दिल्ली विश्वविद्यालय के श्यामलाल महाविद्यालय (सांध्य) के राजनीतिक विज्ञान विभाग ने “भारत और समकालिक विश्व : विदेश नीति के नए आयाम विकसित भारत के लक्ष्य” विषय पर सेमिनार का आयोजन किया।आयोजन का आरंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ ।
महाविद्यालय के भूतपूर्व प्राचार्य प्रो. रमेश कुमार ने अध्यक्षीय वक्तव्य में भारत की समकालीन विदेश नीति की रूपरेखा को साझा किया। सेमिनार के मुख्य वक्ता प्रो. नचिकेता सिंह ने भारत विदेश नीति विषय पर एक सारगर्भित व्याख्यान के दौरान कुछ प्रमुख आयामों पर प्रकाश डाला| मसलन आजादी के बाद भारत की विदेश नीति, नेहरूवादी अंतर्राष्ट्रीयवाद, शीत युद्ध के परिवेश में गुटनिरपेक्षता की भूमिका, भारत चीन व भारत-पाकिस्तान युद्ध, शीत युद्ध के अंत के उपरांत एक विश्व से बहुध्रुवीय विश्व की और किए गए भारत के प्रयास, 2001 में 9/11 की घटना के परिणाम स्वरूप भारत अमेरिकी दोस्ती नए दौर में प्रवेश करती है | जिसके फलस्वरुप भारत अमेरिकी सिविल परमाणु समझौता 2008, पूर्व की ओर देखो से एक्ट ईस्ट पॉलिसी, भारतीय सीमा से सटे पड़ोसी देशों के साथ मैत्री संबंधों की पहल और विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के मार्ग में आने वाली सामाजिक आर्थिक राजनीतिक चुनौतियां जैसे ज्वलंत मुद्दों पर प्रो. सिंह ने अपने ज्ञान व समझ को बच्चों के साथ साझा करके उनका भारत की विदेश नीति के संबंध में ज्ञान विस्तार करने का कार्य किया।
महाविद्यालय के आइक्यूएसी कन्वेनर डॉ. प्रमोद कुमार द्विवेदी अपने संबोधन में राजनीतिक विज्ञान विभाग को बधाई दी और आगे भी इसी प्रकार के कार्य करने के लिए प्रेरित किया। सेमिनार के अंत में विभागाध्यक्ष प्रो. कुमार प्रशांत के धन्यवाद ज्ञापन किया।
इस सेमिनार में सेमिनार के सहसंयोजक डॉ. मनोज कुमार, राजनीति विज्ञान विभाग के जुड़े अनेक अध्यापकों, अन्य विभागों के अध्यापक और विद्यार्थियों की उपस्थिति रही।