नीतीश-मोदी के राज में लड़किया व महिलाएं सुरक्षित नही
समस्तीपुर । कोलकाता, मुजफ्फरपुर के पारू और उत्तराखंड में बलात्कार और हत्या की घटना के खिलाफ आरवाईए, आइसा, ऐपवा, इंसाफ-मंच, भाकपा-माले ने राज्यव्यापी प्रतिवाद दिवस के आह्वान पर संयुक्त रूप से प्रतिवाद मार्च निकाला।
प्रदर्शनकारियों द्वारा बंगाल सरकार शर्म करो महिला डॉक्टर के बलात्कारियों को बचाना बंद करो, मुजफ्फरपुर में दलित बच्ची का बलात्कार और हत्या क्यों? नीतीश कुमार जवाब दो, मोदी सरकार शर्म करो बलात्कारियों को संरक्षण देना बंद करो, बाबा आसाराम और राम रहीम को पेरोल क्यों? मोदी सरकार जवाब दो , कोलकाता उत्तराखंड मुजफ्फरपुर नहीं चलेगा यौन हिंसा का यह दस्तूर जैसे लगाएं जा रहे गगन भेदी नारो से पूरा शहर गूंज उठा.
छात्र-नौजवानों, महिलाओं का जत्था जुलूस भाकपा-माले जिला कार्यालय मालगोदाम चौक से विभिन्न मार्ग होते हुए स्टेशन चौक के पर सभा में तब्दील हो गया। जिसका नेतृत्व आरवाईए के जिला सचिव रौशन कुमार आइसा के जिला सचिव सुनील कुमार ऐपवा के जिला सचिव मनीषा कुमारी इंसाफ मंच के जिला संयोजक खुर्शीद खैर और भाकपा-माले जिला सचिव उमेश कुमार संयुक्त रूप से कर रहे थे।
सभा को संबोधित करते हुए आरवाईए के जिला सचिव रौशन कुमार ने कहा की कोलकाता में इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात महिला डॉक्टर के साथ हुए विभस्त घटना ने एक बार फिर से पूरे देश को झकजोर दिया है इस घटना के खिलाफ जब देशभर के न्याय पसंद लोग पीड़िता के इंसाफ के लिए सड़कों पर है ठीक उसी समय मुजफ्फरपुर के पारू में एक दलित लड़की के साथ बलात्कार करके हत्या कर दिया गया उत्तराखंड में एक नर्स के साथ बलात्कार व हत्या की घटना घटी है यह सारी घटनाएं सरकार के द्वारा आरोपियों को मिल रहे खुली संरक्षण कारण घट रही है. अपराधियों का मनोवल सातवें आसमान पर है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा की देश के प्रधानमंत्री जब स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से कोलकाता की घटना पर घड़ियाली आंसू बहा रहे थे ठीक उसी वक्त बलात्कार की सजा काट रहे बाबा राम रहीम, और आसाराम को पैरोल पर रिहा किया जा रहा था.यही नहीं यौन शोषण के आरोपी भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह, प्रज्ज्वल खन्ना, कुलदीप सिंह सेंगर जैसे लोगो को सीधे केंद्र सरकार से खुला संरक्षण मिला हुआ है पीड़िताओं को आज तक न्याय नहीं मिला ऐसे में बलात्कार की संस्कृति का बढ़ना स्वाभाविक है और इसके लिए पूरी तरह से सरकार जिम्मेवार है इसलिए हमारा संगठन मांग करता है की सरकार बलात्कारियों को संरक्षण देना बंद करे और इन्हे कठोर सजा दे.
मौके पर आइसा के जिला सचिव सुनील कुमार ने कहा की तीनों घटनाओं से एक बात तो साफ हो गई है कि अपराधियों में कानून भय समाप्त हो चुका है जिस प्रकार से घटनाएं घट रही हैं. इसने बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ नारे पोल खोल दी है और एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं की सुरक्षा व स्वतंत्रता पर सवाल उठ खड़ा हुआ है. कोलकाता कार्यस्थल पर बलात्कार व हत्या को अंजाम दिया गया, उत्तराखंड में नर्स के साथ बलात्कार और हत्या कि गई और फिर बिहार के मुजफ्फरपुर मे छात्र के साथ बलात्कार व हत्या को अंजाम दिया गया यह तथ्य इस बात के लिए गवाह है कि नितीश – मोदी के राज मे लड़किया व महिलाएं सुरक्षित नही है, उन्होंने मुजफ्फरपुर की घटना को लेकर नितीश सरकार की संवेदनशीलता पर सवाल उठाते हुए कहा की इस घटना को नितीश सरकार लीपा – पोती करने पर तुली हुई है कौन लोग इस घटना का अंजाम दिया है सर्वविदित है मगर पुलिस अभी तक किसी को गिरफ्तार नही कर पायी है आइसा तत्काल अपराधियों को गिरफतार करने, पीड़िता को सुरक्षा देने,दस लाख रुपया मुआवजा देने कि मांग करती है।
मौके पर ऐपवा जिला सचिव मनीषा कुमारी व जिला अध्यक्ष वंदना सिंह ने संयुक्त रूप से कहा कि हम सभी देख रहे कि कैसे कोलकाता में मेडिकल कॉलेज की छात्रा के साथ जो घटना हुई, उससे लोग निकले नही थे कि बिहार में मुजफ्फरपुर के पारू में दलित परिवार की बच्ची के साथ घटनाएं घटित हो गई। और ये यहां तक ही नहीं ये घटनाएं आए दिन और भी भयावह रूप धारण करते जा रही है। सरकार कहती है बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ उसका क्या एक तो पहले से ही समाज में महिलाओं के लिए इतनी बंदिशें लगी हुई है। और कुछ आगे आकर अपने पैर पर खड़ी होती भी है तो ये सब घटनाएं के बाद परिवार लड़कियों को बाहर कभी भेजेंगे ही नही, और एक बात ये मुजफ्फरपुर में आज से नही बालिक गृह कांड से लेकर रोजगार देने के नाम पर लड़कियों को अपने जाल में फसाना और अब ये एक दलित परिवार की बच्ची से एक अधेड़ व्यक्ति शादी की जिद्द और शादी नही होने पर उसके साथ गलत कर मार दे रहा है और इस दोषी की मुखालफत करने वाले ये सत्ता में बैठे लोग हैं। इस लिए इस को हम सबको बेनकाब कर समाज में इस तरीके की घटनाएं फिर न इस पर सरकार को सोचने की और करने की जरूरत है हम सरकार से मांग करते हैं की जल्द से जल्द दोषियों को गिरफ्तार कर फांसी की सजा होनी चाहिए जिससे की इस तरह से घटनाएं पर बंदिशे लगे।
मौके पर आरवाईए से रौशन कुमार, राहुल कुमार, नवीन कुमार, आइसा से सुनील कुमार, दीपक यदुवंशी, राजू झा, दक्षा जवी, मो. फरमान, अनिल कुमार, अभिषेक कुमार उदय कुमार, नितीश राणा, रवि रंजन, मो. फ़ैज़ ऐपवा से वंदना सिंह, मनीषा कुमारी, प्रमिला देवी, आरती देवी, पवन देवी, जगिया देवी, इंसाफ-मंच से खुर्शीद खैर, रामलाल राय, मो. अलाउद्दीन, कैसर अख्तर खलील, मो. नेहा, मो. दुलारे भाकपा-माले से जिला सचिव उमेश कुमार व जिला कमिटी सदस्य ललन कुमार, अनिल कुमार चौधरी ने सभा में संबोधित किया।