बिहार चुनाव 2025: आरएसएस का ‘मिशन त्रिशूल’ शुरू, बूथ स्तर पर बढ़ेगी पकड़

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दीपक कुमार तिवारी 

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पूरी तरह से जुट गया है। संगठन ने अपनी रणनीति को ‘मिशन त्रिशूल’ नाम दिया है, जिसमें तीन प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा—नाराज वोटरों की पहचान, प्रभावी मुद्दों का आकलन और बीजेपी के लिए फायदेमंद व नुकसानदेह मुद्दों का विश्लेषण।

दिल्ली, महाराष्ट्र और हरियाणा में सफलता के बाद आरएसएस ने बिहार में भी इसी रणनीति को अपनाने का फैसला किया है। संगठन के स्वयंसेवकों को अपने-अपने इलाके में शाखाओं का विस्तार करने और जमीनी स्तर पर लोगों से संपर्क बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।

गोपनीय सर्वे और चुनावी तैयारी:

आरएसएस बिहार में एक स्वतंत्र और गोपनीय सर्वे भी करा रहा है, जिसका मकसद जनता की राय समझना है।

यह सर्वे मुख्य रूप से तीन सवालों के इर्द-गिर्द घूमेगा:

1. किस नेता के खिलाफ सबसे ज्यादा नाराजगी है?

2. कौन सा मुद्दा सबसे ज्यादा असरदार होगा?

3. कौन सा मुद्दा बीजेपी के लिए फायदेमंद और कौन सा नुकसानदेह साबित हो सकता है?

 

शाखाओं का विस्तार और बूथ स्तर की रणनीति:

चुनावी साल में आरएसएस बिहार में अपनी शाखाओं की संख्या बढ़ाने पर जोर दे रहा है। वर्तमान में बिहार में 1000 से अधिक स्थानों पर शाखाएं लग रही हैं। प्रदेश को उत्तर और दक्षिण बिहार दो हिस्सों में बांटकर रणनीति तैयार की जा रही है।

दिल्ली चुनाव की तर्ज पर बिहार में भी आरएसएस ‘त्रिदेव’ मॉडल लागू कर सकता है, जिसमें एक पुरुष, एक महिला और एक युवा को शामिल किया जाएगा। ये ‘त्रिदेव’ बूथ स्तर पर लोगों से संवाद करेंगे और पार्टी की पकड़ मजबूत करेंगे।

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