Kanhaiya lal Murder Case : अब समय की मांग है अपनी रक्षा के लिए सजग रहना
Kanhaiya lal Murder Case: ये कैसी हवा बह रही है हमारे देश के उन राज्यों में जहां के सूरमाओं की वीरता का इतिहास प्रत्यक्ष प्रमाण लिए आज भी हमारे बीच खड़ा है और हमसे प्रश्न करता नजर आता है कि आज भी हम दहशत में हैं। खूनी हवाएँ अपने वेग से बहते हुए राज्यों के सभी जगहों को रक्ताभ कर रहीं हैं। अपनी रक्षा के लिए सजग रहना अब समय की मांग है। ये हादसे आपको क्या संदेश देना चाहते हैं| समझने की आवश्यकता है, कभी कोई बे मौत मारा जाता है और कभी Kanhaiya lal Murder Case हो जाता है । कौन लेगा इसकी जिम्मेदारी ? वहां पर सदियों से कत्लेआम होता रहा है।
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कभी देश के बाहरी अत्याचारी, दुराचारी, व्यभिचारियों ने अपने वीभत्स कारनामे एवं हमले से वहाँ बर्बादी का तांडव किया है तो कभी अपने देश के अंदर बैठे लोगों ने। Kanhaiya lal Murder मामले में सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए और राष्ट्रपति शासनादेश जारी करना चाहिए। हमारे देश में लचर कानून के बदलाव की आवश्यकता है, जिससे तुरंत दोषी को सजा मिले, इसे भी अपराधी भय खाएंगे। हमारे देश में हमारे ही पैसे से ये अपराधी पाले जाते हैं। अगर अब भी वहाँ की सरकार ने यह सब नहीं रोका तो अगला नंबर आपका है। क्या ये घटनाएं गंगा जमुनी तहजीब का उदाहरण प्रस्तुत कर रहीं हैं ? इस मामले को समझने की जरूरत है।
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आवश्यकता है, राजस्थान के लोगों ने कभी घुटने नहीं टेके फिर ये कहाँ से खिलजी की औलादों को सपोर्ट मिल रहा है. वहाँ की जनता सोचे और स्वयं की सुरक्षा की व्यवस्था भी स्वयं ही करें, राजस्थान की वीरतापूर्ण इतिहास को दोहराने की जरूरत है और Udaipur murder case को अंजाम देने वाले लोगों को ऐसी सजा मिले कि कोई दोबारा ऐसा करने की सोच भी न सके। किसी भी जाति या धर्म समुदाय के लोग हों उनके साथ वैसा ही व्यवहार होना चाहिए। जरा सोचिए कि उस परिवार मनोस्थिति स्थिति होगी ?
हिंदू धर्म के देवी देवताओं के संदर्भ में अनेक मुस्लिम समुदाय के शिक्षित लोगों ने भद्दी टिप्पणियां की हैं लेकिन उस के संदर्भ में हमारे देश के लोगों ने Kanhaiya lal Murder को अंजाम नहीं दिया है । Udaipur tailor Murder Case के बाद तो कम से कम हमारे प्रधानमंत्री को अब गंभीरता से अपने विवेक द्वारा देश के भीतर ऐसे माहौल का संज्ञान लेते हुए कठोर निर्णय लेना चाहिए । विश्व स्तर पर देश की छवि को लेकर भी सोचना चाहिए कि दुनिया भर में लोग क्या कहेंगे कि अपने देश के भीतर की वीभत्स स्थिति को नजरअंदाज करते हुए, विश्व ख्याति को बटोरने में व्यस्त हैं।
ओवैसी जैसे अन्य कितने राजनीतिक, सामाजिक मुस्लिम अनेक बार देश के माहौल को खराब करने में लगे रहते हैं और बाद में अपने द्विअर्थी बयानबाजी से शोक प्रकट करने में सबसे आगे रहते हैं। पहले अपने बयानों से युवाओं को कट्टर बनाने का काम करते हैं और उन्हें उकसाने में अग्रणी रहते हैं। Udaipur Murder Case राजनीतिक रोटियां सेंकने के बजाय गंभीर मंथन की जरूरत है। ये सब हमारे देश के लोग ही करते हैं और हम बांग्लादेश और पाकिस्तान की बात करते हुए गंगा जमुनी तहजीब का मानने समझ लेने में तनिक देर नहीं करते हैं कि यह हमारे देश के लोगों की साजिश नहीं है, लेकिन अब ऐसा नहीं है, हमारे देश के भीतर जो हो रहा है वह सब वहाँ की वर्तमान सरकार ही करवा रही है. ये सब बहुत ही कुत्सित मानसिकता की साजिश के तहत देश को अस्थिर करने के लिए किया जा रहा है।
यह कौन कर रहा है ? यह सभी को पता है। Kanhaiya lal Murder जैसे मामलों में अपराधियों को तुरंत सजा-ए-मौत का प्रावधान होना चाहिए न कि कारागार में पालने की व्यवस्था करके देश में पालना चाहिए| हमारा भारत देश राम भरोसे और राज्य अत्याचार, आतंक के भरोसे चल रहा है। Udaipur tailor Murder Case के विरोध में राजस्थान की जनता को अब जागरूक हो डट कर ऐसी घटनाओं का बहिष्कार करना चाहिए, यह अति आवश्यक है।
Internet blackout in Udaipur : ज्ञात हो कि Kanhaiya lal Murder के बाद राजस्थान के सभी जिलों में 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी थीं। सभी जिलों में एक माह तक धारा 144 लागू करने, पुलिस एवं प्रशासन के सभी अधिकारीयों के अवकाश निरस्त करने, शांति समिति की बैठक आयोजित करने और उदयपुर जिले में आवश्यकतानुसार कर्फ्यू लगाए जाने के निर्देश दिय गए थे। इन सबके चलते लोगों को कितनी परेशानी का सामना करना पड़ा या पड़ेगा ? क्या किसी को इस बात एक अहसास है ?
Kanhaiya lal Murder केस को लेकर उदयपुर में इतना माहौल ख़राब हो गया था कि गहलोत सरकार को Internet blackout in Udaipur करना पड़ा था। मामला जब कई दिनों पहले पुलिस के संज्ञान में आ गया था, जब कन्हैया लाल ने पुलिस से इन लोगों को लेकर शिकायत की थी तो फिर पुलिस ने गंभीरता क्यों नहीं दिखाई ? क्या पुलिस किसी अनहोनी के इंतजार में थी ?
देश में जिस तरह से नफरत का जहर घोला जा रहा है। ऐसे में Kanhaiya lal Murder Case जैसे दूसरे मामलों के आगे न होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। देश में जाति धर्म के नाम पर जहर घोलने वालों को सबक सिखाने की जरूरत है। यदि इसी तरह से युवाओं के मन में नफरत का जहर घोला जाता रहा तो वह दिन दूर नहीं कि और भी माहौल बिगड़ने लगे।
डॉ. पुष्पा सिंह विसेन