सीता कुंड में देखा तर्पण विधि और कर्मकांड
गया। भारत में फ्रांस के राजदूत थिएरी मथौ इन दिनों बिहार दौरे पर हैं। शनिवार को वह देश और विदेश में मोक्ष स्थली के रूप में चर्चित गया पहुंचे, जहां उन्होंने पिंडदान और तर्पण के कर्मकांडों को नजदीक से देखा और समझा। पितृपक्ष मेला में लाखों की संख्या में लोग देश-विदेश से गया आते हैं और अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और तर्पण करते हैं। बताया जाता है कि फ्रांस के भारत में राजदूत ने इच्छा जाहिर की थी कि वह पितृपक्ष मेला को नजदीक से देखना चाहते हैं। शनिवार को उन्होंने सीता कुंड पहुंचकर पिंडदानियों द्वारा किए जा रहे तर्पण को देखा और समझा कि किस प्रकार से वह तर्पण करते हैं।
गया के जिला पदाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने उन्हें पितृपक्ष मेला के अवसर पर देश-विदेश से आने वाले सभी तीर्थ यात्रियों के लिए राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा दी जा रही सुविधाओं के बारे में बताया। जिला पदाधिकारी ने बताया कि वर्ष 2022 के पहले तीर्थ यात्री नदी में बालू पर बैठकर पिंडदान करते थे। फल्गु नदी पितृपक्ष मेला अवधि में ज्यादातर सूखी रहती थी। लेकिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2022 में गया जी डैम का निर्माण कराया और व्यवस्था की गई कि सालों भर इस नदी में पानी रहे। इस प्रयास से सभी तीर्थ यात्री काफी प्रसन्न दिखे हैं।
उन्होंने बताया कि साल दर साल तीर्थयात्रियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, इसलिए राज्य सरकार हर वर्ष नई व्यवस्था कर रही है। गया एवं बोधगया के हर घरों तक एवं सभी पिंड वेदी स्थल पर गंगाजल पहुंचाया गया है, जिससे लोग काफी प्रसन्न हैं। इसके अलावा इस वर्ष गंगाजल को पैकेजिंग कराकर तीर्थ यात्रियों के बीच उपहार स्वरूप वितरित किया जा रहा है। फ्रांस के भारत में राजदूत थिएरी मथौ ने इन सभी कार्यों को देखकर मुख्यमंत्री और राज्य सरकार के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने जिला पदाधिकारी, अन्य प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारी की प्रशंसा करते हुए कहा कि इतनी बड़ी भीड़ को सही से नियंत्रित किया जा रहा है।