सहकारिता मंत्रालय देख रहे गृहमंत्री अमित शाह आज सहारा निवेशकों को खुशखबरी दे सकते हैं ? दरअसल सहारा निवेशकों को पैसे दिलवाने के लिए सरकार के सक्रिय होने की बातें सामने आ रही हैं। गृहमंत्री अमित शाह वित्त मंत्रालय, एमसीए और कोऑपरेटिव मंत्रालय के साथ बैठक कर रहे हैं। दरअसल सहारा की 523 कंपनियों का करीब 24000 करोड़ रुपये सेबी के पास है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान के लाखों निवेशकों का पैसा सहारा इंडिया में फंसा हुआ है।
दरअसल सहारा निवेशकों की लड़ाई लड़ रहे ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार के राष्ट्रीय संयोजक मदन लाल आजाद ने 23 मार्च को शहीदी दिवस पर दिल्ली के कर्तव्य पथ पर 20 लाख से अधिक निवेशकों और जमाकर्ताओं को उतार देने का ऐलान किया है। ऐसे में 20 लाख लोग दिल्ली को जाम कर सकते हैं। वैसे भी गत 14 मार्च को भी जहां ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार ने देशभर में बड्स एक्ट का उल्लंघन करने वाले जिलाधिकारियों का घेराव किया है वहीं ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष मोर्चा ने मध्य प्रदेश विधानसभा का घेराव किया वहीं देशभर में जिलाधिकारियों के कार्यालयों पर भूख हड़ताल की है। ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय देव शुक्ला समेत राष्ट्रीय नेताओं के साथ ही विभिन्न प्रदेशों के अध्यक्ष भी मध्य प्रदेश विधानसभा का घेराव करने पहुंचे थे।
उधर भुगतान के लिए आंदोलन कर रहे निवेशकों और जमाकर्ताओं ने भुगतान नहीं तो मतदान नहीं का नारा दे दिया है। अब तो यह नारा सत्तारूढ़ दल को मतदान नहीं में बदल गया है। आंदोलनकारी निवेशक केंद्र सरकार पर सहारा के चेयरमैन से मिलीभगत कर उनको बचाने का आरोप लगातार लगा रहे हैं। वैसे भी 10 करोड़ निवेशकों का पैसा सहारा इंडिया पर बताया जा रहा है। ऐसे में बीजेपी को 2024 में सहारा इंडिया समेत दूसरी ठगी कंपनियों के खिलाफ चल रहे आंदोलन से अपना वोट बैंक प्रभावित होने का अंदेशा हो गया है। तो यह माना जाए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृहमंत्री अमित शाह को सहारा इंडिया के निवेशकों का भुगतान कराने के लिए लगा दिया है। सहारा इंडिया अपना 24000 करोड़ रुपये सेबी के पास होना बता रहा है।
ऐसे में केंद्र सरकार को सहारा निवेशकों का पैसा दिलाने में आसानी दिखाई दे रही है। वैसे भी सहारा लगातार सेबी पर 24000 करोड़ रुपये होने का दावा करते हुए यह भुगतान मिलने पर सभी निवेशकों का भुगतान करने की बात कर रहा है। इसमें दो राय नहीं कि सहारा के चेयरमैन सुब्रत राय के बीजेपी नेतृत्व से ठीक ठाक संबंध हैं। ऐसे में केंद्र सरकार एक तीर से दो निशाने साधने पर काम कर रही है। यदि सेबी के पास सहारा इंडिया का 24000 करोड़ रुपये निवेशकों को मिल जाता है तो केंद्र सरकार जहां निवेशकों की वाहवाही बटोर लेगी वहीं सुब्रत राय को लेकर उस पर विभिन्न आरोप नहीं लगेंगे।