किसान हक लेकर रहेंगे…बात से न दोगे तो लड़कर लेंगे, लड़ाई से न मिला तो हिंसा से ले लेंगे- सत्यपाल मलिक ने चेताया

0
161
Spread the love

सत्यपाल ने कहा कि किसानों का मुंह बंद नहीं किया जा सकता। वे जानते हैं कि कैसे अपनी मांगों को मंगवाना है। मांगे नहीं माने जाने पर वे फिर आंदोलन शुरू करेंगे 

द न्यूज 15

नई दिल्ली। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक केंद्र सरकार की आलोचना के लिए सुर्खियों में रहने वाले सत्यपाल मलिक ने एक बार किसान आंदोलन को लेकर सरकार को घेरा है। राजस्थान के जोधपुर में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि अगर किसानों की मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे हिंसा पर उतर आएंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि वह गवर्नर का पद छीने जाने से नहीं डरते।
मलिक ने कहा, ”दिल्ली को मेरी सलाह है कि वह किसानों के साथ न भिड़ें, वे खतरनाक लोग हैं। किसान जो चाहते हैं, वह उसे हासिल कर लेंगे। बातचीत से नहीं मिला तो लड़कर ले लेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो वे हिंसक हो जाएंगे।” बिहार, गोवा और जम्मू-कश्मीर (केंद्र शासित प्रदेश बनने से पहले) के पूर्व राज्यपाल ने यह भी कहा कि वह किसानों के मुद्दों को उठाने के लिए अपना पद खो सकते हैं, लेकिन अपनी आवाज उठाने या राज्यपाल का पद छीने जाने से नहीं डरते।
मलिक ने केंद्र सरकार को किसानों से किए गए सभी वादों को पूरा करने की भी सलाह दी, जिन्होंने इस संबंध में सरकार से आश्वासन दिए जाने पर पिछले साल दिसंबर में कृषि कानूनों के खिलाफ अपना साल भर का आंदोलन समाप्त कर दिया था। उन्होंने कहा, “किसानों का दबाया नहीं जा सकता। वे जानते हैं कि अपनी मांगों को कैसे पूरा कराना रहा। अगर उन्हें दिया गया आश्वासन पूरा नहीं हुआ तो वे अपना विरोध फिर से शुरू करेंगे।”
मेघालय के राज्यपाल ने स्पष्ट किया कि केंद्र के साथ उनकी कोई ‘शत्रुता’ नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं दिल्ली में डेढ़ कमरे के घर में रहता हूं, इसलिए मैं किसानों के मुद्दे पर पीएम मोदी को टक्कर देने में सक्षम हूं।” मलिक ने अपनी पिछली टिप्पणी को दोहराते हुए कहा कि जब वह किसानों के मुद्दे पर पीएम से मिले थे, तो उनका सिर्फ पांच मिनट में झगड़ा हो गया था। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘मैंने उनसे कहा कि सिख और जाट कुछ नहीं भूलते। आपको उन्हें कुछ के देकर भेजना चाहिए।”
सत्यपाल मलिक मारवाड़ जाट महासभा के एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए जोधपुर में थे। वह इससे पहले भी किसानों के मुद्दे पर पीएम और केंद्र के खिलाफ टिप्पणी कर चुके हैं। इस महीने की शुरुआत में हरियाणा में एक कार्यक्रम में उन्होंने दावा किया था कि उनके दोस्तों ने उन्हें सलाह दी थी कि वे भाजपा सरकार की आलोचना न करें क्योंकि अगर वह चुप रहे तो उन्हें राष्ट्रपति या उप-राष्ट्रपति बनाया जा सकता है। उन्होंने तब जोर देकर कहा था कि उन्हें “इन पदों की परवाह नहीं है”।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here