झूठे वादों का पुलिंदा है भाजपा का घोषणा पत्र : डॉ सुनीलम

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भाजपा का घोषणा पत्र
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भाजपा को सजा दिए जाने की संयुक्त किसान मोर्चा की अपील को उत्तर प्रदेश के किसानों तक पहुंचा रहे है किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष

द न्यूज 15 
नई दिल्ली। यूपी चुनाव का पहले दौर का मतदान 10 फरवरी को होने वाला है। चुनाव के पूर्व  लगभग सभी दलों के घोषणापत्र जारी हो चुके है। मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी ने भी अपना घोषणा पत्र जारी किया। भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र को किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष, पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने झूठ का पुलिंदा बताते हुए कहा कि भाजपा ने गन्ना किसानों को लुभाने के लिए 2017 के अपने घोषणा पत्र में 14 दिनों के भीतर गन्ने का भुगतान करने का वायदा किया था । गन्ना किसानों को फसल बेचने के 14 दिनों के भीतर पूरा भुगतान सुनिश्चित करने की व्यवस्था सरकार द्वारा लागू करने की घोषणा की गई थी। लेकिन गन्ना किसानों का आज भी वर्ष 2017-18 का 20 करोड़ रूपये बकाया है, 2020-21 का 3,752 करोड़ रुपए बकाया है। ब्याज का एक पैसा भी नहीं दिया गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के मार्च 2017 आदेश के बावजूद बीते दस साल में भुगतान में देरी होने पर किसानों को 8,700 करोड़ रुपये का जो ब्याज बनता था वो नहीं दिया गया है।
2017 में भाजपा सरकार ने वायदा किया था कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम एस पी) पर किसानों की धान की खरीदारी की व्यवस्था करेंगे तथा आलू, प्याज को न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे में लाया जाएगा। लेकिन अभी तक आलू, प्याज की एमएसपी पर खरीद की घोषणा नहीं हुई।  पिछले पाँच वर्षों के दौरान धान के उत्पादन के एक तिहाई से भी कम की सरकारी खरीद की गयी है। 2017 में 22%, 2018 में 21%, 2019 में 24%, 2020 में 29% और 2021 में 29% सरकारी खरीद हुई। गेहूँ में स्थिति और भी ख़राब थी और उत्पादन की 6 बोरी में एक बोरी से भी कम  की खरीदी हुई। 2017 में 12%, 2018 में 17%, 2019 में 11%, 2020 में 11% और 2021 में 16% की सरकारी खरीद हुई।
डॉ सुनीलम ने बताया कि भाजपा ने 2017 के चुनावी घोषणा पत्र में 5,000 करोड़ की लागत के साथ मुख्यमंत्री कृषि सिंचाई योजना शुरू करने तथा प्रदेश के हर खेत में पानी पहुंचाने के लिए 20 हजार करोड़ के कोष के साथ मुख्यमंत्री कृषि सिंचाई फंड की स्थापना करने का संकल्प लिया था लेकिन पिछले पांच साल में मुख्यमंत्री कृषि सिंचाई फंड की स्थापना नहीं की गई।
2017 में  उत्तर प्रदेश में दुग्ध क्रांति लाने और इसके लिए 15 करोड़ की डेयरी विकास फंड की स्थापना की घोषणा की गई थी। 15 करोड़ रुपये की राशि से डेयरी विकास फंड की स्थापना तो की गई, लेकिन इस फंड का इस्तेमाल नहीं किया। बाद के वर्षों में इस फंड को बजट से ही हटा दिया गया। 2017 में किसानों से उदय योजना के तहत 2022 तक प्रदेश के 10 लाख किसानों को मुफ्त में पंप सेट दिए जाने का वादा किया था लेकिन अब तक मात्र 6,068 एनर्जी एफिशिएंट पंप ही लगाए गए है। फिर से 2022 में किसानों को  प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सोलर पम्प प्रदान करने की घोषणा की जा रही है ।
किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ सुनीलम ने कहा कि भाजपा ने 2017 में उत्तर प्रदेश के सभी 6 क्षेत्रों में फूड प्रोसेसिंग पार्क स्थापित करने का संकल्प लिया था लेकिन पिछले 5 साल में एक भी फूड प्रोसेसिंग पार्क ना बनाकर उत्तर प्रदेश के किसानों से वादाखिलाफी की है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 17 राज्यों में 22 मेगा फूड पार्क है।
भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने का वादा किया है जबकि 2017 में  भी सभी खेतों में कम दरों पर पर्याप्त बिजली पहुंचाने की व्यवस्था की जाने का संकल्प लिया था । लेकिन पिछले पांच साल में पर्याप्त बिजली नहीं मिली, ऊपर से रेट बढ़ गए। उत्तर प्रदेश की बिजली दरें देश में सबसे अधिक हैं। नलकूपों के लिए बिजली कुछ घंटे ही उपलब्ध होती है। नए कनेक्शन लेने के लिए किसान को भटकना पड़ता है। पाँच वर्षों के कार्यकाल में योगी सरकार ने किसानों से नलकूपों हेतू ग्रामीण मीटर्ड बिजली के दर 1 रुपया यूनिट से बढ़ाकर  2 रुपये यूनिट कर दी। फिक्स चार्ज  में अप्रत्याशित वृद्धि कर 30 रुपये से 70 रुपये कर दिया। बिना मीटर वाले कनेक्शन में चार्ज 100 रुपये से बढाकर 170 रुपये कर दिया।
2018 में पूरे देश के लिए 1 लाख करोड़ का एग्री इंफ्रा फंड बनाने की मोदी सरकार की घोषणा थी लेकिन 1 लाख करोड़ की घोषणा में से अब तक मात्र 2,654 करोड़ की राशि खर्च हुई है। फिर से 2022 के घोषणा पत्र में 25,000 करोड़ रुपए की राशि से एग्री इंफ्रा फंड बनाने की  घोषणा की जा रही है।
डॉ सुनीलम ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 380 दिन चले आंदोलन को संयुक्त किसान मोर्चे की पांच सुत्रीय मांगों पर केन्द्र सरकार के आश्वासनों के बाद स्थगित किया गया था लेकिन केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चे की किसी भी मांग पर अभी तक कोई चर्चा नहीं की है ।  जिससे संयुक्त किसान मोर्चा ने भाजपा को सजा दिलाने के लिए सभी किसानों से अपील की है कि वे किसान विरोधी भाजपा को वोट की चोट देकर सबक सिखाए। डॉ सुनीलम ने बताया कि 3फरवरी से 8 फरवरी तक उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चे की अपील पर उत्तरप्रदेश के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में किसानों के बीच पंहुचकर सरकार की किसान विरोधी नीतियों को बताने के लिए बैठक, जनसंपर्क, नुक्कड़ सभाएं की।

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