
इलाके में इस वक्त हर किसी की आंखे यहां नम है,वे बस किसी तरह अपना घर बचाना चाहते है। वो घर जहां उनका जन्म हुआ,वो घर जहां वे पले-बड़े,वो घर जहां उन्होंने अपनी जिंदगी की सारी जमा-पूंजी उस घर पर लगा दी। नोटिस आने के बाद हमने कई लोदों से बातचीत कि जिसमें जनता ने सरकार का पुरजोर विरोध किया। उन्होंने कहा कि वे इस जमीन पर पिछले 30-40 साल से रह रहे है,उनका आधार कार्ड,पेन कार्ड ,वोटर आईडी कार्ड सब यही का है जब इसी पते पर चीज़े बन रही थी और उनसे उनकी जमीन के बदले उनसे पैसे लिए गए थे इतना ही नहीं वहां की पुलिस और किले वाले उनसे पैसें खा रहें थे,तब ये चीजें सरकार को क्यों नहीं याद आई।
क्या सिर्फ गरीब जनता वोट मात्र का एक जरिया है। इलाके केै लोगों का आरोप है कि जानबूझकर उन्हें सताया जा रहा है। जो सरकार बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं की बात करती है वो ही सरकार बच्चों के भविष्य को खतरे में डाल रही हैं। जहां झुग्गी वही मकान का जो वादा किया गया था वो वादे कहां धरे के धरे रह गए?
DDA अवैध कब्ज़े के नाम पर जानबूझकर कर रही है तोड़-फोड़
आपकों बतां दे पिछले साल से केंद्रीय शाखा DDA राजधानी के अलग-अलग इलाकों में घरों और दुकानों को अवैध कब्ज़े के नाम पर लगातार तोड़ कर रही है। अप्रैल 2022 में जहांगीरपुरी में डेमोलिशन सांप्रदायिक तनाव के चलते हुआ। मुस्लिम बहुसंख्यक क्षेत्र में डेमोलिशन का दौर चलता आ रहा है। बाबरपुर, मौजपुर, मदनपुर खादर, शाहीन बाग जैसे इलाकों में बुल्डोजर पहुंचा तो था लेकिन कुछ जगहों में जाति-धर्म के विभाजन को खारिज करते हुए एकताबद्ध तरीके से बुलडोज़र का सामना किया गया, बल्कि ऐसे टक्कर देने वाले कालिंदी कुंज के लोगों पर पुलिस ने दंगे करवाने का आरोप लगा केस भी डाला जो आज तक चल रहा है।
टेंशन के कारण बॉडी पैरैलाइज
नोटिस आने के बाद घर पर बुल्डोजर चलने की टेंशन के कारण एक परिवार के सदस्य के शरीर का एक हिस्सा पैरैलाइज हो गया। उस फैमली का कहना है कि उनके पास खाने के पैसे ही बड़ी मुश्किल से जमा हो पाते है। अब ऐसे में घर छिन जाने के डर से उनका सुख चैन सब छीन गया है। वो दूसरों के घरों में काम कर के अपना पेट पालते है अगर उनका घर छीन गया तो वह अपने अपंग पति को लेकर कहा जायेगी।