वन विभाग नुकसान का कर रहा है आकलन
लाखों-करोड़ों की दुर्लभ जड़ीबूटियां जलने के अनुमान
राजगीर। राजगीर। राजगीर के जंगल में गुरुवार को भयानक आग लग गई, जिसमें खरपतवार, दुर्लभ जड़ी बूटियां, नये पेड़ पौधों झुलसकर बर्बाद हो गया है। वन्य जीवों के जानमाल की क्षति का अनुमान लगाया जा रहा है। वन कर्मियों द्वारा जानपर खेलकर अग्निशमन दल के सहयोग से करीब सात घंटे की कड़ी मशक्कत बाद आग पर काबू पाया गया है।
यह अगलगी की घटना विश्व शांति स्तूप और विपुलगिरी की उपत्यका में आयुध निर्माणी के पीछे हुई है। इस अग्निकांड में वन विभाग का फॉरेस्ट गार्ड रजनीकांत बुरी तरह झुलस गया है। उनका इलाज अस्पताल में कराया जा रहा है। आग को बुझाने में अग्निशमन विभाग के छह दमकल, वन विभाग के एक दमकल के अलावे वन विभाग और नगर परिषद के दर्जनों टैंकर को शामिल किया गया था।
घटना स्थल पर खुद एसडीओ कुमार ओमकेश्वर, सीडीपीओ प्रदीप कुमार, अनुमंडल अग्निशमन पदाधिकारी रविंद्र राम, वनों के क्षेत्र पदाधिकारी अरुण कुमार एवं अन्य पदाधिकारी आग पर काबू पाने तक तैनात रहे। वनों के क्षेत्र पदाधिकारी की माने तो जंगल में आग आयुध निर्माण की गलती से लगी है। उन्होंने बताया कि आयुध निर्माणी कैंपस में खरपतवार को जलाने के लिए बुधवार की सुबह आज लगाई गई थी।
उसकी सूचना पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को नहीं दी गई थी। आयुध निर्माणी कैंपस के आग की चिंगारी से जंगल में आग लगने की बात उन्होंने बताया। आग देखते देखते दावानल बन गया। पछुआ हवा में आग बहुत तेजी से करीब एक किलोमीटर वन क्षेत्र में फैल गई। आग लगने की सूचना उन्हें करीब 10:00 बजे सुबह मिली है।
सूचना मिलते ही विभागीय दमकल के साथ 50 से अधिक वनकर्मी आग पर काबू पाने में जुट गये। वन विभाग के करीब 50 कर्मी आग बुझाने में लग रहे जिसमें फॉरेस्ट गार्ड रजनीकांत बुरी तरह झुलस गया है। उन्होंने बताया कि आग पर काबू पाने में अग्निशमन विभाग के छह दमकल गाड़ियों और करीब 30 कर्मियों द्वारा आग पर काबू पाने में कड़ी मशक्कत की गई है।
वनों के क्षेत्र पदाधिकारी ने बताया कि इस अग्निकांड में वन विभाग को हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। जंगल में लगाये गये नये पेड़ पौधे इस अग्निकांड में में बुरी तरह तबाह हुआ है। लाखों- करोड़ों की दुर्लभ जड़ीबूटियां जलकर खाक हो गयी है। उन्होंने बताया कि जंगल की आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया है। बावजूद जिस क्षेत्र में आग लगी है उस क्षेत्र की निगरानी वनकर्मियों द्वारा किया जा रहा है।