Education Budget 2023– किसी भी इकॉनॉमी सेक्टर में एजुकेशन सेक्टर का विशेष महत्व होता है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतीरमण ने आज यानी 1 फरवरी को वर्ष 2023-24 का आम बजट लोकसभा में पेश किया है। इस दौरान उन्होंने शिक्षा,रोजगार, कौशल के क्षेत्र में महत्वपूर्ण घोषणा की है। वहीं एजुकेशन सेक्टर के लिए भी इस साल के बजट में क्या कुछ नया है इसके बारे में भी स्टूडेंट्स जानना चाहते हैं। तो आज की इस वीडियो में हम आपकों बताएंगे इस साल एजुकेशन सेक्टर के क्षेत्र में क्या कुछ नया है तो एंड में बने रहियेगा…
157 नए नर्सिंग कॉलेज खुलेंगे
केंद्रीय वित्त मंत्री ने आज देश का आम बजट पेश कर दिया है ! इस बार के बजट में एजुकेशन सेक्टर को विशेष महत्व दिया गया ! वित्त मंत्री ने अपने बजट में बच्चों और किशोरों के लिए नेशनल लाइब्रेरी की स्थापना करने की घोषणा की! बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि देश में शिक्षकों की ट्रेनिंग के लिए नए प्रोग्रामों कीं शुरूआत की जायेगी! प्रादेशिक और अंग्रेज़ी भाषा में किताबें दी जाएँगी ! NGO को बढ़ावा दिया जायेगा ताकी साथ मिलकर साक्षरता पर काम किया जा सके !अगले तीन सालों में 38 हज़ार टीचर्स और स्पोर्ट्स टीचर्स की भर्ती की जाएगी! क्योंकि इन स्कूलों के माध्यम सें 3.5 लाख आदिवासी छात्रों को भी शिक्षा दी जाती है ! फार्मा सेक्टर में रिसर्च गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए नई रिसर्च योजना का ऐलान भी किया गया है। जिला स्तर पर शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए डिस्ट्रिक्ट इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग को बढ़ावा दिया जाएगा।
एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में बनेंगे एआई सेंटर
टॉप एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में तीन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोले जाएंगे. इसमें लीडिंग इंडस्ट्री प्लेयर्स पार्टनर होंगे जो रिसर्च में हेल्प करेंगे, नए एप्लीकेशन डेवलेप करने में मदद करेंगे और हेल्थ, एग्रीकल्चर आदि से संबंधित समस्याओं के हल निकालने में सहायता देंगे.
PMPBTG विकास मिशन होगा शुरू
मौजूदा वित्त वर्ष में ये 7 फीसदी है जबकि साल 2023-24 में 6 से 6.8 फीसदी विकास का अनुमान जताया है. बजट पेश करते हुए हुए उन्होंने कहा कि विशेष रूप से जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार हो इसके लिए PMPBTG विकास मिशन शुरू किया जाएगा, ताकि पीबीटीजी बस्तियों को मूलभूत सुविधाएं मिल सके। और उनके जीवन स्तर में विकास हो. आपको बता दें अगले 3 वर्षों में योजना को लागू करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे.
बजट 2023 महत्वपूर्ण स्कीम
सरकार ने बजट में अगले तीन साल में 47 लाख युवाओं को राष्ट्रीय प्रशिक्षुता योजना यानी नेशनल अप्रेंटिस स्कीम का लाभ देने की बात की है।
इसके अलावा सरकार लाखों केंद्रीय कर्मचारियों को स्किल सुधारने का मौका देगी। इसके तहत कर्मचारियों की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए मिशन कर्मयोगी योजना का एलान किया गया है। इस साल शिक्षा पर मेन फोकस रखते हुए सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के तीन उत्कृष्टता केंद्र यानी सेंटर ऑफ इंटेलीजेंस देश के बड़े विश्वविद्यालय खोलने की बात कही है।
डिजिटल लाइब्रेरी का मिलेगा लाभ
केंद्र सरकार ने आम बजट में शिक्षा के क्षेत्र में काफी जोर देने का ऐलान किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसके तहत टीचर्स ट्रेनिंग और बच्चों और किशोरों के लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने की घोषणा की है। लेकिन इससे पहले हम आपको बता दे डिजिटल लाइब्रेरी आखिर होता क्या है? एक डिजिटल लाइब्रेरी एक पुस्तकालय है जिसमें उपलब्ध किताबों के डिजिटल वर्जन मौजूद होते हैं. साथ ही साथ इसमें इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल वर्जन मौजूद होते हैं. साथ ही साथ इसमें इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल फॉर्मेट में टेक्स्ट, फोटो, वीडियो या ऑडियो भी शामिल होते हैं. डिजिटल लाइब्रेरी को कहीं से भी एक्सेस किया जा सकेगा जिससे देश के हर कोने में स्थित छात्रों को इससे लाभ मिलेगा. डिजिटल लाइब्रेरी की संरचना में एक हाई स्पीड लोकल नेटवर्क रिलेशनल डेटाबेस, विभिन्न प्रकार के सर्वर और डॉक्यूमेंट मैनेजमेंट सिस्टम शामिल हैं।
बजट 2022-23
में सरकार ने एजुकेशन सेक्टर के लिए एक लाख चार हजार 277 करोड़ रुपये का आवंटन किया था. जो कि पिछले सालों के मुकाबले काफी अधिक था. शिक्षा बजट में समग्र शिक्षा अभियान के लिए 37,383 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. इसके अलावा आईआईटी के लिये 8,494 करोड़ रुपये, यूजीसी और एआईसीटीई के लिए 5320 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. बजट में डिजिटल एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए फंड का प्रावधान किया गया था.
2023-24 के शिक्षा बजट में क्या है बदलाव
बीते कुछ सालों में शिक्षा के क्षेत्र में कई बदलाव किए गए हैं (Education Budget 2023-2024). नई शिक्षा नीति 2020 लागू होने से भी एजुकेशन सेक्टर में काफी बदलाव देखा गया है. ऐसे में इस साल के आम बजट में शिक्षा के क्षेत्र पर ज्यादा जोर दिए जाने की उम्मीद की जा रही है. लोगों का मानना है कि क्वालिटी एजुकेशन के लिए खर्च बढ़ाया जाना चाहिए.