National Herald Case : बीजेपी और कांग्रेस दोनों के ही लिए बना हुआ है प्रतिष्ठा का विषय
नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले (National Herald Case) में ईडी द्वारा की गई पूछताछ में जिस तरह से पूरी की पूरी कांग्रेस राहुल गांधी के पक्ष में सड़कों पर उतर आई है। जिस तरह से केंद्र सरकार राहुल गांधी को किसी भी सूरत में बख्शने को तैयार नहीं है और कांग्रेस राहुल गांधी के समर्थन में सड़कों पर उतर आई है उसे देखते हुए ऐसा लग रहा है कि मामला गंभीर रूप लेगा और राहुल गांधी इस मामले में या तो हीरो बन जाएंगे या फिर जीरो। वैसे भी राहुल गांधी-नेशनल हेराल्ड प्रकरण (National Herald Case) कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए प्रतिष्ठा का विषय बना हुआ है।
जिस तरह से नूपुर शर्मा प्रकरण में मुस्लिम समाज सड़कों पर हुआ है। योगी के बुलडोजर के विरोध में जेएनयू में आंदोलन शुरू हो गया है। राहुल गांधी ने जहां एक ओर अरब देशों के दबाव में नुपूर शर्मा को पार्टी से निकालने का आरोप लगाया है, वहीं देश में चल रहे हिंसात्मक आंदोलनों को लेकर महात्मा गांधी के अहिंसा का पाठ का हवाला देते हुए शांति की अपील की है। ऐसे में राहुल गांधी बीजेपी को घेरते हुए भी दिखाई दिए। समझने की बात यह है कि यदि केंद्र सरकार के शिकंजे के सामने कांग्रेस कमजोर पड़ गई तो राहुल गांधी जीरों बन जाएंगे और यदि कांग्रेस मोदी सरकार पर हावी हो गई तो राहुल गांधी हीरो भी बन सकते हैं।
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देखने की बात यह भी है कि भले ही विपक्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के सामने बौना नजर आ रहा हो पर राहुल गांधी लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बना रहे हैं। चाहे राफेल का मामला हो, अंबानी और अडानी का हो, चौकीदार को हो या फिर किसान आंदोलन। राहुल गांधी ने मोदी को आड़े हाथ लिया है। यही वजह है कि मोदी और अमित शाह भी राहुल गांधी को निपटाने में लग गये हैं। नेशनल हेराल्ड (National Herald Case) मामले में तीन घंटे पूछताछ के बाद फिर से पूछताछ के लिए राहुल गांधी को बुलाना इसी ओर ही इशारा कर रहा है।
Congress Workers Protest
राहुल गांधी को घेरने के लिए जहां मोदी और अमित शाह ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, स्मृति ईरानी के साथ अपने तेज तर्रार प्रवक्ता संबित पात्र को लगाया गया है वहीं राहुल गांधी के बचाव में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट जैसे दिग्गजों ने मोर्चा संभाल लिया है। कांग्रेस के मीडिया हेड रणदीप सुरजेवाला भाजपा के खिलाफ अलग से आग उगल रहे हैं (Congress Workers)। भाजपा की प्रवक्ता रागनी नायक ने राहुल गांधी के बारे में ट्वीट किया है कि कांग्रेस का पोता है संघ को धोता है। दिल्ली से लेकर मध्य प्रदेश, राजस्थान, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, हरियाणा सभी जगह राहुल गांधी और बीजेपी के विरोध में कांग्रेस का जोरदार प्रदर्शन (Congress Workers Protest) हुआ है।
मोदी के लिए जहां राहुल गांधी पर शिकंजा कसने के लिए नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लांड्रिंग का बड़ा मुददा है (Rahul gandhi Ed Case) वहीं राहुल गांधी के पास बेरोजगारी, महंगाई के साथ ही नूपुर शर्मा प्रकरण में गिरती मोदी सरकार की साख को भुगाने का बड़ा मौका है । भले ही मीडिया के अलावा देश के जिम्मेदार दूसरे तंत्रों पर मोदी सरकार का शिकंजा माना जा रहा हो पर राहुल गांधी के साथ न केवल कांग्रेस खड़ी है वहीं इस मामले में विपक्ष के भी राहुल गांधी के साथ खड़ा होना मज़बूरी हो जाएगी। बीजेपी नेता स्मृति रानी ने नेशनल हेरोल्ड मामले(National Herald Case) में ईडी के पूछताछ करने पर कांग्रेस नेताओं के बवाल मचाने पर कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस का इस मामले में यह रवैया है कि हमने भ्र्ष्टाचार किया है आओ और बवाल करो।
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Rahul gandhi Ed Case
दरअसल सोमवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ के लिए ED तलब किए था (Rahul gandhi Ed Case)। इस मामले में जून के शुरुआत में ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके पुत्र सांसद राहुल गांधी को समन जारी किया था। ईडी ने सोनिया को 8 जून को और राहुल को 13 जून को पेश होने को कहा था। समन जारी होने के बाद सोनिया गांधी के कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से ED ने उनसे पूछताछ की तारीख 23 जून तक के लिए बढ़ा दी थी पर राहुल गांधी को सोमवार को पेश होना पड़ा। ED ने समय पहले इसी मामले में कांग्रेस नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल से भी पूछताछ की थी ।
दरअसल BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी (Rahul Gandhi set to appear before ED)। इस याचिका में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के ही मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे पर घाटे में चल रहे नेशनल हेराल्ड अखबार को धोखाधड़ी और पैसों की हेराफेरी के जरिए हड़पने का आरोप लगाया था । इस आरोप के मुताबिक इन कांग्रेसी नेताओं ने नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों पर कब्जे के लिए यंग इंडिया लिमिटेड, यानी YIL नामक ऑर्गेनाइजेशन बनाया और उसके जरिए नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड, यानी AJL का अवैध तरीके से अधिग्रहण कर कर लिया था ।
स्वामी का आरोप था कि ऐसा दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड (National Herald Case) हाउस की 2000 करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया था। स्वामी ने 2000 करोड़ रुपये की कंपनी को केवल 50 लाख रुपये में खरीदे जाने को लेकर सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत केस से जुड़े कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी। इस मामले में जून 2014 ने कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया गया था। अगस्त 2014 में ED ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। दिसंबर 2015 में दिल्ली के पटियाला कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत सभी आरोपियों को जमानत दे दी थी। अब ED ने इसी मामले की जांच के लिए सोनिया और राहुल को समन जारी किया था ।
– चरण सिंह राजपूत
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