इस्लामिक शासन के खिलाफ लोगों मे रोष,कहा हमें ऐसी सरकार नहीं चाहिए, जो बच्चों का कत्लेआम करती हो

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ईरान में पहले जहां बीते तीन महीनों से चल रहे हिजाब विवाद (Iran Hijab Row) के चलते सैकड़ों लोगों को जान से हाथ से हाथ धोना पड़ा।और आखिर में इरान की सरकार को लोगों के समर्थन में झुकना पड़ा।वही अब इरान के लोगों ने इस्लामिक शासन के खिलाफ एक बार फिर विरोध छेड़ दिया है,और सड़कों पर उतर आई है। लोग सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खुमैनी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी जाहेदान में ‘तानाशाह को मौत, खुमैनी को मौत’ के नारे लगाए गए। उनका आरोप है कि ये सकरार उनका दमन करती है।

इस्लामिक शासन को खत्म करने की मांग

शुक्रवार को बड़ी संख्या में लोग सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए प्रदर्शनकारियों के 40 दिन पूरे होने पर उनकी कब्रों पर भी जमा हुए। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि खुमैनी को मौत की सजा सुनाई जाये। आक्रोशित महिलाओं का कहना है कि उन्हें ऐसी सरकार नहीं चाहिए,जो उनके बच्चों को खुलेआम कत्ल कर रही है। अब ये लड़ाई सिर्फ हिजाब की अनिवार्यता खत्म करने की नहीं है, बल्कि इस्लामिक शासन को ही खत्म करने की है।

महिलाओं के लिए लोकतांत्रिक अधिकारों की मांग

ईरान में कानून है कि एक पिता अपनी ही गोद ली हुई बेटी से शादी कर सकता है। सोचिए एक पिता जो बचपन से एक बच्ची को अपनी गोद में खिलाता हो, उसे छोटे से बड़ा होता हुआ देखता हो वह उससे शादी भी कर सकता है। हम महिलाओं के लिए पूर्ण और लोकतांत्रिक अधिकारों की मांग कर रहे हैं। जब तक अधिकार नहीं मिल जाते, हम सड़कों पर विरोध करते रहेंगे।

इससे पहले 300 से ज्यादा लोगों को जान धोना पड़ा था हाथ

ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शनों पर कार्रवाई के चलते 300 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।वहीं इसके चलते 1400 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया गया था जिनमें से कुछ पर तो मुकदमें भी दर्ज किए गए थे।

सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने पर दी फांसी

ईरान में 22 साल के मोहम्मद गोबाद्लू को कोर्ट नेअपना पक्ष रखने दिये बिना,कोर्ट में उसे बचाव के लिए वकील उपलब्ध कराए बगैर जज ने फांसी की सजा सुना दी। क्योंकि उसने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। पहले तो मोहम्मद गोबाद्लू को गिरफ्तार किया गया और खूब प्रताड़ित किया गया। इसलिए सरकार का ये अत्याचार अब हम नहीं सहेंगे,और जब-तक इस्लामिक शासन का खात्मा ना हो जाये तब तक ये आंदोलन जारी रहेगा।

 

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