Literature Festival : एक शाम नामवर के नाम कार्यक्रम का आयोजन

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Literature Festival : नारायणी साहित्य अकादमी ने किया कार्यक्रम 

हिंदी साहित्य के सर्वोच्च शिखर युग पुरुष प्रोफेसर नामवर सिंह के अवतरण दिवस के उपलक्ष्य में आई. टी. ओ. दिल्ली के हिंदी भवन में साहित्य महोत्सव का आयोजन नारायणी साहित्य अकादमी द्वारा किया गया| इस अकादमी की स्थापना इन्होंने ही की थी और संस्थापक एवं संरक्षक प्रोफेसर नामवर सिंह ही जीवन भर रहे हैं, वर्तमान संरक्षक डा. कुसुम जोशी के सानिध्य में एक शाम नामवर के नाम का आयोजन किया गया, कार्यक्रम के आरम्भ में प्रोफेसर नामवर सिंह के चित्र पर अतिथियों माल्यार्पण और पुष्प अर्पित किया गया,उसके बाद प्रथम सत्र के शुरुआत में माँ ब्रह्म प्रिये नारायणी की वंदना डा. रेनू सिंह द्वारा किया गया, उसके बाद संरक्षिका डा. कुसुम जोशी ने प्रथम सत्र के अतिथि, प्रोफेसर ओम प्रकाश सिंह, जे.एन.यू. मुख्य अतिथि रहे, प्रोफेसर दुर्गा प्रसाद गुप्ता जामिया, प्रोफेसर रवि शर्मा श्रीराम कालेज डी. यू., प्रोफेसर राजेन्द्र ओझा हंसराज कालेज डी. यू. प्रोफेसर जितेंद्र श्रीवास्तव इग्नू, , श्रीमती सविता चढ़ा वरिष्ठ साहित्यकार , श्रीमान अरुण शर्मा (अखिल भारतीय प्रकाशक संघ) के महामंत्री आदि सभी अतिथियों का सम्मान प्रतीक चिह्न, शाल, मेडल के साथ पुष्प हार पहनाकर किया.आज के इस आयोजन के,और अध्यक्षता अरुण शर्मा जी ने किया,इस सत्र में प्रोफेसर नामवर सिंह के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर परिचर्चा करते हुए उनके द्वारा हिंदी साहित्य में किए गए कार्यों के संदर्भ में बहुत सारी बातें साझा करते हुए सभी अतिथियों ने अपने वक्तव्य से सभागार में उपस्थित लोगों को लाभान्वित किया.

प्रोफेसर ओम प्रकाश सिंह ने अपने युवा पीढ़ी के साथ से लेकर नामवर सिंह के अंतिम समय तक के अनेक अनुभवों को साझा करते हुए उन्हें अपने वक्तव्य के द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपनी वाणी को विराम दिया. सभी साहित्यकारों ने अपने व्याख्यान में नामवर के व्यक्तित्व को सराहनीय और सकारात्मक बताया. उनके द्वारा हिंदी साहित्य को एक एक श्रेष्ठ मुकाम तक पहुँचने का मार्ग प्रशस्त किया गया, हिंदी भाषा और साहित्य में आलोचना के शिखर पुरुष नामवर एक ऐसे समालोचना के सजग प्रहरी रहे हैं जिसकी कोई मिसाल नहीं दी जा सकती हैं, अपनी बात को बिना लाग लपेट के तटस्थ होकर कह देना नामवर सिंह का सगल रहा है.

नामवर सिंह की एक और खासियत रही है कि वो कभी भी पारिवारिक या सामाजिक एवं साहित्यिक परिस्थितियों किसी भी प्रकार की समस्याएं रहीं हों कभी समझौता वादी बन कर झुके नहीं| यह गुण उनके व्यक्तित्व को सबसे अलग और श्रेष्ठ बनाता है. वामपंथी कहे जाने वाले नामवर ने अपनी जमीन जायजद सब कुछ गाँव वाले लोगों के लिए छोड़ दिया, मंदिर, अस्पताल, तालाब एवं स्कूल आदि उनके द्वारा दी गयी जमीन पर बना है यह अपने गाँव के विकास के लिए उनकी सोच थी | नामवर होना बहुत ही कठिन कार्य है, सरस्वती और लक्ष्मी की अपार कृपा पूरे परिवार पर रही है, और जनमानस के लिए कुछ करना सबसे बड़ा धर्म है जो वो निभा गए हैं. यह सभी जानकारी अकादमी की अध्यक्ष पुष्पा विसेन द्वारा साझा किया गया.

आयोजन के दूसरे सत्र में काव्य पाठ का दौर आरंभ हुआ, मंचासीन अतिथि डा.इंद्र सेंगर वरिष्ठ साहित्यकार, सुधाकर पाठ संस्थापक एवं अध्यक्ष (हिंदुस्तानी भाषा अकादमी) डा. प्रदीप गुप्त, वरिष्ठ साहित्यकार, कवि, ओम प्रकाश प्रजापति पत्रकार (ट्रू मिडिया) प्रोफेसर रवि शर्मा वरिष्ठ साहित्यकार कवि, ममता सिंह( सोसल एवं मोटिवेशनल ट्रस्ट) की अध्यक्ष एवं प्रमोद मिश्र निर्मल वरिष्ठ गीतकार, कवि आदि रहे| सभी कवियों और कवयित्रियों ने अपने गीत, गजलों से बहुत ही मनमोहक शमां बांधकर आयोजन को ऊंचाई देते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की| कवयित्रियों में प्रतिष्ठित गजलकारा वसुधा कनुप्रिया, शायरा कीर्ति रतन, कवयित्री कल्पना पांडे, वरिष्ठ गीतकारा मिलन सिंह, शारदा, श्रेष्ठ् कवि संजय गिरि, निधि मानवी, मालती मिश्रा, पारो चौधरी, वरिष्ठ कवयित्री सरोज त्यागी, वरिष्ठ गीतकार रजनीश गोयल, सुषमा शैली, श्रेष्ठ गज़लकारा नमिता राकेश, डा. पुष्पा जोशी,अभिलाषा विनय, विभा राज वैभवी,आदि रहीं|

कवियों में, वरिष्ठ साहित्यकार, गीत कार प्रमोद मिश्र निर्मल एवं हास्य कवि और गीतकार विजय प्रशांत, वरिष्ठ कवि प्रदीप मिश्र अजनबी,वरिष्ठ साहित्यकार डा. हरि सिंह पाल, वरिष्ठ कवि मनोज कामदेव, विनय सिंह विक्रम, संजय गिरि, श्रेष्ठ गज़लकार राम अवतार बैरवा, साहित्यकार डा.वेद मित्र शुक्ल, वरिष्ठ साहित्यकार कवि डा. राजेश मांझी, नीरज त्यागी,शायर सरफराज अहमद, गीतकार आरिफ़ खान, शायर असलम बेताब, राम श्याम हसीन, कवि एवं गीतकार शम्भू सरकार, जितेंद्र पाण्डेय, राजीव उपाध्याय, दिनेश आनंद, अनुभव शर्मा, अंकित विशाल, आशीष श्रीवास्तव, अनूप पाण्डेय, हिमांशु वत्रा, अनुराग राय आदि रहे. अन्य विशिष्ट अतिथि भोजपुरी कवि जे. पी. द्विवेदी, डा. भारती सिंह, पत्रकार सुशील श्रीवास्तव, श्री. बलराम सिंह (उप पुलिस अधीक्षक तिहाड़ जेल) डा. जनार्दन यादव वरिष्ठ पत्रकार आदि ने अपनी उपस्थिति से आयोजन की गरिमा को बढ़ाया |

सभी अतिथियों एवं कवियों का सम्मान बहुत ही गरिमामय माहौल में किया गया, सभी को अकादमी का मेडल, सम्मान पत्र एवं स्मृति चिन्ह् के साथ शाल द्वारा किया गया| अकादमी के कार्यकारी सचिव प्रदीप सुमनाक्षर एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. पुष्पा सिंह विसेन द्वारा किया गया,इस गरिमामयी आयोजन में अकादमी के सदस्यों एवं पदाधिकारियों की पुस्तकों का लोकार्पण भी किया गया ,लंदन में प्रवसी वरिष्ठ लेखिका अरुणा सब्बरवाल की कहानी संग्रह राकिंग चेयर मालती मिश्रा की पुस्तक अधूरी कसमें डा. रेनू सिंह की दो पुस्तकों का लोकार्पण अतिथियों द्वारा किया गया| अकादमी के महा सचिव,वरिष्ठ गजलकार एवं पत्रकार मनोज भावुक ने अपने कुशल संचालन में बहुत ही सहजता एवं सरलता से आयोजन को समापन की ओर अग्रसर करते हुए सभी को काव्य पाठ का मौका दिया, समयावधि के अनुसार सभी कार्य भली भाँति सम्पन्न हुआ,पुष्पा विसेन ने अंत में अपने अध्यक्षीय उद्वबोधन में सभी का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया. इस प्रकार एक शाम नामवर के नामआयोजन सभी के लिए यादगार लम्हों की यादों के साथ सम्पन्न हुआ.

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