अंतिम चरण में काशी विश्वनाथ और विंध्य कॉरीडोर को क्या भुना पाएगी बीजेपी?  

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द न्यूज 15

लखनऊ। सात मार्च को सातवें चरण के मतदान के साथ ही प्रदेश में चुनाव का शोर और मतदान की प्रक्रिया पूरी तरह समाप्त हो जाएगी। इस चरण में विकास, धर्मस्थलों का विकास, एक्सप्रेसवे जैसे प्रमुख मुद्दे जनता के बीच हैं। फिर से सरकार बनाने की जद्दोजहद में लगी भाजपा के पास इस चरण में अपने धार्मिक एजेंडे को जनता के बीच परोसने का यह मौका भी है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के जीर्णोधार का पूरा श्रेय लेने के साथ ही मां विंध्यवासिनी धाम के सुंदरीकरण के लिए चल रहे काम की गूंज इस चरण में जनता के बीच दिखाई दे तो हैरत नहीं।
सातवें चरण की विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार का शोर बढ़ने के साथ ही राजनीतिक दलों के बड़े नेताओं द्वारा जनसभा के बाद इन धार्मिक स्थलों पर दर्शन पूजन का कार्यक्रम भी चल रहा है। सत्ताधारी दल भाजपा इस चरण में वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ कारीडोर के विकास के साथ ही मिर्जापुर में मां विंध्यवासिनी मंदिर के विकास के चल रहे काम का श्रेय लेने की कोशिश में है। भाजपा नेता व कार्यकर्ता वाराणसी और आसपास के जिलों में सरकार के इस प्रयास को भुनाने की पूरी कोशिश कर भी रहे हैं। प्रदेश के इन दोनों तीर्थस्थलों पर प्रतिवर्ष लाखों की तादाद में देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। ये दोनों तीर्थस्थल स्थानीय लोगों के रोजी रोजगार का बड़ा माध्यम भी हैं।
दिसंबर में पीएम ने किया था श्रीकाशी विश्वनाथ कारीडोर का लोकार्पण : संकरी गलियों वाले श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर को भव्य परिसर देने का काम भाजपा सरकार ने किया है। मंदिर परिसर को पूरी तरह खोल दिया गया है। चौड़े मार्गों से होकर श्रद्धालु अब आसानी से यहां दर्शन पूजन के लिए जाते हैं। श्रीकाशी विश्वनाथ कारीडोर का लोकापर्ण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभ मूहुर्त में 13 दिसंबर 2021 को किया था। लोकार्पण के बाद एक महीने तक काशी में लगातार धार्मिक आयोजन होते रहे। देश भर के मुख्यमंत्री और धर्माचार्य इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। लोकार्पण के साथ ही भाजपा ने एक महीने का जो कार्यक्रम तय किया था उसका उद्देश्य प्रदेश की जनता को यह बताना था कि भाजपा अपने वादे और एजेंडे पर अडिग है।
अमित शाह और योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट है विंध्य धाम काॅरीडोर : मिर्जापुर में स्थित शक्तिपीठ विंध्यवासिनी धाम कारीडोर के विकास की नींव अगस्त 2021 में रखी गई थी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधि विधान से मंत्रोच्चार के बीच कारीडोर के विकास की नींव रखी थी। कारीडोर के विकास के तहत मंदिर के आसपास के मकानों को अधिग्रहित कर सरकार ने उन्हें तोड़कर रास्तों को चौड़ा करने का मार्ग सुलभ किया। विंध्यधाम कारीडोर के विकास का काम अभी चल रहा है। कारीडोर के निर्माण का कार्य पूरा होने पर मंदिर के उत्तर दिशा में प्रवाहित गंगा नदी का दर्शन श्रद्धालु मंदिर परिसर से कर सकेंगे। इस प्रोजेक्ट को अमित शाह और योगी आदित्यनाथ दोनों का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है।
सातवें चरण के प्रमुख तीर्थस्थल : श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी और मां विंध्यवासिनी धाम विंध्याचल मिर्जापुर प्रमुख हैं। इसके अलावा वाराणसी का संकटमोचन मंदिर, रविदास मंदिर और सारनाथ स्थित भगवान बुद्ध की उपदेश स्थली।

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