Ankita murder Case : कहीं निकिता मामले की तरह न हो जाए अंकिता मामले का हस्र?

0
184
Spread the love

अंकिता हत्याकांड मामले में तरह-तरह की बातें हो रही हैं। विभिन्न संगठन शाहरुख को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं। निर्दलीय विधायक सरयू राय ने दोषियों को चौराहे पर गोली मार देने की मांग की है। ऐस में प्रश्न उठता है कि क्या अंकिता को न्याय मिलेगा ? क्या शाहरुख को सजा मिलेगी ? कानून की लचर व्यवस्था से तो नहीं लगता है कि अंकिता को जल्द न्याय मिलेगा। यदि ऐसा नहीं है तो फिर फरीदाबाद में एकतरफा प्यार में गोली मारकर निकिता की हत्या करने वाले मामले में क्या हुआ ? जबकि उस हत्याकांड में तो सीसीटीवी फुटेज भी आ गई थी।

दरअसल इस तरह के मामले कुछ दिनों तक सुर्खियों में बनते हैं और फिर लोग भूल जाते हैं। क्या यह कानून की लचर व्यवस्था नहीं है कि इस तरह के मामले भी काफी लंबे खिंच जाते हैं। यही वजह है कि अपराधियों के मन से कानून का खौफ खत्म होता जा रहा है। देश में इस तरह के कितने मामले हो रहे हैं कि लोग अपराध करते हुए अपना ही वीडियो बनाकर उसे वायरल कर रहे हैं। इस तरह की वारदातों के पीछे शासन-प्रशासन तो बड़ा जिम्मेदार होता ही है साथ ही समाज भी कम जिम्ेमदार नहीं है। किसी भी समाज में एक या दो में कोई अपराधी नहीं बनता है। शाहरुख जैसा दुस्साहस करने की हिम्मत एक-दो दिन में नहीं आती है।

जब लंबे समय तक किसी गलती या अपराध को अनदेखा किया जाता है तब जाकर वह बड़ा अपराधी बनता है। इस तरह के युवकों का सामाजिक स्तर पर बहिष्कार क्यों नहीं किया जाता है ? क्यों उसके परिजन उसे अपना लेते हैं। क्यों नहीं ऐसे लड़के की बहनें, मां या फिर दूसरे रिश्ते की महिलाएं दुत्कारती हैं ? प्रशासन का भी यही हाल है। व्यवस्था के नाम पर बदनाम रिम्स अस्पताल में अंकिता को क्यों भर्ती कराया गया ? अंकिता पांच दिन तक अस्पताल में मौत से लड़ती रही जिम्मेदार लोग क्या कर रहे थे ? क्या उसे झारखंड, बिहार या दिल्ली के किसी अच्छे अस्पताल भर्ती नहीं कराया जा सकता था ? क्या पांच दिन तक किसी को अंकिता के साथ किये गये इस घिनौने कृत्य के बारे में पता नहीं चला ?

मौजूदा राजनीति से तो ऐसा ही लग रहा है कि राजनीतिक दलों को सत्ता में पाने या फिर बचाने के अलावा किसी बात में कोई दिलचस्पी नहीं है । झारखंड में भी ऐसा ही है। हेमंत सोरेन सरकार अपनी सरकार बचान में लगी है तो विपक्ष में बैठी सरकार को गिराने में। ऐसे में प्रश्न उठता है डुमका के जनप्रतिनिधि क्या कर रहे थे ? वहां के डीएम कहां सो रहे थे ? वहां के पुलिस प्रशासन क्या कर रहा था ? दरअसल शाहरुख के खिलाफ अंकिता के परिजनों द्वारा एक शिकायत पहले भी पुलिस में दर्ज कराने की बात भी सामने आई है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि उस शिकायत पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई ? क्या इस हत्याकांड का जिम्मेदार स्थानीय पुलिस प्रशासन भी नहीं है ? क्या कोई सिरफिरा सनकी लड़का ऐसे ही किसी अंकिता जैसी लड़की को ऐसे ही जिंदा जलाता रहेगा ? क्या इस तरह की वारदातों से प्रधानमंत्री का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नाारा धूमिल होता नहीं दिखाई दे रहा है ?

दरअसल अंकिता सिंह की हत्या के मामले में झारखंड के अलावा दूसरे प्रदेशों में बड़ी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कई संगठन अंकिता की हत्या के आरोपी शाहरुख को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं। अंकिता सिंह की मौत मामले में एसआईटी जांच कर रही है। इसी बीच हाईकोर्ट ने भी इस मामले में संज्ञान लिया है। अदालत ने झारखंड के गृह सचिव और डीजीपी को तलब किया है। जानकारी के अनुसार मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले से जुड़ी फाइलों के साथ डीजीपी और मुख्य सचिव को भी तलब किया है। इसके साथ ही अदालत ने पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया है।

ज्ञात हो कि दुमका की बेटी अंकिता को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने के मामले को लेकर राज्य में अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन किये जा रहे हंै। अंकिता के परिजन इस मामले में इंसाफ की मांग कर रहे हैं। मामले की गहन तफ्शीश के लिए एसआईटी बनाई गई है। एसआईटी ने अंकिता के घर जाकर विभिन्न सबूत जुटाए हैं। इस मामले में पुलिस ने शाहरुख के अलावा एक अन्य आरोपी गिरफ्तार कर लिया है।

भारतीय जनता पार्टी ने हेमंत सोरेन सरकार और पुलिस प्रशासन को पहले ही कट घरे में खड़ा कर दिया था। झारखंड भाजपा के नेताओं ने आरोप लगाया था कि पुलिस प्रशासन ने इस मामले में लापरवाही की थी। सांसद निशिकांत दुबे ने कहा था कि हेमंत सरकार लड़की की बेहतर चिकित्सीय इलाज दिलाने पाने में नाकाम रही थी। दरअसल 23 अगस्त को अंकिता पर उस वक्त पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई थी जब वह अपने घर में सो रही थी। आरोपिायें ने नींद में सो रही अंकिता पर पेट्रोल डालकर उसे आग के हवाले कर दिया था। बुरी तरह से झुलसी अंकिता का इलाज रांची के रिम्स असप्ताल में किया जा रहा था। पांच दिन तक मौत से लड़ने के बाद आखिर उसने दम तोड़ दिया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here