देश और समाज के लिए घातक हैं भिवानी जैसे कांड

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युवाओं को बर्बाद करने वाला है गोरक्षा के नाम विषाक्त किया जा रहा यह माहौल, पीड़ित और आरोपी वर्ग दोनों की बर्बादी ही बर्बादी

चरण सिंह राजपूत

भिवानी के लोहारू में जलती गाडी में मिले दो नर कंकाल के बाद जिस तरह से मामले को गो तस्करी के शक से जोड़ा जा रहा है। जिस तरह से मामले में बजरंग दल से जुड़े लोगों को अभियुक्त बनाया गया है। जिस तरह से मामलो को लेकर अभियुक्त ने पुलिस से मिलकर सहयोग करने के बजाय वीडियो जारी कर अपनी सफाई दी है, जिस तरह से गाड़ी में जलकर मरे लोगों में  से एक पर गोतस्करी के कई मामले दर्ज हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि गोवंश की रक्षा के नाम पर कुछ लोग बेलगाम विषाक्त माहौल बनाने में लगे हैं और इस माहौल से न केवल देश और समाज बल्कि इस काम में लगे लोगों का भी नुकसान हो रहा है। इस माहौल का यदि किसी कोई फायदा हो रहा है तो बस धर्म के नाम पर सियासत करने वालों का। यदि ऐसा नहीं है तो फिर क्या इस तरह की वारदातों में लिप्त लोग बच जाते हैं क्या ? इन लोगों को जेल ही जाना पड़ता है न। जिंदगी तो इनकी भी बर्बाद होती है। इस माहौल से ऐसा भी नहीं है कि गोवंश कोई सुरक्षित हो गया है। या फिर उसकी देखभाल होने लगी है।

गोवंश भी किसानों के खेतों और सड़कों पर भटकते देखा जा रहा है। यह गोवंश जहां किसानों की फसलें चरते देखा जाता है वहीं सड़कों पर सड़कों पर कूड़े पड़ी गंदी पॉलिथीन को चाटते देखा जाता है। गोवंश के रक्षकों को यह सब नहीं दिखाई देता है।जमीनी हकीकत यह है कि किसानों के ट्रैक्टर से खेती करने की वजह से गोवंश की पूछ गांवों में भी कम हुई है। जहां तक गाय की बात है तो गाय को पालने वाला व्यक्ति भी गाय तो तभी तक पालता है जब तक वह दूध देती है। बाद में वह गाय माता भी गाय को पालने वाले को बोझ लगने लगती है और आज का दौर तो वह है जिस दौर में बुजुर्ग मां बाप भी लोगों को बोझ लगने लगते हैं। मतलब गोरक्षकों का मामला सामाजिक कम और राजनीतिक अधिक है। नहीं तो गोवंश की रक्षा के साथ ही उसकी देखभाल की दुरुस्त व्यवस्था क्यों नहीं होती ?

ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या गोरक्षा के नाम पर जो यह माहौल बना हुआ है। इससे किसी को कोई फायदा हो रहा है या फिर वोटबैंक की ही राजनीति ही हो रही है। क्या गोवंश की पैरवी करने वाले संगठन वास्तव में गोवंश की देखभाल करने और कटान रोकने के प्रति गंभीर हैं।  जिस तरह से गांवों में किसानों के खेतों और शहरों में सड़कों पर गोवंश देखे जा रहे हैं। जिस तरह से खेतों में फसल चर रहे हैं और सड़कों पर हादसों के कारण बन रहे हैं। उसके आधार पर तो यही कहा जा सकता है कि गोवंश की देखभाल के लिए जमीनी काम नहीं हो रहा है।देखने में आ रहा है कि गोवंश की रक्षा के नाम पर भी वोटबैंक की फसल काटने पर ध्यान ज्यादा दिया जा रहा है। गोतस्करी से मुस्लिम समुदाय को जोड़कर हिन्दुओं में सहानुभूति बटोरने पर काम ज्यादा हो रहा है। इस माहौल से सबसे अधिक नुकसान तो उन्हीं युवकों का हो रहा है जो गोरक्षा के नाम पर वोटबैंक  करने वाले संगठनों के उकसावे में आकर कोई गलत कदम उठा बैठते हैं और अपनी जिंदगी बर्बाद कर बैठते हैं।

नहीं तो गोवंश की रक्षा के ठेकेदार बने घूम रहे लोगों को सड़कों पर गंदी पॉलिथीन चाटती गोमाता क्यों नहीं दिखाई देती हैं ? इन्हें झुंड में सड़कों पर घूमते गोवंश दिखाई नहीं देते हैं ? इन्हें वे सांड क्यों नहीं दिखाई देते हैं जो सड़क पर चल रहे निर्दोष आदमी को मार देते हैं। ऐसे कितने मामले हो गए है कि सांड के मारने से कई लोगों की मौत ही हो गई। गोवंश की वजह से सड़कों पर बड़े हादसे हो गए। ये क्यों हो रहा है ? यह इसलिए हो रहा है कि गोरक्षा के नाम पर राजनीति ज्यादा और इसकी देखभाल पर काम कम हो रहा है। गोवंश की चिंता करने वाले लोग ऐसी कोई व्यवस्था क्यों नहीं करते कि गोवंश सड़कों पर किसानों के खेतों में न दिखाई देखर गोशालाओं में दिखाई दे। भिवानी कांड को हलके में नहीं लिया जा सकता है। दो युवकों को कार में जिंदा जलाने के मामले को सामान्य नहीं कहा जा सकता है। या फिर जिन लोगों ने इस वारदात को अंजाम दिया है वे बच जाएंगे ?

नहीं न तो फिर जाएंगे ने जेल में।  जिदंगी हो गई न बर्बाद। फायदा किसका हुआ ? धर्म के नाम पर सियासत करने वालों का न। वैसे भी जिन लोगों को मामले में अभियुक्त बनाया है उन्हें बजरंग दल का कार्यकर्ता बताया जा रहा है।भिवानी कांड में अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराने वाले इस वारदात में जलकर मरे जुनैद और नासिर के तहेरे भाई का दावा है कि उन्हें किसी ने सूचना दी थी कि जुनैद और नासिर को पीटते हुए कुछ लोग गाड़ी में ले जा रहे हैं। यह वारदात गोतस्करी के शक में हुई बताई जा रही है। देखने की बात यह है कि मामले में नामजद मोहित यादव उर्फ मोनू ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप बनाकर अपनी सफाई दी यही। उसने कहा है कि  “हम पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वे बेबुनियाद हैं। जहां घटना हुई है, वहां बजरंग दल की कोई टीम मौजूद नहीं थी। मोहित यादव ने इस वारदात में बजरंग दल के किसी सदस्य के शामिल न होने की बात कही है। ऐसे में प्रश्न यह भी उठता है कि यदि मोहित निर्दोष है तो फिर वीडियो बनाकर अपनी बात कहने की बजाय उसे पुलिस से मिलकर जांच में सहयोग करना चाहिए।

दरअसल हरियाणा भिवानी लोहारू के पास में जलती कार से दो कंकाल मिले हैं। मरने वालों की पहचान जुनैद और नासिर के रूप में हुई है। इनके परिजनों ने बजरंग दल के सदस्यों पर जुनैद और नासिर को अगवा कर उनकी हत्या करने का आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि यह पूरा मामला गौ तस्करी से जुड़ा है। ये दोनों राजस्थान के भरतपुर के बताये जा रहे हैं। दरअसल भरतपुर के भोपालगढ़ के घाटमी गांव में दो लोगों के अगवा होने की शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसके बाद पुलिस को सूचना मिली कि हरियाणा में दो लोगों के कंकाल मिले हैं।  पुलिस शवों का डीएनए टेस्ट कराने की बात कर रही है। हालांकि अभी तक उनकी पहचान का सही पता नहीं चल पाया है। हां पुष्टि जरूर की  गई है कि जली हुई कार वही बोलेरो है जिसे राजस्थान के भरतपुर से लापता होने से पहले दो लोग चला रहे थे।

दरअसल इस्माइल ने अपनी शिकायत में कहा है कि उसके दो चचेरे भाई जुनैद और नासिर हरियाणा के फिरोजपुर के लिए किसी काम से निकले थे, लेकिन किसी अनजान शख्स ने उन्हें फोन करके बताया कि कुछ लोग बोलेरो में मारपीट करते हुए दोनों को जंगल की तरफ ले गए हैं। पुलिस ने खालिद की शिकायत पर 5 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। आरोपी बजरंग दल से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं।

यह मामला गोतस्करी के संदेह को इसलिए भी लग रहा है क्योंकि मरने वाले लोगों में से एक पर गो तस्करी के कई मामले दर्ज हैं। पुलिस को दी अपनी शिकायत में जुनैद के भाई इस्माइल ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर अपहरण और हत्या का आरोप लगाया है। शिकायत में कहा गया कि झिरका (नूंह) में पहले दोनों के साथ मारपीट की गई और फिर उनके शवों को कार के अंदर आग के हवाले कर दिया। उन्होंने कहा कि दोनों घर का सामान लेने के लिए जा रहे थे।
पत्रकारों से बात करते हुए भरतपुर के आईजी गौरव श्रीवास्तव ने कहा है कि बुधवार रात, गोपालगढ़ पुलिस स्टेशन (भरतपुर में) में दो लोगों के अपहरण की सूचना दी गई थी। हमने उनके फोन ट्रेस किए, आस-पास के इलाकों में उनकी तलाश की। इस मामले में कुछ संदिग्धों के नाम सामने आए हैं। आरोप लगाया गया है कि कि वे दोनों बोलेरो कार में थे, उनके साथ मारपीट की गई और फिर अपहरण कर लिया गया। आज सुबह उसी इंजन और चेसिस नंबर वाली बोलेरो कार भिवानी जिले के लोहारू इलाके में मिली।”

श्रीवास्तव ने कहा, ‘कार में दो अज्ञात लोगों के जले हुए शव मिले हैं। पोस्टमार्टम और डीएनए विश्लेषण के बाद उनकी पहचान की पुष्टि की जाएगी। परिवार के सदस्यों ने कुछ संदिग्धों का नाम लिया है और हमने उन्हें पकड़ने के लिए विशेष टीमें भेजी हैं। सभी संदिग्ध हरियाणा के हैं, लेकिन इसके पीछे उनकी क्या मंशा थी, वह स्पष्ट नहीं हो सका है।” नासिर का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। जुनैद के खिलाफ गाय तस्करी के पिछले पांच मामले दर्ज हैं।

इस्माइल द्वारा भरतपुर में दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है। बुधवार सुबह लगभग 5 बजे, उसके चचेरे भाई जुनैद और नासिर अपनी बोलेरो कार में किसी निजी काम से गए थे। शिकायतकर्ता सुबह करीब 9 बजे चाय पी रहा था कि तभी एक अजनबी ने बताया कि सुबह करीब 6 बजे गोपालगढ़ के जंगल की ओर जा रहे दो लोगों को 8-10 लोगों ने बुरी तरह पीटा और वे काफी बुरी हालत में थे। इसके बाद उनका अपहरण कर लिया गया।” शिकायत में यह भी कहा गया कि आरोपियों के बारे में पूछने पर मौके पर मौजूद लोगों ने कहा कि वे मुल्तान निवासी अनिल के अलावा बजरंग दल के सदस्य हैं। इनमें मरोदा निवासी श्रीकांत, फिरोजपुर झिरका निवासी रिंकू सैनी, होडल निवासी लोकेश सिंगला और मानेसर निवासी मोनू शामिल हैं।”

दरअसल 28 जनवरी को मोहित और अन्य लोगों को हरियाणा के नूंह के तौरु में एक अन्य पुलिस शिकायत में नामजद किया गया था। इस मामले में एक 22 वर्षीय को पशु तस्करी के संदेह में पकड़ा गया था और बाद में उसे पुलिस को सौंप दिया गया था। उस शख्स की अस्पताल में मौत हो गई थी। पुलिस ने कहा कि एक दुर्घटना में चोट लगने के कारण उसकी मौत हो गई थी। जब वह अपने दो साथियों के साथ कार से जा रहा था, तो एक टेम्पो से उसकी कार की टक्कर हो गई थी। मानेसर का मूल निवासी मोहित (28) इलाके में मजदूरों को रहने के लिए सब-लेटिंग रूम बनाने का काम करता है। उन्होंने खुद को “गौ रक्षक” और सामाजिक कार्यकर्ता बताया है। 2011 में वह जिला सह-समन्वयक के रूप में बजरंग दल में शामिल हुआ था।

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