नई दिल्ली। किसान आंदोलन को कमजोर करने की कवायद शुरू कर दी गई है। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आंदोलित किसानों पर भले ही एनएसए न लगाया गया हो पर इनको विदेश में जाने से रोकने की तैयारी पूरी कर ली गई है। हरियाणा सरकार ने किसानों के पासपोर्ट और वीजा रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पुलिस का दावा है कि सीसीटीवी, ड्रोन कैमरे और वीडियोग्राफी के जरिए ऐसे लोगों की पहचान की है जो बैरिकेड तोड़ने या गड़बड़ी पैदा करने में लगे हुए हैं।
दरअसल अंबाला जिले में पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को घोषणा की कि उन्होंने उन ‘उपद्रवी’ व्यक्तियों के पासपोर्ट और वीजा रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो हाल के किसान आंदोलन के दौरान पंजाब सीमा पर गड़बड़ी पैदा करने में शामिल थे।
अंबाला के डीएसपी जोगिंदर सिंह ने कहा है कि हम केवल उन उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं जो किसान आंदोलन के दौरान गड़बड़ी में शामिल थे। हमने इस संबंध में संबंधित अधिकारियों के साथ बातचीत की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पुलिस की और से स्पष्ट किया गया कि किसान आंदोलन में भाग लेने वाले सभी लोग इस तरह के कृत्य में शामिल नहीं हैं। पुलिस अधिकारी के मुताबिक उन ‘उपद्रवियों’ के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जा रही है जो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब से हरियाणा आए थे।
सीसीटीवी या ड्रोन कैमरों और वीडियोग्राफी के माध्यम से, हमने ऐसे लोगों की पहचान की है जो बैरिकेड्स तोड़ने या गड़बड़ी पैदा करने में लगे हुए हैं। हमने कई तस्वीरें भी ली हैं जिनमें वे संपत्तियों में तोड़फोड़ करते और विभिन्न तरीकों से अशांति पैदा करते नजर आ रहे हैं। पुलिस का कहना है कि वे पासपोर्ट अधिकारियों और संबंधित दूतावासों से संपर्क करके उनके पासपोर्ट और वीजा रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं।
उधर हरियाणा किसान यूनियनों के नेताओं ने दावा किया है कि पुलिस ने उनके घरों पर जो नोटिस लगाए हैं, उनमें कहा गया है कि आंदोलन के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई उनकी (किसानों) संपत्तियों को जब्त करके और उनके बैंक खातों को फ्रीज करके की जाएगी। जानकारी के अनुसार एक दर्जन से अधिक किसान यूनियनों के नेताओं के घरों पर नोटिस लगाए गए हैं, उनमें से अधिकांश केएमएम घटक बीकेयू (शहीद भगत सिंह) अंबाला से जुड़े हैं।