विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत की नोएडा बेस्ट कंपनी के बनाए गये दो कफ सिरप को लेकर अलर्ट जारी किया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि उजबेकिस्तान में इन कफ सिरप का इस्तेमाल बच्चों के लिए तत्काल प्रभाव से बंद कर देना चाहिए। डब्ल्यूएचओ ने बुधवार को मेडिकल प्रोडक्ट पर अलर्ट जारी किया है। जिसमें डब्ल्यूएचओ ने कहा कि मैरियन बायोटेक द्वारा बनाए गये निम्नस्तरीय मेडिकल प्रोडक्ट वो उत्पाद हैं जो गुणवत्ता के मानकों को पूरा करने में असफल रहे हैं और इसलिए इन्हें इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। आपको बता दें कि अभी हाल ही में कथित तौर पर इन दोनों कफ सिरप के पीने से उज्बेकिस्तान के दो बच्चों की मौत हो गई थी।
सुरक्षा मानकों पर कंपनी ने डब्ल्यूएचओ को नहीं दी गारंटी
मैरियम बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड के दो कफ सिरप एम्ब्रोनोल जो भारत के नोएडा स्थित कंपनी से बने हैं। इन उत्पादों की सुरक्षा और गुणवत्ता पर डब्ल्यूएचओ को गारंटी नहीं दी है। इसके पहले उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर खांसी की दवाई पीने के बाद बच्चों की मौत की खबरें सामने आने के बाद नोएडा स्थित फार्मा मैरियन बायोटेक पर संकट के बादल छा गये हैं।
डब्ल्यूएचओ ने जराी की कफ सिरप को लेकर चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को इस बात की सिफारिश की है कि उज्बेकिस्तान में बच्चों के लिए दो भारतीय कफ सिरप एम्ब्रोनोल और डॉक-१ मैक्स पर रोक लगा देनी चाहिए। डब्ल्यूएचओ ने आगे कहा कि ऐसे मेडिकल प्रोडक्ट हैं जो गुणवत्ता मानकों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। लैब में इस मेडिकल प्रोडक्ट का विश्लेण में पाया गया कि दोनों ही प्रोडक्टस में दूषित पदार्थांे के रूप में डायथिनील ग्लाइकोल या एथिनील ग्लाइकोल की अस्वीकार्य मात्रा शामिल की गई है।
उधर उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारतीय कफ सिरप का विश्लेषण करते हुए दावा किया था कि इस कफ सिरप में एक जहरीला पदार्थ, एथिलीन ग्लाइकॉल होता है जो कि बच्चों को ज्यादा मात्रा में दिये जाने पर उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किये गये बयान में कहा कि उनके देश में बच्चों ने नोएडा की मैरियन बायोटेक के कफ सिरप लियाथा, जिसके बाद उन बच्चों की मौत हो गई थी।