युवक ने दी जान, सुसाइड से पहले बनाया वीडियो, पुलिस पर लगाया आरोप

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द न्यूज़ 15
हरिनगर। दिल्ली के हरिनगर में हुई झपटमारी के एक मामले में पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए उसके दोस्त को हिरासत में लिया और माया पूरी के ठाणे में लगाए। हालांकि, आरोपी के पकड़े जाने पर पुलिस ने युवक को छोड़ दिया, लेकिन बगैर कुछ गलत किए थाने ले जाए जाने से बेइज्जत होकर उसने फांसी लगाकर जान दे दी।
युवक ने आत्महत्या से पहले बनाए तीन मिनट का एक वीडियो बनाया जिसमे पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने से अपने परिवार की बेइज्जती होने की बात कही है। हरिनगर थाना पुलिस ने सूरज के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है। फिलहाल, पुलिस मामले में जांच कर रही है।
पुलिस के अनुसार, तीन जनवरी को मायापुरी थाना पुलिस को मुकेश नाम के शख्स ने मोबाइल झपटमारी की शिकायत दी थी। पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर छानबीन शुरू की। पुलिस की जांच में सामने आया कि चोरी के मोबाइल का इस्तेमाल जो शख्स कर रहा है, वह सूरज नाम के युवक के संपर्क में है। पुलिस ने सूरज की जानकारी जुटाई तो पता चला कि वह परिवार के साथ पीली कोठी, हरिनगर में रहता है और कपड़े की दुकान में काम करता है। मायापुरी थाना पुलिस ने रविवार को आरोपी के बारे में जानकारी जुटाने और उसकी पहचान करने के लिए सूरज को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। पुलिस की पूछताछ में सूरज ने अंकित और उसके भाई अभिषेक के बारे में बताया, जिसके जरिए पुलिस अभिषेक तक पहुंच गई। अभिषेक के पकड़े जाने पर पुलिस ने सूरज को छोड़ दिया। घर आकर सूरज बेहद परेशान था। उसने वीडियो बनाया और फंदे से लटककर जान दे दी।
खुदकुशी से पहले बनाए तीन मिनट के वीडियो में सूरज रोते हुए कह रहा है कि मेरी कोई गलती नहीं थी, फिर भी पुलिस मुझे थाने लेकर गई। इससे मेरे परिवार की बेइज्जती हुई है। रविवार को मैं काम पर गया हुआ था। एक पुलिस वाले ने मेरे घर से कॉल कर कहा कि वह मायापुरी थाने से बोल रहा है। कुछ काम है, आ जाओ। मैं घर आया तो दो पुलिसकर्मी सबके सामने मुझे बाइक पर बिठाकर थाने ले गए।
युवक ने वीडियो में कहा है कि थाने में मुझसे कहा गया कि अंकित को बुला दो तो हम तुझे छोड़ देंगे। मैं अंकित को बुला लाया तो अंकित के भाई को बुलाने के लिए कहा। कुछ देर बाद पुलिस को अभिषेक भी मिल गया। अभिषेक के आने बाद पुलिस ने मुझे घर भेज दिया। मेरी कोई गलती नहीं थी। फिर भी पुलिस मुझे अपने साथ थाने लेकर गई, वह भी घर से। क्या मेरे मां-बाप की कोई इज्जत नहीं है? मैं इस वजह से बेहद अवसाद में हूं आत्महत्या कर रहा हूं।

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