसाद, माधो यादव, वरण यादव के घर तक पीसीसी पथ एवं ढक्कन सहित नाली निर्माण योजना की कार्य एजेंसी खुद कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद् राजगीर हैं। इस नाली की लंबाई-600 फीट प्राक्कलन की राशि 9,78,348 रुपये है। लेकिन जाँच में 600 फीट पीसीसी पथ का निर्माण की जगह केवल 236 फीट में ढ़क्कन सहित नाली का निर्माण पाया गया। मापी पुस्तिका में स्थल पर किये गये कार्य से 41.25 फीट पीसीसी पथ तथा 362 फीट ढक्कन सहित नाली के कार्य की अधिक प्रविष्टि एवं भुगतान किया गया है। इससे वित्तीय क्षति होने की पुष्टि होती है। इस योजना में संवेदक सोनी कुमारी को 8,38,024 रुपये का भुगतान किया गया है।

 

चकपर में भी पीसीसी पथ और नाली निर्माण में पकड़ाई गड़बड़ी

 

इसी तरह पुरानी वार्ड संख्या 07 के चकपर में शंकर राम, अरुण एवं संजय राम के घर से परमेश्वर राजवंशी के घर तक पीसीसी पथ और ढक्कन सहित नाली निर्माण की योजना थी। पथ की लंबाई 3000 फीट और प्राक्कलन की राशि 5,67,580 रुपये है। इस योजना में संवेदक चन्द्रशेखर कुमार को 5,01,095 रुपये का भुगतान किया जा चुका है। जांच रिपोर्ट के अनुसार मापीपुस्तिका में 2128.535 वर्गफीट दर्ज किया गया है, जबकि कार्यस्थल पर केवल 957 वर्गफीट पीसीसी पथ मौजूद है। जाँच प्रतिवेदित के अनुसार उसी वार्ड और गांव में शंकर राम, अरूण, संजय, परमेश्वर राजवंशी तक पीसीसी पथ तथा ढक्कन सहित नाली का निर्माण 5,67,580 रुपये की लागत से होना है। प्राक्कलन के अनुसार 300 फीट में पीसीसी पथ, जिसका क्षेत्रफल 2100 वर्गफीट है एवं 300 फीट ढक्कन सहित नाला का निर्माण किया जाना था। कनीय अभियंता द्वारा मापी पुस्तिका में 300 फीट में पीसीसी पथ, जिसका क्षेत्रफल 2128.535 वर्ग फीट एवं 300 फीट ढक्कन सहित नाला कार्य का प्रविष्टि मापीपुस्तिका में किया गया है। योजना का भुगतान भी किया गया है। परंतु कार्य स्थल पर केवल 178.25 फीट पीसीसी पथ, जिसका क्षेत्र 957 वर्ग फीट एवं 144.75 फीट में ढक्कन सहित नाला का निर्माण पाया गया है।

— 310 मीटर की जगह नाली बनी केवल 160 मीटर

पुरानी वार्ड संख्या-19 में होटल लक्ष्मी पैलेस से दिपु उपाध्याय एवं गोपाल सिंह के घर से ई० सुरेन्द्र कुमार के घर से आगे झुन्नु यादव के गली में 310 मीटर नाली निर्माण 16,27,065 रुपये की लागत से करनी थी. लेकिन जांच प्रतिवेदन के अनुसार केवल 160 मीटर नाली का निर्माण किया गया है। योजना में स्वीकृत आरेखण से अलग 150 मीटर आरसीसी पथ के किनारे ऑल सेन्ट्स स्कूल से मखदुम कुण्ड रोड के तरफ नाली का निर्माण किया गया है. जिसकी अनुमति का कोई भी साक्ष्य नहीं है। इस योजना के ठेकेदार अमरजीत कुमार को 15,79,796 रुपये का भुगतान किया गया है।

— अधिकारी बोलीं

कनीय अभियंता कुमार आनन्द के खिलाफ आरोप पत्र प्राप्त हुआ है। उनके खिलाफ एफआईआर का मामला नहीं बनता है। किसी योजना में उनके द्वारा अधिक भुगतान किया गया है, तो उस राशि की वसुली उनसे की जायेगी। उनका नियोजन ईकाई नगर परिषद बोर्ड है। 2017 के बोर्ड की बैठक में उनकी नियुक्ति अगले आदेश तक की गयी है। इसलिए बोर्ड द्वारा ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

सुश्री दिव्या शक्ति, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद, राजगीर

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