चरण सिंह
आम अदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब नीति के मनीलांड्रिंग मामले में एक जून तक अंतरिम जमानत मिलने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है। आम आदमी पार्टी जश्न मना रही है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि अरविंद केजरीवाल के जेल से बाहर आने पर चुनाव पर कितना असर पड़ेगा। आम आदमी पार्टी और इंडिया गठबंधन पर कितना असर पड़ेगा ? इसमें दो राय नहीं कि केजरीवाल के जेल से बाहर आने पर चुनाव में आम आदमी पार्टी को फायदा होगा। अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर आते ही भाजपा पर हमला बोलते देखे जा सकते हैं। केजरीवाल के भाजपा पर हमलावर होने पर आप को चुनाव में फायदा होगा। दिल्ली के साथ ही पंजाब में भी केजरीवाल चुनाव प्रचार करते देखे जा सकते हैं।
आम आदमी पार्टी ही नहीं बल्कि इंडिया गठबंधन को भी इसका फायदा मिलेगा। केजरीवाल आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में तो प्रचार करेंगे ही। इंडिया गठबंधन के दूसरे दलों के नेता भी अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए बुला सकते हैं। यह भी कह सकते हैं कि बचे हुए आधे चुनाव के लिए अरविंद केजरीवाल इंडिया गठबंधन की ओर से स्टार प्रचारक की भूमिका में होंगे।
दरअसल अरविंद केजरीवाल लगातार अपने को ईमानादर बता रहे हैं। वह आप नेताओं को जेल भेजने के पीछे भाजपा का षड्यंत्र करार देते रहे हैं। यदि शराब नीति मामले में आप नेताओं के कोर्ट से कोई खास राहत नहीं मिल रही है तो मामला तो गंभीर है ही। केजरीवाल एंड टीम ईमानदार है या फिर भ्रष्टाचारी यह तो कोर्ट ही फैसला लेगा पर आम आदमी पार्टी के नेताओं में जिस तरह से बदलाव आया है, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि कुछ न कुछ तो गड़बड़ तो है। आम आदमी पार्टी में अब आम आदमी पार्टी की कोई गुंजाइश नहीं है। जो अरविंद केजरीवाल गाड़ी बंगले के विरोधी थे, अब सबसे महंगी गाड़ी और सबसे महंगा बंगला केजरीवाल को ही चाहिए। अपने को कट्टर ईमानदार बताने वाले अरविंद केजरीवाल पर मुख्यमंत्री आवास के सौंदर्यीकरण के नमा पर करोड़ों रुपये के घोटाला का आरोप है। यह आरोप बीजेपी ही नहीं बल्कि आप की सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने भी लगाया है। भाजपा ने तो 41 करोड़ रुपये की फिजूलखर्ची का आरोप केजरीवाल पर लगाया था। कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन ने तो 171 करोड़ रुपये की फिजूलखर्ची का आरोप केजरीवाल पर लगाया है।
केजरीवाल के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, उप मुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया जेल में बंद हैं। केजरीवाल अंतरिम जमानत पर बाहर आ रहे है। राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी जमानत पर चल रहे हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि केजरीवाल टीम संदेह के घेरे में है। हो सकता है कि केंद्र सरकार आप नेताओं पर दुर्भावनावश कार्रवाई करा रही हो पर ईमानदार आदमी का कोई भी सरकार कुछ बिगाड़ नहीं सकती है। ड्रामे के मामले में केजरीवाल दूसरे नेताओं से २१ ही हैं। हां यह जरूर कहा जा सकता है कि उन्होंने दिल्ली में स्वास्थ्य और शिक्षा पर काम किया है पर जिस उद्देश्य से वह राजनीति में आये थे उससे कहीं कोसों दूर जा चुके हैं। अरविंद केजरीवाल का एक मात्र मकसद किसी भी तरह से सत्ता को कब्जाना रह गया है। हां यह जरूर हो सकता है कि केजरीवाल मामले के लंबा चलने पर अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल को सीएम बना सकते हैं। इन दिनों उनके निर्देश पर सुनीता केजरीवाल को चुनावी प्रचार में स्टार प्रचारक की भूमिका में उतारा गया है। सुनीता केजरीवाल अब सधी हुई चाल चल रही हैं।