Jignesh Mevani MLA Arrested
Jignesh Mevani MLA Arrested : जिग्नेश मेवाणी की मुश्किल कम होने का नाम नही ले रहीं पहले असम पुलिस ने जिग्नेश मेवाणी को असम पुलिस ने PM के खिलाफ आपत्तिजनक Tweet मामले पर गिरफ्तार कर लिया कुछ दिन में जमानत मिलने के बाद उन्हे महिला पुलिस से बदत्तमीजी करने के मामले में पुलिस ने फिर धर लिया और अह 2017 के मेहसाणा में अनुमति के बिना रैली निकालने के मामले में गिरफ्तार कर लिया ।
गुजरात मेहसाणा की एक अदालत ने विधायक जिग्नेश मेवाणी और पाटीदारों और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता रेशमा पटेल सहित 10 लोगों को तीन महीने जेल की सज़ा सुनाई है। जिसमे जिग्नेश मेवाणी को गिरफ्तार (Jignesh Mevani MLA Arrested) कर लिया गया है। इसके साथ ही सभी पर 1 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया हैं।
क्या हुआ आज –
बता दे कि 2017 में मेहसाणा से धनेरा तक आजादी मार्च निकालने के मामले में सजा सुनाई गई हैं। सभी पर सरकारी अनुमति के बिना ही मार्च निकालने में दोषी पाया गया है। हालाँकि 10 अभियुक्तों में से एक की अब मौत हो चुकी है, जबकि एक फरार हैं।
बता दे कि गुजरात राज्य के जिग्नेश मेवाणी बनासकांठा ज़िले की वडगाम विधानसभा सीट से निर्दलीय से विधायक है। जिन्हे PM पर ट्वीट (Jignesh Mevani Tweet on PM) करने के चलते भी इसी महीने गिरफ्तार किया गया था। असम पुलिस से रात 12 बजे जिग्नेश मेवाणी को गिरफ्त मे ले लिया था।
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इस मामले में मेहसाणा के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी JA परमार ने कहा, “रैली करना अपराध नहीं है, लेकिन बिना अनुमति के रैली करना अपराध है.” परमार ने यह भी कहा कि “अवज्ञा को कभी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।”
वहीं दूसके पक्ष के वकील MN मलिक के अनुसार, ”नेशनल दलित राइट्स फोरम के नेतृत्व में 2017 के दंगों के ख़िलाफ़ जुलाई 2017 में मेहसाणा से धनेरा तक एक रैली का आयोजन किया गया था। सभी अभियुक्तों को आईपीसी की धारा 143 के तहत सज़ा सुनाई गई है। इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ हम उच्च अदालत में जाएंगे”
क्या था मामला –
गिरफ्तारी के मामले की बात करें तो 12 जुलाई, 2017 को, ऊना में कुछ दलितों की सार्वजनिक पिटाई के एक वर्ष होने पर दलितो के खिलाफ हुई हिंसा को चिह्नित करने के लिए मेवानी और उनके सहयोगियों ने मेहसाणा से धनेरा जो कि बनासकांठा जिले में स्थित है तक एक ‘आजादी कूच’ का नेतृत्व किया था। दलितों की पिटाई के मामले में राज्य में बड़े पैमाने पर आंदोलन हुआ था।
10 आरोपियों मे से एक कौशिक परमार ने मेहसाणा के कार्यकारी मजिस्ट्रेट से राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के बैनर तले रैली की अनुमति मांगी थी, जो जिग्नेश द्वारा स्थापित एक संगठन है और इसे शुरू में अनुमति दी गई थी। हालांकि बाद में प्राधिकरण ने इसे रद्द कर दिया, लेकिन आयोजकों ने फिर भी रैली निकाली और मामला दर्ज कर लिया गया।
जिग्नेश के साथ अन्य लोगो पर इजाजत के बिना मार्च निकालने पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 143 तहत गैरकानूनी सभा का मामला दर्ज किया था। मेहसाणा पुलिस ने मामले में 12 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। जिग्नेश अभी ही प्रधानमंत्री के खिलाफ किये गए ट्वीट (Jignesh Mevani Tweet on PM) के चलते अदालत के चक्कर लगा रहे थे।
JNU के कन्हैया कुमार भी है आरोपी –
बता दे कि JNU से चर्ची में आए नेता कन्हैया कुमार जो कि इस समय कांग्रेस में कार्यरत है वे भी इसी मामले में जिग्नेश मेवाणी के साथ आरोपी है लेकिन उन पर इस मामले पर सुनवाई अलग से की जाएगी क्योकि कन्हैया कुमार पिछले साल अप्रैल में आरोपियों के खिलाफ अदालत द्वारा आरोप तय करने के समय अनुपस्थित थे इसलिए अदालत ने उनकी सुनवाई के लिए अलग से मुकदमा चलाना तय किया।
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एक कयास ये भी लगाए जा रहे कि जिग्नेश को लेकर पुलिस और प्रशासन की अति सक्रियता और उनकी गिरफ्तारी (Jignesh Mevani MLA Arrested) ये बता रही कि 2022 के गुजरात चुनाव में जिग्नेश कुछ कमाल दिखा सकते है क्योकि वे चर्चा का विषय बने हुए है BJP भी चाहती है कि AAP की जगह कांग्रेस ही मुख्य विपक्षी पार्टी बने क्याोकि BJP कांग्रेस से ज्यादा AAP से गुजरात में खतरा महसूस कर रहीं।