‘नीतीश ने पलट कर भी नहीं देखा, गार्ड ने धक्का देकर हटाया’

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 सीएम के प्रोग्राम में एमलए की एंट्री नहीं?

 जहानाबाद। बिहार के जहानाबाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक कार्यक्रम में बवाल हो गया। मामला विपक्षी विधायक के साथ कथित बदसलूकी का है। घोसी से माले विधायक रामबली सिंह यादव ने आरोप लगाया है कि सीएम के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें नीतीश कुमार के पास जाने से रोक दिया। विधायक ने इस घटना को दलितों और पिछड़ों के साथ भेदभाव की नई नजीर बताया।
दरअसल, जहानाबाद के कल्पा पंचायत की घटना है, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने पहुंचे थे। इसी कार्यक्रम में घोसी विधायक रामबली सिंह यादव भी शामिल होने पहुंचे थे। विधायक का आरोप है कि जब वो मुख्यमंत्री से मिलने जा रहे थे, तो सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया।
इस दौरान विधायक ने कहा कि अरे! यार हम विधायक हैं, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उनकी एक ना सुनी। इसके बाद विधायक ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दलितों, महादलितों और अति पिछड़ा वर्ग के साथ भेदभाव करते हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से यहां दलित, महादलित और अति पिछड़ा के साथ छुआछूत का व्यवहार किया गया है, आने वाले दिनों में जहानाबाद जिले की जनता उनसे बदला लेगी।
विधायक ने यह भी बताया कि वो मुख्यमंत्री को दस सूत्री मांग पत्र सौंपने आए थे। मुख्यमंत्री जी की मंशा क्या है यह तो उनके अंगरक्षक के द्वारा जनप्रतिनिधियों के साथ की गई धक्कामुक्की और दुर्व्यवहार से साफ जाहिर होता है।
रामबली सिंह यादव कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी तरफ देखना भी मुनासिब नहीं समझा। चिलचिलाती धूप में कल्पा गांव के सैकड़ों की संख्या में महादलित परिवार मुख्यमंत्री से अपना दुखड़ा सुनाने पहुंचे थे। लेकिन मुख्यमंत्री ने उनकी तरफ देखना भी मुनासिब नहीं समझा। सभी महादलित परिवार के लोगों को उनके घरों में कैद कर दिया गया था। इतना ही नहीं, जब हम भी मांग पत्र सौंपने गए तो मुझे भी वहां से धक्का देकर बाहर कर दिया गया।

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