कौन होगा इंडिया गठबंधन पीएम पद का दावेदार ?

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पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस लोकसभा चुनाव में जुट गई है। एनडीए की ओर से तो प्रधानमंत्री पद के दावेदार खुद पीएम मोदी हैं पर इंडिया गठबंधन अभी तक प्रधानमंत्री पद का कोई दावेदार पेश नहीं कर पाया है। कौन हो सकता है इंडिया गठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री पद का दावेदार ? सोनिया गांधी ने क्यों की मल्लिकार्जुन खड़गे की तारीफ। बीजेपी को हराने के लिए विपक्ष खेलने जा रहा है कौन सा दांव? जातीय आधार विपक्ष के किस नेता की बन रही पीएम पद की सबसे बड़ी दावेदारी ? नाराज अखिलेश यादव को कैसे मनाएगी कांग्रेस ?  

चरण सिंह राजपूत 

विपक्ष ने भले ही इंडिया गठबंधन बना लिया हो, भले ही पटना, बेंगलुरु और मुंबई में इंडिया गठबंधन की मीटिंग हुई हो पर अभी तक न तो सीटों का बंटवारा हो पाया है और न ही प्रधानमंत्री पद का दावेदार किसी नेता को बनाया गया है। कांग्रेस की सर्वेसर्वा मानी जाने वाली सोनिया गांधी ने दिल्ली के एक कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की तारीफ कर राजनीतिक हलके में विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के लिए चर्चा शुरू करा दी है। सोनिया गांधी के इस दांव के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार के रूप में उभर रहे हैं।

दरअसल गांधी परिवार ऐसा कोई मौका प्रधानमंत्री मोदी को नहीं देना चाहते हैं कि जिस पर उनको घेरने का मौका मिले। मल्लिकार्जुन खड़गे को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने पर सोनिया गांधी एक तीर से दो निशाने साधना चाहती हैं। एक से तो वह यह संदेश देना चाहती हैं कि गांधी परिवार अध्यक्ष और प्रधानमंत्री पद से बहुत दूर हैं। दूसरा वह दलित कार्ड खेलकर मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम पर पूरे विपक्ष से सहमति करा लेना चाहती हैं। हालांकि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद इंडिया गठबंधन में में सहयोगी पार्टी समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। रायबरेली और अमेठी में समाजवादी पार्टी ने चुनाव लड़ने के पोस्टर लगा दिए हैं।

दरअसल पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद इंडिया गठबंधन के सामने और बड़ी दिक्कत खड़ी हो गई है। भले ही शरद पवार इन चुनाव का लोकसभा चुनाव पर कोई असर न पड़ने की बात कर रहे हों पर विपक्ष इन चुनाव परिणाम के बाद तनाव में आ गया है। अब कांग्रेस ही नहीं बल्कि विपक्ष के सभी पार्टियों के पास  मल्लिकार्जुन खड़गे मजबूत दलित चेहरा है। कर्नाटक में यह चेहरा कांग्रेस के काम आया और लोकसभा चुनाव में भी मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस आगे करना चाहती है।यही सब वजह रही कि सोनिया गांधी ने दिल्ली के एक कार्यक्रम में उनकी राजनीति की जमकर सराहना की। उधर इंडिया गठबंधन में शामिल करने के लिए बसपा मुखिया मायावती से कांग्रेस उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी की तीन मीटिंग हो चुकी हैं। उत्तर प्रदेश में मायावती के ज्यादा सीटें मांगने के कारण सीटों का बंटवारा नहीं हो पा रहा है। चर्चा यहां तक है कि मायावती को विपक्ष राष्ट्रपति पद का ऑफर दे सकता है।
दरअसल मायावती के भाई आनंद को लेकर बीजेपी ने उन पर दबाव बना रखा है। ऐसा माना जा जा रहा है कि आम चुनाव की घोषणा होते ही काफी नेता इस दबाव से बाहर निकल सकते हैं। कांग्रेस की रणनीति है कि जिस तरह से बीजेपी ने पहले रामनाथ कोविद को राष्ट्रपति बनाकर दलित कार्ड खेला और बाद में द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाकर आदिवासी कार्ड खेला उसी तरह से मल्लिकार्जुन खड़गे को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाकर कांग्रेस दलित कार्ड खेलना चाहती है।दरअसल कांग्रेस की रणनीति है कि बसपा के निष्क्रिय होने से जो दलित वोटबैंक बीजेपी से सट रहा है वह लोकसभा चुनाव में विपक्ष को मिल जाए। इसमें दो राय नहीं दलित कार्ड पर विपक्ष माहौल बना सकता है। जब विपक्ष को लगेगा कि मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम पर विपक्ष की मजबूती हो रही है तो सब एकजुट भी हो सकते हैं। दलित चेहरे पर कोई पार्टी नाराज भी नहीं होगी।

वैसे विपक्ष की लामबंदी नीतीश कुमार ने की है तो जदयू के नेता नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद के दावेदार के रूप में पेश करने की बात कर रहे है। आम आदमी पार्टी भी अरविंद केजरीवाल को प्रधानमंत्री के लिए सबसे योग्य मानती है। टीएमसी के कार्यकर्ता भी ममता बनर्जी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने की मांग कर चुके हैं। उधर शरद पवार अलग से ताल ठोकते रहे हैं। कांग्रेस से राहुल गांधी को भी प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने की मांग भी हो चुकी है। इन सबमें मल्लिकार्जुन खड़गे ही हैं जिनके नाम पर पूरे विपक्ष की सहमति बन सकती है।

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