न्यूज़ फिफ्टीन ब्यूरो
सुपौल । बिहार की सुपौल लोकसभा सीट पर चुनाव यूं तो जेडीयू के दिलेश्वर कामत और आरजेडी के चंद्रहास चौपाल के बीच है। पर यहां की जनता के लिए यह चुनाव पीएम मोदी बनाम लालू यादव हो गया है। दरअसल, सांसद रहते न तो दिलेश्वर कामत अपनी पहचान बना सके और न ही राजद के उम्मीदवार चंद्रहास चौपाल का प्रभाव सिंघेश्वर के विधायक के रूप में है।
2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई सुपौल लोकसभा में अब तक तीन बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। सुपौल के सीटिंग सांसद जनता दल यूनाइटेड से दिलेश्वर कामत हैं। तब जेडीयू सांसद कामत ने कांग्रेस की दिग्गज नेता रंजीत रंजन को हराया था।जदयू के उम्मीदवार भले दिलेश्वर कामत हो, पर इनकी चुनावी कमान ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव के हाथ में है।
वैसे भी यहां के राजनीतिज्ञों की माने तो सुपौल लोकसभा की जीत का परिणाम विजेंद्र यादव के पसीना पर निर्भर करता है। इस बार भी अपने विश्वस्त दिलेश्वर कामत के लिए पसीना बहा रहे हैं। यादव और मुस्लिम बहुल वोटों के भरोसे राजद उम्मीदवार चंद्रहास चौपाल को भी लालू यादव और तेजस्वी यादव का भरोसा है।
इससे हटकर निर्दलीय उम्मीदवार बैद्यनाथ महतो भी एक चुनावी समीकरण बन चुके हैं। ये जितना वोट काटेंगे नुकसान जदयू को होने जा रहा है। जदयू उम्मीदवार को भरोसा नीतीश कुमार के प्रयास से मुकाबला यादव मुस्लिम बनाम अन्य हो जाएगा तो राह आसान होगी।सुपौल लोकसभा के अंतर्गत 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। ये हैं निर्मली, पिपरा, सुपौल, त्रिवेणीगंज, छतरपुर और सिंहेश्वर विधानसभा।
इन छह विधानसभा में पांच विधानसभा पर एनडीए का कब्जा है और मात्रा एक विधानसभा पर राजद का कब्जा है। निर्मली विधानसभा सीट यहां से जेडीयू के अनिरुद्ध प्रसाद यादव विधायक हैं। पिपरा विधानसभा से जेडीयू के रामविलास कामत विधायक हैं। सुपौल विधानसभा क्षेत्र से बृजेंद्र प्रसाद यादव जेडीयू से विधायक हैं।
त्रिवेणीगंज आरक्षित सीट हैं यहां से जेडीयू की बीमा भारती विधायक थीं, हालांकि अब वो इस्तीफा देकर आरजेडी में हैं और पूर्णिया से चुनाव लड़ रहीं हैं। छतरपुर विधानसभा सीट बीजेपी के पास है, यहां से नीरज कुमार सिंह विधायक हैं। सिंघेश्वर विधानसभा सीट भी आरक्षित सीट है इस सीट से आरजेडी के चंद्रहास चौपाल विधायक हैं।