प्रसंस्करित बीज का सुरक्षित भंडारण करने की जरूरत : डा अनिल कुमार सिंह

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समस्तीपुर पूसा डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थित तिरहुत कृषि महाविद्यालय के बीज निदेशालय, ढोली, मुजफ्फरपुर में अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (बीज – क्यू०एस०पी०) जनजातीय उप-योजना अन्तर्गत पूर्वी चम्पारण जिले के 25 आदिवासी कृषकों का बीजोत्पादन, प्रसंस्करण एवं भंडारण विषय पर तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ० राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा समस्तीपुर के अनुसंधान निदेशक, डॉ० अनिल कुमार सिंह ने कहा कि प्रसंस्करित बीज का सुरक्षित भंडारण करने की जरूरत है। जिससे बुआई के बाद वही बीज शत प्रतिशत अंकुरण के साथ साथ बेहतर उत्पादन देने में सक्षम होता है। अनुसंधान निदेशक डॉ० सिंह ने बीज की बुआई एवं फसलों में खरपतवार प्रबंधन के आयामों पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। बीजों को संरक्षित एवं सुरक्षित भंडारण ही कुशल किसानी कहलाता है। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ० पी०पी०सिंह, (अधिष्ठाता), तिरहुत कृषि महाविद्यालय, ढोली, मुजफ्फरपुर ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन आगत अतिथियों एवं संस्थान के निदेशक डॉ० डी०के० राय के द्वारा किया गया। मंच का संचालन परियोजना अन्वेषक डॉ० राजेश कुमार के द्वारा किया गया।। स्वागत भाषण के दौरान बीज निदेशक डॉ० डी के राय ने बीज की महता एवं उसके उपयोग के बारे में विस्तुत चर्चा की। वहीं पर अधिष्ठाता, तिरहुत कृषि महाविद्यालय, ढोली, मुजफ्फरपुर के डॉ० पी पी सिंह ने बीजोत्पादन कर प्रसंस्करित बीज का समुचित भंडारण पर प्रकाश डाला। धन्यवाद ज्ञापन केन्द्र के सह प्राध्यापक डॉ० राजीव कुमार श्रीवास्तव के द्वारा किया गया। प्रशिक्षण के दौरान वैज्ञानिक डॉ० राजेन्द्र प्रसाद, डॉ विनय कुमार चौधरी, डॉ अजय कुमार, हेम चन्द्र चौधरी आदि मौजूद थे।

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