नव नालंदा महाविहार सम विश्वविद्यालय, नालंदा द्वारा वैशाली में पदयात्रा आज, तैयारी पूरी

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बुद्ध की विमाता गौतमी के निर्वाण दिवस पर वैशाली में होगी बौद्ध भिक्षुणियों और छात्राओं की पद यात्रा

 

राजगीर। भगवान बुद्ध की विमाता महाप्रजापति गौतमी के महापरिनिर्वाण दिवस पर नव नालंदा महाविहार सम विश्वविद्यालय, नालंदा द्वारा आज शनिवार को वैशाली में पदयात्रा का आयोजन किया गया है। बौद्ध परंपरा अनुसार महाप्रजापति गौतमी बौद्ध धर्म की प्रथम बौद्ध भिक्षुणी हैं। चीनी यात्री ह्वेनसांग के अनुसार वैशाली में ही उनके महापरिनिर्वाण स्थल को इंगित किया है। उसी आधार पर संभावित क्षेत्र के पुरावशेषों की यात्रा और पूजा अर्चना कर इस कार्यक्रम की शुरुआत की जायेगी। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजेश रंजन ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि इस पदयात्रा का आयोजन माघ मास की अष्टमी के अवसर पर किया जाता है। यही तिथि महाप्रजापति गौतमी की महापरिनिर्वाण दिवस है। इसी दिन महापजापति गौतमी ने 500 अन्य भिक्षुणीयों के साथ महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था। यह घटना बुद्ध के महापरिनिर्वाण की घटना से तीन मास पूर्व हुई थी। इस अद्भुत एवं अपने तरह की प्रथम पदयात्रा में महाविहार की बौद्ध भिक्षुणियाँ और छात्राएँ बड़ी संख्या में भाग लेंगी। इसके पूर्व भारत में अब तक भिक्षुणीयों को समर्पित ऐसे किसी भी कार्यक्रम का कोई आयोजन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि यह पदयात्रा बौद्ध परंपरा की एक अनूठी और अनुकरणयी शुरुवात है। नव नालंदा महाविहार द्वारा पूर्व से ही बौद्ध परंपरा के संरक्षण और अभिवर्धन के लक्ष्यों के अनुरूप बौद्ध धर्म से संबन्धित सारिपुत्र, महामोग्गलान, महाकश्यप एवं जेठीयन जैसी सांस्कृतिक पद यात्राओं का आयोजन करता रहा है। इस पदयात्रा के माध्यम से भी एक नवीन कड़ी जोड़ रहा है। इस साल शुरू होने वाली यह पदयात्रा आने वाले वर्षों में वृहत स्तर पर आयोजित की जायेगी।

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