सी.एस. राजपूत
शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस लेने का फैसला लिया है। बाकायदा उन्होंने किसानों से माफी मांगी है। एक साल से ज्यादा लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन के आगे मोदी सरकार ने झुकते हुए तीनों कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है। पीएम मोदी ने किसानों से क्षमा मांगते हुए यह ऐलान किया है। उन्होंने यह भी कहा कि वह शायद वह किसानों को समझा नहीं पाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस महीने के अंत में शुरू हो रहे संसद सत्र में तीनों कृषि कानून वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि किसान अब अपने घर और खेतों को लौट जाएं।
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुपर्व के मौके पर देश को संबोधित करते हुए कहा कि वह किसानों को समझा नहीं पाए। इसीलिए कानून वापस ले लिए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि कानूनों का उद्देश्य पवित्र था और यह किसानों के हित में था। पीएम मोदी ने कहा कि बहुत सारे वैज्ञानिकों, किसान संगठनों ने इस कानूनों का स्वागत भी किया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुपर्व के मौके पर देश को संबोधित करते हुए कहा कि वह किसानों को समझा नहीं पाए। इसीलिए कानून वापस ले लिए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि कानूनों का उद्देश्य पवित्र था और यह किसानों के हित में था। पीएम मोदी ने कहा कि बहुत सारे वैज्ञानिकों, किसान संगठनों ने इस कानूनों का स्वागत भी किया था।
द न्यूज 15 ने अपने न्यूज चैनल के साथ ही वेब पोर्टल पर भी नये कृषि कानून के चलते उत्तर प्रदेश में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों के उलटफेर करने और 29 नवम्बर को शीतकालीन सत्र के शुरू होते ही दिल्ली सीमा पर बवाल होने का लेख प्रमुखता से प्रकाशित किया था। किसान आंदोलन का चेहरा बन चुके राकेश टिकैत ने बिना अनुमति के पांच सौ किसान दिल्ली में घुसाने की बात की थी।
प्रधानमंत्री का देश के नाम संबोधन खत्म होने के तुरंत बाद कृषि क़ानून वापस लेने के उनके ऐलान पर टीवी चैनलों पर नेताओं की प्रतिक्रियाएं आने लगीं। बीजेपी का कोई बड़ा नेता सामने नहीं आया। विनय कटियार और अनिल विज जैसे कुछ नेता ही बोलते दिखे। कटियार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कुछ सोच कर ही फैसला लिया होगा। विज बोले- अब किसानों को अपने घर जाकर नियमित काम में लगना चाहिए। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने ट्वीट करते हुए लिखा कि झुकती है दुनिया झुकाने वाला चाहिए। वहीं यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बी वी श्रीनिवास ने ट्वीट करते हुए लिखा कि किसानों की जीत, तानाशाह की हार। आम आदमी पार्टी के नेता व दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के फैसले पर कहा कि किसानों व किसान आंदोलन को बधाई। निरंकुश सरकार को आपके एक साल लंबे अहिंसक आंदोलन ने झुकने को मजबूर कर दिया।
वहीं आप सांसद संजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ये मोदी के अन्याय पर किसान आंदोलन की जीत ढेरों बधाई। भारत के अन्नदाता किसानों पर एक साल तक घोर अत्याचार हुआ। सैंकड़ों किसानों की शहादत हुई। अन्नदाताओं को आतंकवादी कह कर अपमानित किया। इस पर मौन क्यों रहे मोदी जी? देश समझ रहा है चुनाव में हार के डर से तीनों काला क़ानून वापस हुआ।
वहीं आप सांसद संजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ये मोदी के अन्याय पर किसान आंदोलन की जीत ढेरों बधाई। भारत के अन्नदाता किसानों पर एक साल तक घोर अत्याचार हुआ। सैंकड़ों किसानों की शहादत हुई। अन्नदाताओं को आतंकवादी कह कर अपमानित किया। इस पर मौन क्यों रहे मोदी जी? देश समझ रहा है चुनाव में हार के डर से तीनों काला क़ानून वापस हुआ।