Gramin Bharat Bandh 2024: मुजफ्फरनगर में 16 फरवरी को भाकियू ने ग्रामीण भारत बंद करने की घोषणा की है। किसान खेत पर न जाएं। मजदूर, दुकानदारों का मामला है। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन की नई विचारधारा है। 17 फरवरी को सिसौली में मासिक पंचायत होगी। राकेश टिकैत ने सबके साथ मिलकर आगे की योजना तैयार करने की बात कही है।
मुजफ्फरनगर संयुक्त किसान मोर्चे ने किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद का आह्वान किया है। भाकियू राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता चौ. राकेश टिकैत ने कहा कि ग्रामीण भारत बंद करने की अपील की गई है। किसानों से अपील की है, 16 फरवरी को वे गन्ने की छोल और तोल दोनों बंद रखें। इस दिन वह खेतों में न जाए। वहीं व्यापारी भी दुकानों को बंद रखे। भारत बंद को सफल बनाने के लिए ब्लॉक स्तर पर पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। यह आंदोलन की एक नई विचारधारा और नया तरीका है। हाईवे जाम नहीं होंगे, लेकिन निर्धारित प्वाइंट पर मीटिंग होगी। जहां महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।
चौ. राकेश टिकैत ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कल यानी शुक्रवार 16 फरवरी को संपूर्ण ग्रामीण भारत बंद का आह्वान किया गया है। जिसे देखते हुए पदाधिकारियों को ब्लाकवार जिम्मेदारी दी गई है। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्वाइंट निर्धारित किए गए हैं, जिन पर पदाधिकारी कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठेंगे। उन्होंने बताया, भाकियू की मंशा किसी को परेशान करने की नहीं है, बल्कि किसानों की लंबित मांगों को पूरा करने के लिए सरकार को जगाने की है। उन्होंने बताया किसी भी वाहन को जबरन नहीं रोका जाएगा।
किसानों की ये बड़ी मांग
व्यापारियों से अपील है कि वह इस बंद में सहयोग करते हुए दुकानों को बंद रखे। उन्हाेंने बताया कि एमएसपी पर कानून बने, 10 साल पुराने ट्रैक्टरों को एनजीटी के नियम से बाहर किया जाए, गन्ना मूल्य पर सरकार फिर से विचार करे। लखीमपुर खीरी के पीड़ित किसानों को न्याय मिले। 14 दिन में गन्ना भुगतान हो और लेट होने पर किसानों को ब्याज मिले। चौ. राकेश टिकैत ने कहा कि 17 फरवरी को सिसौली में भाकियू की मासिक पंचायत भी बुलाई गई है।
किसान नेताओं से रणनीति पर चर्चा
राकेश टिकैत ने कहा कि पंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भी निर्णय लिया जाएगा, उसमें आगे की रणनीति बनेगी। उन्होंने कहा, जो घटनाक्रम खासतौर से पंजाब और हरियाणा में चल रहा है, उसके बारे में रणनीति बनेगी। मासिक बैठक में अन्य राज्यों से 15 से 20 लोग आ सकते हैं। माेर्चा के अन्य नेताओं से टेलीफोन पर बात होगी।