द न्यूज 15
नई दिल्ली। नोएडा के जागरूक लोगों ने तमाम सोसाइटीज और सेक्टरों के लोगों से बात की है जिसमें एक बात साफ है कि माहौल इस बार पंकज सिंह के खिलाफ है । लोगों का कहना है कि ऐसा विधायक नही चाहिए जिसका नंबर तक जनता के पास न हो । ज्ञातव्य हो कि सोसाइटीज और सेक्टरों का वोट भाजपा का वोट माना जाता है और खासकर नोएडा में गढ़वाली समाज का वोट भाजपा के पक्ष में जाता है । अब ये स्थिति बैसी नहीं है जैसी पहले थी अब लगभग सोसाइटीज में 2 धड़े हैं एक वर्ग भाजपा के साथ है तो दूसरा वर्ग समाजवादी पार्टी के साथ है ।
उधर ग्रामीण इलाकों, कच्ची कॉलोनी, झुग्गियों का वोट समाजवादी पार्टी का मजबूत वोट बैंक रहा है । वर्तमान में यह वोट बैंक और मजबूत हुआ है क्योंकि समाजवादी पार्टी प्रत्यासी सुनील चौधरी निरंतर 5 साल लोगों के बीच रहे हैं इसका लाभ समाजवादी पार्टी को मिलना तय है।
अब ब्राह्मण फैक्टर को लें तो बसपा से कृपा राम शर्मा भी किसी हद तक ब्राह्मण वोट को अपने पक्ष में लेने में सफल होंगे जिससे वह ब्राह्मण वोट जो भाजपा का वोट माना जाता है योगी से नाराजगी के कारण बसपा को जाता दिख रहा है जिसका नुकसान भी भाजपा प्रत्यासी पंकज सिंह को होना तय है ।
कांग्रेस से पंखुड़ी पाठक के उतरने से मुकाबला और रोचक हो गया है कांग्रेस का कोई बड़ा वोट बैंक नोएडा में पहले से रहा नहीं है लेकिन सोसाइटीज और सेक्टरों से जो भी वोट पंखुड़ी पाठक को मिलेगा वह भी भाजपा की झोली से ही जायेगा साथ ही कुछ महिला वोट भी पंखुड़ी को मिल सकता है । कुल मिलाकर भाजपा प्रत्यासी पंकज सिंह से नाराजगी के कारण भाजपा का वोट बिखर रहा है जिसका प्रत्यक्ष लाभ समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सुनील चौधरी को मिलता दिख रहा है., क्योंकि पहले भी सुनील चौधरी को लगभग 60 हज़ार के आसपास वोट मिले थे जो कि अब दोगुने होने की संभावना है । फैक्टरियों में काम करने बाले मजदूर भी पलायन को भूले नहीं हैं ऐसे में गरीब ,मजदूर, वर्कर्स का वोट भी सत्ता के खिलाफ जाना तय है ।
व्यापारी और उद्योगपति भी भाजपा सरकार की नीतियों से खुश नहीं हैं लिहाजा चाहे पार्किंग का मुद्दा हो या उद्योगों को संरक्षण का मामला हो कहीं न कहीं भाजपा का वोट बिखर रहा है जिससे नोएडा की सीट पर पंकज सिंह की पराजय स्पष्ट दिखाई दे रही है । युवा रोजगार को लेकर भाजपा से नाराज है ,फ्लैट ओनर्स रजिस्ट्री को लेकर पहले ही भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं ऐसे में बयार भाजपा के विरुद्ध है जिसका लाभ समाजवादी प्रत्यासी सुनील चौधरी को मिलना तय है। इस बार कड़ाके की सर्दी और कोरोना के बढ़ते मामले भी वोट प्रतिशत को प्रभावित करेंगे जिससे वोट लगभग 40 से 45% ही होने की संभावना है ।
(नोएडा के जागरूक निवासियों से संवाद पर आधारित रिपोर्ट)