बंदूक की नोक पर हुए ‘पकड़ौआ विवाह’ को खत्म करने के हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक 

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बंदूक की नोक पर पकड़ौआ शादी के मामले में पटना हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी। पटना हाई ने एक भारतीय सेना के जवान की शादी को रद्द कर दिया था। उस जवान का कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया था। इसके बाद उसे बंदूक की नोक पर शादी करने के लिए मजबूर किया गया था। इस तरह के विवाह को बिहार में ‘पकड़ौआ शादी’ यानी जबरदस्ती पकड़ कर शादी कराने के रूप में जाना जाता है।

सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट एक खंडपीठ ने मामले में नोटिस जारी किया। इसके साथ ही आर्मी जवान की पत्नी की तरफ से दायर अपील पर पटना हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी। इससे पहले पिछले साल नवंबर में मामले की सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के तीन साल पुराने फैसले को रद्द कर दिया था। हाई कोर्ट का कहना था कि किसी को पकड़ कर सिर्फ सिंदूर लगा देना शादी नहीं है। युवक का कहना था कि बिना किसी धार्मिक का आध्यात्मिक अनुष्ठान के उसे मांग में सिंदूर भरने के लिए मजबूर किया गया था। इससे पहले फैमिली कोर्ट ने शादी को रद्द करने के लिए पति के पक्ष में आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था।

साल 2013 में हुई थी शादी

घटना के समय साल 2013 में युवक लखीसराय में मंदिर में पूजा करने जा रहा था। इस दौरान उसका अपहरण कर लिया गया था। युवक उस समय सेना में एक कांस्टेबल के रूप में तैनात था। अपहरण के बाद उसे एक महिला से बंदूक की नोक पर शादी करने के लिए मजबूर किया गया था। दूसरी तरफ लड़की का कहना था कि उसकी शादी जून 2013 में सारे हिंदू हिंदू रीति-रिवाजों के तहत हुई थी। इतना ही नहीं, शादी के समय उसके पिता ने उपहार स्वरूप सोना, 10 लाख रुपये नकद और अन्य सामान भी दिया था। बाद में उसने अपनी जबरन शादी को रद्द करने के अनुरोध के साथ फैमिली कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई। 27 जनवरी, 2020 को फैमिली कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद व्यक्ति ने पटना हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

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