राम विलास
राजगीर। महीनों से फरार चल रहे धोखाधड़ी के नामजद अभियुक्त देवनंदन साव को गिरफ्तार करने में राजगीर पुलिस को सफलता मिली है। देवनंदन साव को सूबे की राजधानी पटना से गिरफ्तार किया गया है। रविवार को उसे न्यायायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। थानाध्यक्ष चन्द्रभानु ने पुष्टि की है। पुलिस द्वारा उसे पटना के कंकड़बाग थाना क्षेत्र के आरएनएस कालोनी से गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार अपराधी राजगीर के तुलसी गली का मूल निवासी है। देवनंदन प्रसाद पर दुकान का फर्जी कागजात दिखाकर अवैध रूप से बिक्री के नाम पर 20 लख रुपए की ठगी करने का गंभीर आरोप है। उन्होंने बताया कि शहर के देवी स्थान मंदिर की जमीन पर बनी दुकान को जालसाजी कर बेचने का गंभीर आरोप देवनंदन साव पर है।
उनके एसबीआई एकाउंट को फ्रिज कर दिया गया है।जालसाज देवनंदन साव के खिलाफ इस आशय का एफआईआर राजगीर थाना में महीनों पूर्व कराया गया है। थानाध्यक्ष ने बताया कि शहर के देवी स्थान मंदिर की जमीन पर बनी दुकानों के आवंटित दुकानदारों द्वारा अपनी दुकान को मोटी रकम लेकर अवैध रूप से बेचा जा रहा है। दूसरी ओर उनके द्वारा वर्षो से किराये का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि राजगीर के ही मधुसुदन साव, पिता स्वर्गीय अर्जून साव का आरोप है। देवनंदन प्रसाद, पिता स्वर्गीय गर्भू साव, तुलसी गली, राजगीर द्वारा 28 लाख रुपये में दुकान तय हुआ था। देवनन्दन प्रसाद द्वारा जाली कागजात दिखाकर उनसे धोखाधड़ी किया गया है। पहले चार लाख चार हजार रुपये नगद उनसे वसूल किया गया है।
बाद में 15 लाख 96 हजार रुपये पंजाब नेशनल बैंक, राजगीर के अपने खाता संख्या – 667700100045383 से देवनन्दन प्रसाद के एसबीआई, राजगीर के एकाउंट संख्या -10173429641 में 28.12.2023 को ट्रान्सफर किया है। 20 लाख रुपये भुगतान बाद जब वह दुकानें में रोजगार आरंभ किया, तो उन्हें पता चला कि यह दुकान देवी स्थान मंदिर कमिटी का है।
देवनंदन साव इस दुकान का मालिक नहीं किरायेदार है। देवी स्थान प्रबंध कमिटी के उपाध्यक्ष उपेन्द्र कुमार विभूति और सचिव सुरेन्द्र प्रसाद ने कहा कि कमिटी की जमीन पर बनी अनेकों दुकानदारों द्वारा दुकानें बेची गयी है या किराये पर लगायी गयी है।