दिल्ली में शराब घोटाले को लेकर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ चल रही सीबीआई जांच में मंगलवार सुबह नया मोड़ आ गया। बैंक लॉकर की जांच करने के लिए सीबीआई के अधिकारी गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर ४ स्थित पंजाब नेशनल बैंक पहुंचे। इस दौरान अफसरों ने मनीष सिसोदिया के सामने ही उनके लॉकर को खोला। मनीष सिसोदिया ने दावा किया कि वह और उनका पूरा परिवार जांच में पूरा सहयोग कर रहा है और सीबीआई को लॉकर से कुछ नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ सभी आरोप झूठ साबित होंगे और वे बेदाग निकलेंगे।
दिल्ली आबकारी नीति को अमल में लाने में कथित अनियमितताओं के संबंध में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में आम आदमी के नेता का नाम लिाय गया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने 19 अगस्त को सिसोदिया के साथ 30 अन्य ठिकानों पर छापेमारी की थी। मनीष सिसोदिया ने कहा कि १९ अगस्त को उनके घर पर १४ घंटे तक हुई जांच पड़ताल मे सीबीआई के हाथ कुछ नहीं लगा है और कुछ नहीं मिलेगा।
दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने २०१६ में खादी विकास और ग्रामोद्योग आायेग का अध्यक्ष रहते हुए अपने कर्मचारियों पर १४०० करोड़ रुपये के पुराने नोट बदलवाने के लिए दबाव डाला था। दिल्ली विधानसभा में विधायक दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाया है कि २०१६ में नोटबंदी के समय उन्होंने पुराने नोट को नए में बदल करअपने लोगों को फायदा पहुंचाया था। पाठक का कहना है कि उस समय लाखों लोगों को व्यापार तबाह हो गया था और बहुत लोगों की नौकरियां चली गई थी तब एलजी विनय कुमार सक्सेना घोटाला करने में व्यस्त थे। उन्होंने मांग की कि इस मामले में दिल्ली के उप राज्यपाल के खिलाफ ईडी की जांच होनी चाहिए।