निक्षय मित्र बनकर टीबी के खिलाफ जंग को मजबूत करें : डा. शिरीष जैन
नोएडा । जनपद में टीबी उन्मूलन के लिए क्षयरोग विभाग प्रयासरत है। विभाग के सहयोग के लिए 58 निक्षय मित्र आगे आकर टीबी रोगियों को हर माह पुष्टाहार उपलब्ध कराने के साथ सामाजिक और भावनात्मक सहयोग कर रहे हैं। प्रदेश की राज्यपाल आंनदी बेन पटेल इस सराहनीय कार्य के लिये कुछ चुनिंदा निक्षय मित्रों को सम्मानित भी करेंगी।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. शिरीष जैन ने बताया- टीबी मरीजों को गोद लेने वालों को चिन्हित कर निक्षय पोर्टल पर पंजीकरण किया जा रहा। जनपद में अब तक 58 स्वयं सेवी संस्था, सामाजिक संगठन व व्यक्तिगत रूप से गोद लेने वालों को पंजीकृत किया जा चुका है। इसी क्रम में 14 लोग ऐसे हैं, जिन्होंने व्यक्तिगत रूप से टीबी से ग्रसित 19 बच्चों को गोद लिया है। इसमें जेवर के विधायक ने पांच बच्चों को गोद लिया है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग से जुड़े 17 चिकित्सा अधिकारियों ने भी टीबी से ग्रसित मरीजों को गोद लिया हुआ है। यह सभी टीबी रोगियों को हर माह पुष्टाहार उपलब्ध कराने के साथ सामाजिक और भावनात्मक सहयोग कर रहे हैं। इन सभी को निक्षय मित्र के रूप में जाना जाता है।
डा. जैन ने लोगों से निक्षय मित्र बनकर टीबी के खिलाफ जंग को मजबूती देने को आह्वान किया है। उन्होंने कहा – जिस तरह देश ने सम्मिलित व सामूहिक प्रयास से पोलियो और कोरोना के खिलाफ जंग जीती है। उसी प्रकार टीबी के खिलाफ जंग जीतने के लिये प्रयास किये जाने हैं। वर्ष 2025 तक देश को टीबी से मुक्त करने का लक्ष्य है।
छह सौ और मरीजों को लिया जाएगा गोद
जिला पीपीएम कोऑर्डिनेटर पवन भाटी ने बताया- करीब 600 टीबी रोगियों को गोद देने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने बताया जनवरी 2022 से सितम्बर 2022 तक जनपद में 2331 टीबी मरीज गोद लिये गये। इसी दौरान करीब 1447 मरीजों को टीबी का उपचार पूरा हो चुका है। टीबी को हराकर अब यह लोग सामान्य जिन्दगी जी रहे हैं। वर्तमान में 884 टीबी मरीज हैं, जिनका उपचार चल रहा है।
दस्तक अभियान में नहीं मिला कोई रोगी
जिला कार्यक्रम समन्वयक अम्बुज पांडेय ने बताया- संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत घर-घर टीबी रोगी खोज अभियान चल रहा है। सात अक्टूबर से शुरू हुए इस अभियान में अभी तक एक भी टीबी मरीज नहीं मिला है, अलबत्ता पिछले विशेष क्षय रोगी खोज अभियान में तीन नये मरीज जरूर मिले थे।
लक्षणों पर करें गौर, नजर आयें तो तुरंत कराएं उपचार
जिला क्षय रोग अधिकारी ने कहा – यदि किसी को दो सप्ताह से अधिक खांसी हो, खांसी में बलगम या खून आता हो, शाम के समय बुखार हो, वजन कम हो रहा हो, भूख न लगती हो, तो ऐसे व्यक्ति को टीबी हो सकती है। उन्होंने कहा – हर व्यक्ति को चाहिए कि वह अपने आस-पास नजर रखे कि कोई इस तरह के लक्षण वाला तो नहीं है। यदि नजर आता है तो उसे तुरंत टीबी की जांच कराने के लिए कहें। सरकारी स्तर पर टीबी की जांच और उपचार की निशुल्क व्यवस्था है। यही नहीं टीबी के मरीज को पोषण के लिए सरकार की ओर से निक्षय पोषण योजना के तहत हर माह 500 रुपये दिये जाते हैं। यह धनराशि मरीज के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है।