लाइलाज नहीं है क्लब फुट : डॉ गौतम, क्लब फुट पीड़ित बच्चों की जिला संयुक्त अस्पताल शिकोहाबाद में निःशुल्क उपचार की व्यवस्था
फिरोजाबाद | नगला सूरज निवासी श्रीकांत के आठ माह के बच्चे गोलू का संयुक्त जिला अस्पताल में क्लब फुट (टेढ़े-मेढ़े पैर) का निःशुल्क उपचार चल रहा है| पेशे से खेती का काम करने वाले श्रीकांत बच्चे को सही समय पर इलाज मिलने से खुश हैं| उन्होंने बताया कि गाँव की आशा और आँगनवाड़ी की मदद से पहले बच्चे की जाँच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर की गयी, फिर बाद में शिकोहाबाद भेजा गया|
श्रीकांत के बच्चे की तरह ही अन्य छह और बच्चों का उपचार संयुक्त जिला अस्पताल में निशुल्क चल रहा है|
संयुक्त जिला अस्पताल के ऑर्थों सर्जन डॉ. आकाश गौतम ने बताया कि क्लब फुट एक जन्मजात विकृति है जिसमें बच्चे के पैर के पंजे अंदर की ओर मुड़े होते हैं या उनमें कुछ कमियां होती हैं ऐसे बच्चों का इलाज अब संभव हो गया है। इस विकृति को पोनसेटी पद्धति से पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। मिरेकल फीट फाउंडेशन फॉर एलिमिनेटिंग ने क्लब फुट बीमारी दूर करने का यह बीड़ा उठाया है।
संयुक्त जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एसपी शर्मा ने कहा कि अस्पताल में क्लब फुट क्लीनिक की शुरुआत सितंबर 2022 से हो चुकी है और छह बच्चों का उपचार भी शुरू हो चुका है। बच्चों का उपचार मिरेकल फीट संस्था के सहयोग से डॉ. आकाश गौतम और उनकी टीम द्वारा किया जा रहा है।
अस्पताल प्रबंधक डॉ. साने आलम ने बताया कि पूरे उपचार चक्र के दौरान मिरेकल फीट संस्था के कर्मचारी उपचार के बारे में जानकारी एवं परामर्श प्रदान करते हैं।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के डीईआईसी मैनेजर मनीष गोयल ने बताया कि हमारी टीम क्लब फुट ग्रसित बच्चों को चिन्हित करने तथा उनका उपचार कराने में संस्था की मदद कर रही है। मिरेकल फीट फाउंडेशन के ब्रांच मैनेजर विशाल सक्सेना ने कहा कि बच्चों में क्लबफुट का उपचार के लिए संस्था ने आरबीएसके और एनएचएम के साथ करार किया है जिसके तहत बच्चों के निशुल्क उपचार की व्यवस्था अस्पताल में की गई है।
संस्था के प्रोग्राम एग्जीक्यूटिव सत्येंद्र सिंह ने कहा कि संस्था क्लब फुट बच्चों का उपचार के दौरान प्लास्टर व विशेष प्रकार के जूते भी प्रदान करती है।
तीन चरणों में होता उपचार : डॉ आकाश गौतम ने बताया कि पोनसेटी पद्धति से क्लब फुट बच्चों का उपचार तीन चरणों में किया जाता है। कास्टिंग, टेनोटोमी और ब्रेसिंग। उन्होंने कहा कि हजारों बच्चों में से कोई एक बच्चा क्लबफुट जैसी अवस्था में होता है और जन्म के एक माह के बाद ही इसका उपचार शुरू किया जा सकता है।