जब चौधरी चरण सिंह ने कर दिया था पूरा थाना सस्पेंड

0
89
Spread the love

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को हाल ही में भारत रत्न से सम्मानित किया गया है. किसानों के लिए हमेशा खड़े रहने वाले चौधरी चरण सिंह आज भी लोगो के दिल मे बसे हुए है. खासकर किसानो के दिल में उनकी अलग ही जगह है क्योकि वो अक्सर किसानों की समस्या सुनने और सरकारी दफ्तरों में भी मुआयना करने चले जाते थे.

चौधरी चरण सिंह को हाल ही में केंद्र सरकार ने देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया. चौधरी चरण सिंह भारत के किसान राजनेता और पाँचवें प्रधानमंत्री थे। उन्होंने 28 जुलाई, 1979 से 14 जनवरी, 1980 तक वह प्रधानमंत्री पद पर आसीन रहे. किसानों के लिए हर वक्त खड़े रहने वाले चौधरी चरण सिंह के कई किस्से आज भी लोगों को याद हैं. ऐसा ही एक किस्सा 25 साल पहले का है, जिसमे से एक दिल्चस्प
किस्से का जिक्र हम यहाँ करने वाले है.

साल 1979 मे जब शाम के वक्त एक परेशान किसान यूपी के इटावा जिले के उसराहार थाने में पहुंचा. किसान ने पहले इधर-उधर नजर दौड़ाई और फिर झिझकते हुए हड कांस्टेबल के पास पहुंच गया. इस दौरान हेड कांस्टेबल आराम फरमा रहा था और जैसे ही उसने नजर घुमाई तो सामने मैले-कुचैले कपड़े और धोती पहने एक किसान खड़ा था जिसके पैर में चप्पल भी नहीं थे. कांस्टेबल ने किसान से पूछा, “हाँ, क्या बात हो गई?” इस पर किसान ने डरते और सकुचाते हुए हुए बताया कि वह मेरठ से अपने रिश्तेदार के यहां बैल खरीदने आया है लेकिन रास्ते में एक जेबकतरे ने उसकी जेब काट ली और पैसे चुरा लिये, इसलिए वह शिकायत लिखवाने के लिए पुलिस थाना में आया है. हेड कांस्टेबल ने नजरें टेढ़ी करते हुए पूछा, ‘मेरठ से बैल खरीदने इतनी दूर क्यों आये भाई? क्या आपके पास इस बात का कोई सबूत है कि आपकी जेब काट ली गई है? हो सकता है कि आपके पैसे कहीं गिर गए हों या इसका कोई सबूत है कि किसी ने आपकी जेब काट ली हो, आपके पैसे खाने-पीने में उड़ा दिए हों और अब घरवाले के डर से चोरी करने का नाटक कर रहे हों?’ अंत में कांस्टेबल ने कहा, ‘जाओ शिकायत नहीं लिखी जाएगी.’ पुलिस कांस्टेबल के इस व्यवहार से किसान निराश और परेशान हो गया और हताश होकर एक किनारे पर खड़े होकर सोचने लगा कि अब क्या होगा. तभी एक सिपाही  ने उसे बुलाया और कुछ बातचीत की. बातचीत में यह तय हुआ कि अगर किसान कुछ पैसे का जुगाड़ कर ले तो उसकी रिपोर्ट लिखी जाएगी. परेशान किसान ने पुलिस के इस ऑफर को मान लिया. इसके बाद मुंशी ने शिकायत लिखनी शुरू कर दी. सारी बात लिखने के बाद मुंशी ने कहा, ‘बाबा, हस्ताक्षर करोगे या अंगूठा लगाओगे?’ किसान ने कहा, ‘मैं पढ़ा-लिखा नहीं हूं, इसलिए अंगूठा लगाऊंगा.’ मुंशी ने किसान की ओर कागजऔर स्याही का पैड बढ़ा दिया. हताश और परेशान दिख रहे किसान ने अपनी जेब में हाथ डाला और एक मुहर और कलम निकाली. इससे पहले की मुंशी कुछ  समझ पाता कि किसान ने स्याही के पैड से मुहर पर स्याही लगाई और कागज पर ठप्पा लगा दिया. मुंशी ने कागज पलटकर पढ़ा, उस पर मुहर लगी थी, ‘प्रधानमंत्री भारत सरकार.’ मुंशी को आश्चर्य हुआ कि किसान ने हाथ में कलम लेकर लिखा था चरण सिंह. अब थाने में हड़कंप मच गया. पूरा थाना इस बात से हैरान था कि देश के पीएम चौधरी चरण सिंह एक किसान का भेष धारण कर थाने में रिपोर्ट लिखवाने आए थे. इसके बाद पूरे थाने को निलंबित कर दिया गया.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here