संवाददाता, राजगीर।
नव नालंदा महाविहार, नालंदा में एक दिवसीय राजभाषा हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन कुलपति प्रो राजेश रंजन द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस कार्यशाला में संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के राजभाषा निदेशक डॉ रमेश आर्य ने विस्तार से प्रतिभागियों को संघ की राजभाषा नीति के बारे में बतलाया । प्रतिभागियों को राजभाषा हिंदी में अपने कार्यों को संपादित करने के लिए प्रेरित किया करते हुए उन्होंने कहा कि हिंदी में काम करने के लिए उचित प्रशिक्षण की आवश्यकता है। साथ ही साथ लोगों को जागरुक भी होना होगा । राजभाषा हिंदी में कार्य करने में हमसब को कोई झिझक नहीं होनी चाहिए । कार्यशाला के संयोजक प्रो हरे कृष्ण तिवारी ने राजभाषा हिंदी कार्यशाला के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए इसे आवश्यक बतलाया। महाविहार में पहली बार राजभाषा हिंदी कार्यशाला के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त की। कार्यशाला में कुलसचिव डॉ.मीता ने भी विचार व्यक्त किया। केंद्रीय तिब्बती संस्थान, सारनाथ के राजेश कुमार मिश्रा ,एम एल सिंह एवं डॉ सुशील कुमार सिंह भी कार्यशाला में शामिल हुए। कार्यशाला में महाविहार के कर्मचारियों में राजेश कुमार जायसवाल, अवंती प्रभा, बंधन बरुआ ,विजय कुमार, शशिकांत कुमार सिन्हा, अशोक कुमार, कोमल भारती, शिवनंदन रविदास ,प्रवीण कुमार, आलोक रंजन, आशीष कुमार, रविकांत कुमार ,प्रतिमा कुमारी ,सूरज कुमार, राजीव कुमार ,अस्तित्व स्वरूप मिश्रा, शुभम मिश्रा, नीतीश कुमार पांडे, अरविंद कुमार ,डॉ अशोक कुमार और डॉ अनुराग शर्मा शामिल हुए। प्रतिभागियों ने भी इस कार्यशाला में अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि इस कार्यशाला से हमें एक नई प्रेरणा मिली है। आगे चलकर हम अपने कार्यों का निष्पादन राजभाषा हिंदी में निपुणता के साथ करेंगे। कार्यशाला की समाप्ति के बाद प्रतिभागियों के बीच कुलपति द्वारा प्रमाण पत्र वितरित किया गया। इस कार्यशाला के संयोजक प्रो हरे कृष्ण तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि भविष्य में भी इस तरह की कार्यशाला का आयोजन किया जाता रहेगा।